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Gandhivadh Kyun
Publisher:
HIND POCKET BOOKS PRINTS
| Author:
GODSE, GOPAL
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
HIND POCKET BOOKS PRINTS
Author:
GODSE, GOPAL
Language:
Hindi
Format:
Paperback
₹299 ₹209
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In stock
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1-4 Days
In stock
Book Type |
---|
ISBN:
Categories: General Fiction, Hindi
Page Extent:
192
महात्मा गाँधी की हत्या करने वाला नथूराम गोडसे देश का br>संभवतः सबसे विवादास्पद चरित्र है। देश भी उसके इस आचरण को लेकर दो खेमों में विभाजित है। कुछ लोग उसे देशद्रोही मानते हैं, तो कुछ लोग उसे देश का सच्चा सिपाही मानते हुए उसके मंदिर तक बनवाने की पैरवी करते हैं। ऐसे में आम आदमी के मन में यह सवाल कौंधना स्वाभाविक है कि नथूराम गोडसे वास्तव में क्या था? क्या नथूराम गोडसे आतंकवादी था? क्या नथूराम गोडसे देशद्रोही था? क्या नथूराम गोडसे पेशेवर हत्यारा था? अगर नहीं, तो उसने गांधी जी की हत्या क्यों की? वह भारत-विभाजन के लिए गाँधी जी को जिम्मेदार क्यों मानता था? और…क्या सचमुच गाँधी जी ने मुसलमानों के तुष्टिकरण के लिए यह गुनाह कर देश की जनता को धोखा दिया था? नथूराम गोडसे का पक्ष जानने के लिए और गाँधी जी के हत्या के ‘षड्यंत्र’ में शामिल होने के अपराध में उसके भाई आजीवन कारावास भुगतकर 13 अक्तूबर 1964 को मुक्त हुए गोपाल गोडसे द्वारा प्रस्तुत एक ऐतिहासिक दस्तावेज|
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Description
महात्मा गाँधी की हत्या करने वाला नथूराम गोडसे देश का br>संभवतः सबसे विवादास्पद चरित्र है। देश भी उसके इस आचरण को लेकर दो खेमों में विभाजित है। कुछ लोग उसे देशद्रोही मानते हैं, तो कुछ लोग उसे देश का सच्चा सिपाही मानते हुए उसके मंदिर तक बनवाने की पैरवी करते हैं। ऐसे में आम आदमी के मन में यह सवाल कौंधना स्वाभाविक है कि नथूराम गोडसे वास्तव में क्या था? क्या नथूराम गोडसे आतंकवादी था? क्या नथूराम गोडसे देशद्रोही था? क्या नथूराम गोडसे पेशेवर हत्यारा था? अगर नहीं, तो उसने गांधी जी की हत्या क्यों की? वह भारत-विभाजन के लिए गाँधी जी को जिम्मेदार क्यों मानता था? और…क्या सचमुच गाँधी जी ने मुसलमानों के तुष्टिकरण के लिए यह गुनाह कर देश की जनता को धोखा दिया था? नथूराम गोडसे का पक्ष जानने के लिए और गाँधी जी के हत्या के ‘षड्यंत्र’ में शामिल होने के अपराध में उसके भाई आजीवन कारावास भुगतकर 13 अक्तूबर 1964 को मुक्त हुए गोपाल गोडसे द्वारा प्रस्तुत एक ऐतिहासिक दस्तावेज|
About Author
गोपाल गोडसे (मराठीः गोपाल विनायक गोडसे, 1919-2005) हिन्दू महासभा के एक क्रांतिकारी कार्यकर्ता थे। अपने अंतिम दिनों तक उन्हें महात्मा गाँधी के प्रति अपने रवैये पर कभी कोई अफ़सोस नहीं था, वे महात्मा गाँधी को हिंदुस्तान के बंटवारे का दोषी व पक्षपाती मानते रहे|
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