AZADI AADHII RAAT

Publisher:
HIND POCKET BOOKS PRINTS
| Author:
LAPIERRE, DOMINIQUE
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback

374

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496

‘आजादी आधी रात को’ डोमिनीक लापिएर और लैरी कॉलिन्स की विश्वप्रसिद्ध पुस्तक ’फ्रीडम एट मिडनाइट’ का हिंदी अनुवाद है। माउंटबेटन की मुख्य भूमिका वाली यह पुस्तक हमें बताती है कि अंतिम वायसराय का रुझान बंटवारे के खिलाफ था और अगर उन्हें इस बात का पता चल गया होता कि जिन्ना ‘सिर्फ कुछ महीनों के मेहमान’ है, तो माउंटबेटन बंटवारे के बजाय जिन्ना की मौत तक इंतजार करते। हालांकि यह बात सिर्फ जिन्ना के हिंदू डॉक्टर को पता थी, जिसने अपने मरीज के साथ विश्वासघात नहीं किया। पुस्तक की लेखन-शैली आकर्षक है और पाठक को बांधे रखती है।

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Description

‘आजादी आधी रात को’ डोमिनीक लापिएर और लैरी कॉलिन्स की विश्वप्रसिद्ध पुस्तक ’फ्रीडम एट मिडनाइट’ का हिंदी अनुवाद है। माउंटबेटन की मुख्य भूमिका वाली यह पुस्तक हमें बताती है कि अंतिम वायसराय का रुझान बंटवारे के खिलाफ था और अगर उन्हें इस बात का पता चल गया होता कि जिन्ना ‘सिर्फ कुछ महीनों के मेहमान’ है, तो माउंटबेटन बंटवारे के बजाय जिन्ना की मौत तक इंतजार करते। हालांकि यह बात सिर्फ जिन्ना के हिंदू डॉक्टर को पता थी, जिसने अपने मरीज के साथ विश्वासघात नहीं किया। पुस्तक की लेखन-शैली आकर्षक है और पाठक को बांधे रखती है।

About Author

डोमिनीक लापिएर एक फ्रेंच लेखक थे, जिन्हें भारत सरकार ने समाजसेवा के क्षेत्र में पद्मभूषण से सम्मानित किया था। उधर लैरी कॉलिन्स अमेरिकी लेखक थे। दोनों जब मिले, तो मित्र बन गए और मिलकर लिखने का निर्णय किया। दोनों द्वारा संयुक्त रूप से लिखी गई पहली पुस्तक ‘इज पेरिस बर्निंग?’ थी, जिसकी तीस भाषाओं में लगभग एक करोड़ प्रतियाँ बिकीं। इस पुस्तक में उन्होंने ऐतिहासिक शोध की शास्त्रीय पद्धति और खोजी पत्रकारिता की आधुनिक तकनीक का मिश्रण किया था। फिर तो दोनों ने मिलकर कई किताबें लिखीं, जिनमें ‘इज न्यूयॉर्क बर्निंग?’ उल्लेखनीय है। लापिएर ने ‘सिटी ऑफ जॉय’ की रचना भी की और कोलकाता की गंदी बस्तियों में समाजसेवा का कार्य भी किया।
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