BULLESHAH

Publisher:
Penguin Random House
| Author:
Singh, Dr Harbhajan & Nadvi, Dr. Shoeb
| Language:
English
| Format:
Paperback

298

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ISBN:
SKU 9789353490096 Category Tag
Category:
Page Extent:
336

यह पुस्तक पंजाबी के प्रसिद्ध संत-कवि बुल्लेशाह के व्यक्तित्व और कृतित्व पर आधारित है। पंजाब की माटी की सौंधी गंध में गूँजता हुआ नाम है बुल्लेशाह, जिन्हें उत्तर भारत के एक अति सम्मानित सूफी कवि का रुतबा हासिल है। उन्होंने हमेशा जाति व्यवस्था को नकारा, पाखंड का विरोध किया, दीवानगी से भरे इश्क़ के कायल रहे, वह भी रब के साथ। उनकी बानी में पंजाब की लोक-संस्कृति कूट-कूटकर भरी थी। बुल्लेशाह वास्तव में जीवन और मानव मात्र के कल्यान के गायक कवि थे।उनकी एक-एक रचना में जीवन और जगत का सत्य झलकता है। इस पुस्तक में उनकी प्रतिनिधि कविताएं पंजाबी और उर्दू में हिंदी व्याख्या के साथ दी गई है|

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Description

यह पुस्तक पंजाबी के प्रसिद्ध संत-कवि बुल्लेशाह के व्यक्तित्व और कृतित्व पर आधारित है। पंजाब की माटी की सौंधी गंध में गूँजता हुआ नाम है बुल्लेशाह, जिन्हें उत्तर भारत के एक अति सम्मानित सूफी कवि का रुतबा हासिल है। उन्होंने हमेशा जाति व्यवस्था को नकारा, पाखंड का विरोध किया, दीवानगी से भरे इश्क़ के कायल रहे, वह भी रब के साथ। उनकी बानी में पंजाब की लोक-संस्कृति कूट-कूटकर भरी थी। बुल्लेशाह वास्तव में जीवन और मानव मात्र के कल्यान के गायक कवि थे।उनकी एक-एक रचना में जीवन और जगत का सत्य झलकता है। इस पुस्तक में उनकी प्रतिनिधि कविताएं पंजाबी और उर्दू में हिंदी व्याख्या के साथ दी गई है|

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यह पुस्तक पंजाबी के प्रसिद्ध संत-कवि बुल्लेशाह के व्यक्तित्व और कृतित्व पर आधारित है। पंजाब की माटी की सौंधी गंध में गूँजता हुआ नाम है बुल्लेशाह, जिन्हें उत्तर भारत के एक अति सम्मानित सूफी कवि का रुतबा हासिल है। उन्होंने हमेशा जाति व्यवस्था को नकारा, पाखंड का विरोध किया, दीवानगी से भरे इश्क़ के कायल रहे, वह भी रब के साथ। उनकी बानी में पंजाब की लोक-संस्कृति कूट-कूटकर भरी थी। बुल्लेशाह वास्तव में जीवन और मानव मात्र के कल्यान के गायक कवि थे।उनकी एक-एक रचना में जीवन और जगत का सत्य झलकता है। इस पुस्तक में उनकी प्रतिनिधि कविताएं पंजाबी और उर्दू में हिंदी व्याख्या के साथ दी गई है|
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