Kranti Gitanjali

Publisher:
Penguin
| Author:
Suresh Pandey
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
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Penguin
Author:
Suresh Pandey
Language:
Hindi
Format:
Paperback

129

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SKU 9780143468271 Categories , Tag
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112

उठो देश भक्तों की फेहरिस्त में,

बढ़ो नाम अपना लिखाते चलो।

जो रग-रग में भर देवे जोशे वतन,

वह ‘आज़ाद’ गज़लें सुनाते चलो।―भागवत झा ‘आज़ाद’

ये क्रांतिगीत हैं, जिन्हें देश के लोह-लाड़लों ने लिखा और करोड़ों देशवासियों ने गाया और उन्हें अपनी आज़ादी की लड़ाई का अर्थ समझाया। ये गीत रचे गए और रचनाकारों को न जेल के अंधेरे डरा सके, न ब्रिटिश सरकार की यातनाएँ झुका सकीं। क्रांति के ये गीत छपने के साथ ही ब्रिटिश सरकार द्वारा ज़ब्त कर लिए गए थे, पर चलता रहा यह अटूट सिलसिला, इनकी गंजुर से काँपते रहे़ शासकों के कलेजे।

यह पुस्तक अपने-आप में प्रामाणिक ऐतिहासिक दस्तावेज़ है। बिहार राज्य के अभिलेखागार के दस्तावज़ों के आधार पर इन गीतो का संकलन किया गया है। गीतो के साथ जब्ती के शासनादेश मलू-रूप में दिए गए हैं। यह संकलन काव्य-प्रेमियों, जिज्ञासुओं और शोधार्थियों के लिए अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है।

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Description

उठो देश भक्तों की फेहरिस्त में,

बढ़ो नाम अपना लिखाते चलो।

जो रग-रग में भर देवे जोशे वतन,

वह ‘आज़ाद’ गज़लें सुनाते चलो।―भागवत झा ‘आज़ाद’

ये क्रांतिगीत हैं, जिन्हें देश के लोह-लाड़लों ने लिखा और करोड़ों देशवासियों ने गाया और उन्हें अपनी आज़ादी की लड़ाई का अर्थ समझाया। ये गीत रचे गए और रचनाकारों को न जेल के अंधेरे डरा सके, न ब्रिटिश सरकार की यातनाएँ झुका सकीं। क्रांति के ये गीत छपने के साथ ही ब्रिटिश सरकार द्वारा ज़ब्त कर लिए गए थे, पर चलता रहा यह अटूट सिलसिला, इनकी गंजुर से काँपते रहे़ शासकों के कलेजे।

यह पुस्तक अपने-आप में प्रामाणिक ऐतिहासिक दस्तावेज़ है। बिहार राज्य के अभिलेखागार के दस्तावज़ों के आधार पर इन गीतो का संकलन किया गया है। गीतो के साथ जब्ती के शासनादेश मलू-रूप में दिए गए हैं। यह संकलन काव्य-प्रेमियों, जिज्ञासुओं और शोधार्थियों के लिए अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है।

About Author

सुरेश पाण्डेय एक चर्चित लेखक के साथ-साथ सामाजिक कार्यकर्ता भी रहे। वे आपातकाल के दौरान जेल में भी गए और उन्होंने यातनाएं झेली। अनेक स्वतंत्रता सेनानियों से उनके निकट संबंध रहे हैं। उन्होंने इतिहास पर कई शोध ग्रंथ भी लिखे हैं।

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