मेघदूत | Meghdoot

Publisher:
Pengiun
| Author:
Kalidas
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Pengiun
Author:
Kalidas
Language:
Hindi
Format:
Paperback

225

Save: 10%

In stock

Ships within:
1-4 Days

In stock

Book Type

ISBN:
SKU 9780143467502 Categories , Tag
Page Extent:
208

मेघदूत एक विख्यात गीतिकाव्य है, जिसमें यक्ष द्वारा मेघ से संदेश ले जाने की प्रार्थना और उसे दूत बनाकर अपनी प्रिय के पास भेजने का वर्णन है।
मेघदूत काव्य दो खंडों में विभक्त है। पूर्वमेघ में यक्ष बादल को रामगिरि से अलकापुरी तक के रास्ते का विवरण देता है और उत्तरमेघ में यक्ष का यह प्रसिद्ध विरहदग्ध संदेश है जिसमें कालिदास ने प्रेमी-हृदय की भावना को उड़ेल दिया है।
इस संस्करण का उद्देश्य विद्यार्थियों, शोधार्थियों और प्रतियोगियों के लिए एक ही स्थान पर सारगर्भित सामग्री को पाठ्यक्रम के अनुसार एवं महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी सहित उपलब्ध कराना है।
मेघदूत के इस संस्करण का हिंदी अनुवाद महान शिक्षाशास्त्री डॉ. भगवतशरण उपाध्याय ने किया है एवं इसकी भूमिका हिंदी साहित्य के द्विवेदी युग के प्रणेता महावीर प्रसार द्विवेदी ने लिखी है।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “मेघदूत | Meghdoot”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Description

मेघदूत एक विख्यात गीतिकाव्य है, जिसमें यक्ष द्वारा मेघ से संदेश ले जाने की प्रार्थना और उसे दूत बनाकर अपनी प्रिय के पास भेजने का वर्णन है।
मेघदूत काव्य दो खंडों में विभक्त है। पूर्वमेघ में यक्ष बादल को रामगिरि से अलकापुरी तक के रास्ते का विवरण देता है और उत्तरमेघ में यक्ष का यह प्रसिद्ध विरहदग्ध संदेश है जिसमें कालिदास ने प्रेमी-हृदय की भावना को उड़ेल दिया है।
इस संस्करण का उद्देश्य विद्यार्थियों, शोधार्थियों और प्रतियोगियों के लिए एक ही स्थान पर सारगर्भित सामग्री को पाठ्यक्रम के अनुसार एवं महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी सहित उपलब्ध कराना है।
मेघदूत के इस संस्करण का हिंदी अनुवाद महान शिक्षाशास्त्री डॉ. भगवतशरण उपाध्याय ने किया है एवं इसकी भूमिका हिंदी साहित्य के द्विवेदी युग के प्रणेता महावीर प्रसार द्विवेदी ने लिखी है।

About Author

सम्राट विक्रमादित्य के नवरत्नों में से एक कालिदास को भारतीय साहित्य व चेतना पर अमिट छाप छोड़ने वाले महाकवि व नाटककार के रूप में मान्यता मिली है। उन्होंने अभिज्ञान शाकुन्तलम्, विक्रमोर्वशीयम् और मालविकाग्निमित्रम् जैसे अद्वितीय नाटक भी लिखे हैं, जिनके द्वारा हम तत्कालीन समय के इतिहास और लोगों की जीवनशैली के बारे में जान पाते हैं। इनका मेघदूत> काव्य इतना प्रसिद्ध हुआ कि इसके कारण न केवल इन्हें महाकवि की उपाधि से विभूषित किया गया, वरन राष्ट्रकवि का स्थान भी इन्हें दिया गया।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “मेघदूत | Meghdoot”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RELATED PRODUCTS

RECENTLY VIEWED