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Karigar
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₹225 ₹158
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यह कहानी एकतरफा प्रेम करने वाले नायक चक्रेश से नफरत करने वाली नायिका चाँदनी की है। कहानी चाहे कितनी भी सहज और सामान्य हो, लेकिन वेदप्रकाश शर्मा इसमें ऐसे घुमाव पैदा करते हैं कि पाठक सोचता रह जाता है आगे क्या होगा? इस दृष्टि से कारीगर उपन्यास खरा उतरता है। संपूर्ण उपन्यास में पाठक पृष्ठ दर पृष्ठ यही सोचता रहता है कि कहानी में आगे क्या होगा और जो आगे होता है वह पाठक की सोच से बहुत आगे का होता है। जहाँ पाठक को लगता है कि यहाँ वही हुआ जो मैंने (पाठक) ने सोचा, ठीक उसके आगामी पृष्ठों पर पता चलता है कि पाठक का दृष्टिकोण गलत था। इस प्रकार उपन्यास की कहानी पाठक की सोच से बहुत दूर निकल जाती है।
यह कहानी एकतरफा प्रेम करने वाले नायक चक्रेश से नफरत करने वाली नायिका चाँदनी की है। कहानी चाहे कितनी भी सहज और सामान्य हो, लेकिन वेदप्रकाश शर्मा इसमें ऐसे घुमाव पैदा करते हैं कि पाठक सोचता रह जाता है आगे क्या होगा? इस दृष्टि से कारीगर उपन्यास खरा उतरता है। संपूर्ण उपन्यास में पाठक पृष्ठ दर पृष्ठ यही सोचता रहता है कि कहानी में आगे क्या होगा और जो आगे होता है वह पाठक की सोच से बहुत आगे का होता है। जहाँ पाठक को लगता है कि यहाँ वही हुआ जो मैंने (पाठक) ने सोचा, ठीक उसके आगामी पृष्ठों पर पता चलता है कि पाठक का दृष्टिकोण गलत था। इस प्रकार उपन्यास की कहानी पाठक की सोच से बहुत दूर निकल जाती है।
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