Bauddh Jeevan Kaise Jiyen

Publisher:
Penguin
| Author:
Rajesh Chandra
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
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Penguin
Author:
Rajesh Chandra
Language:
Hindi
Format:
Paperback

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SKU 9780143468219 Categories , Tag
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240

‘हे बुद्ध, मैं तुमको, धम्म को और संघ को शरणागत हूँ . . . बस, यही त्रिरत्न मेरी कुल संपदा है अन्यथा और कुछ भी नहीं है मेरे पास . . .

बौद्ध धर्म के पालन के लिए किसी भी व्यक्ति को तीन बातों पर अमल करना होगा : पहली उसे सभी सिद्धांतों की जानकारी हो। दूसरी सिद्धांतों को व्यवहार में लाने के लिए रूपरेखा सामने हो। तीसरी रूपरेखा को व्यवहार में उतारने के लिए साहस, संकल्प व अनुशासन हो।

यह पुस्तक पहली दो आवश्यकताओं की पूर्ति करती है, जबकि तीसरी आवश्यकता को पूरा करना आप पर निर्भर है यह धम्म की पुकार थी कि धम्मचारी सुभूति के शृंखलाबद्ध प्रवचनों का अनुवाद करने का विचार मन में उठा। इसी का प्रतिफल यह पुस्तक है, जो हर किसी को धम्म पर चलने और बुद्धत्व प्राप्त करने का मार्ग दिखाएगी।

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Description

‘हे बुद्ध, मैं तुमको, धम्म को और संघ को शरणागत हूँ . . . बस, यही त्रिरत्न मेरी कुल संपदा है अन्यथा और कुछ भी नहीं है मेरे पास . . .

बौद्ध धर्म के पालन के लिए किसी भी व्यक्ति को तीन बातों पर अमल करना होगा : पहली उसे सभी सिद्धांतों की जानकारी हो। दूसरी सिद्धांतों को व्यवहार में लाने के लिए रूपरेखा सामने हो। तीसरी रूपरेखा को व्यवहार में उतारने के लिए साहस, संकल्प व अनुशासन हो।

यह पुस्तक पहली दो आवश्यकताओं की पूर्ति करती है, जबकि तीसरी आवश्यकता को पूरा करना आप पर निर्भर है यह धम्म की पुकार थी कि धम्मचारी सुभूति के शृंखलाबद्ध प्रवचनों का अनुवाद करने का विचार मन में उठा। इसी का प्रतिफल यह पुस्तक है, जो हर किसी को धम्म पर चलने और बुद्धत्व प्राप्त करने का मार्ग दिखाएगी।

About Author

धम्मचारी सुभूति ब्रिटिश मूल के थे तथा पहले एलेक्ज़ेंडर केनेडी के रूप में जाने जाते थे। वह अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त आध्यात्मिक गुरु, बौद्ध धर्म व दर्शन के मर्मज्ञ तथा साधना पद्धतियों के विशेषज्ञ हैं। सहलेखक धम्मचारी कुमारजीव ने महाराष्ट्र के वर्धा जनपद में धम्म का अध्ययन एवं साधना शुरू की। धम्मचारी सुभूति एवं सुवज्र ने उन्हें त्रौलोक्य बौद्ध महासंघ में धम्मचारी की दीक्षा दी। वह एक धम्म-प्रचारक एवं ध्यान-प्रशिक्षक के रूप में जाने जाते हैं।

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