Prem Ya Wasna

Publisher:
HIND POCKET BOOKS PRINTS
| Author:
TOLSTOY, LEO
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback

149

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SKU 9789353493967 Categories , Tag
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12

इस पुस्तक में व्यभिचारी और सदाचारी व्यक्ति का भेद करते हुए एक ऐसी कथा का ताना-बाना बुना गया है, जो हरेक युग में प्रासंगिक रहेगी। इसके लेखक स्पष्ट लिखते हैं कि जो भी वासना की दृष्टि से औरत को देखता है, समझ लो कि वह अपने दिल में उससे व्यभिचार कर चुका है|

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Description

इस पुस्तक में व्यभिचारी और सदाचारी व्यक्ति का भेद करते हुए एक ऐसी कथा का ताना-बाना बुना गया है, जो हरेक युग में प्रासंगिक रहेगी। इसके लेखक स्पष्ट लिखते हैं कि जो भी वासना की दृष्टि से औरत को देखता है, समझ लो कि वह अपने दिल में उससे व्यभिचार कर चुका है|

About Author

टॉलस्टाय उन्नीसवीं सदी के सर्वाधिक सम्मानित लेखकों में से एक हैं। उनका जन्म रूस के एक संपन्न परिवार में हुआ था। उन्होंने रूसी सेना में भर्ती होकर क्रीमियाई युद्ध (1855) में भाग लिया, लेकिन अगले ही वर्ष सेना छोड़ दी। लेखन के प्रति उनकी रुचि सेना में भर्ती होने से पहले ही जाग चुकी थी। उनके उपन्यास युद्ध और शान्ति (1865-69) तथा आन्ना करेनिना (1875-77) साहित्यिक जगत में क्लासिक रचनाएँ मानी जाती है|
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