काँग्रेस प्रेसीडेंट्स फाइल्स : (1885-1923) I Congress Presidents Files : (1885-1923)

Publisher:
Prabhat Prakashan Pvt. Ltd.
| Author:
Vishnu Sharma
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
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Prabhat Prakashan Pvt. Ltd.
Author:
Vishnu Sharma
Language:
Hindi
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352

कांग्रेस अध्यक्षों के दिलचस्प तथ्य आपको इस पुस्तक में मिलेंगे। कितने ही अध्यक्षों ने मैकाले का सपना पूरा होने की खुशी जताई थी तो कितनों ने 1857 की प्रथम क्रांति को ‘डार्क एज’ कहा। एक ने कह डाला कि अगर गोहत्या रोकनी है तो सरकार मटन सस्ता कर दे। एक अध्यक्ष को मसजिद तोड़ने के आरोप में 10 साल की सजा हुई थी तो एक ने अधिवेशन में ही मसजिद बनवा डाली। आप अधिवेशनों में ली जाने वाली अंग्रेजी वफादारी की शपथ भी पढ़ेंगे तो ‘इनकलाब जिंदाबाद’ के जनक हसरत मोहानी का हिंदू विरोधी रुख भी।

कोई टीपू सुल्तान का वंशज था तो किसी का खानदान बाबर संग भारत आया था और जिन्ना संग पाकिस्तान चला गया। एक के पुरखे औरंगजेब के शिक्षक रहे थे तो सावरकर को काला पानी की सजा सुनाने वाला जज भी कांग्रेस अध्यक्ष था। एक ने ब्रिटेन की महारानी को अवतार घोषित कर दिया था तो एक ने विक्टोरिया मेमोरियल बनवाया।

आप जानेंगे, कैसे सूत कातने की गांधीजी की शर्त पर नेहरूजी ने इस्तीफा दे दिया था तो मोतीलालजी ने गांधीजी के ‘सत्याग्रह’ व ‘अहिंसा’ के विचारों को खारिज ही कर दिया था। कब जवाहर पिता मोतीलाल नेहरू की अंग्रेजों के प्रति वफादारी पर शर्मिंदा हो गए थे, जानेंगे कि जेल में मोतीलाल नेहरू को रोज आधी बोतल शैंपेन पहुँचाने की बात में कितनी सच्चाई है।

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कांग्रेस अध्यक्षों के दिलचस्प तथ्य आपको इस पुस्तक में मिलेंगे। कितने ही अध्यक्षों ने मैकाले का सपना पूरा होने की खुशी जताई थी तो कितनों ने 1857 की प्रथम क्रांति को ‘डार्क एज’ कहा। एक ने कह डाला कि अगर गोहत्या रोकनी है तो सरकार मटन सस्ता कर दे। एक अध्यक्ष को मसजिद तोड़ने के आरोप में 10 साल की सजा हुई थी तो एक ने अधिवेशन में ही मसजिद बनवा डाली। आप अधिवेशनों में ली जाने वाली अंग्रेजी वफादारी की शपथ भी पढ़ेंगे तो ‘इनकलाब जिंदाबाद’ के जनक हसरत मोहानी का हिंदू विरोधी रुख भी।

कोई टीपू सुल्तान का वंशज था तो किसी का खानदान बाबर संग भारत आया था और जिन्ना संग पाकिस्तान चला गया। एक के पुरखे औरंगजेब के शिक्षक रहे थे तो सावरकर को काला पानी की सजा सुनाने वाला जज भी कांग्रेस अध्यक्ष था। एक ने ब्रिटेन की महारानी को अवतार घोषित कर दिया था तो एक ने विक्टोरिया मेमोरियल बनवाया।

आप जानेंगे, कैसे सूत कातने की गांधीजी की शर्त पर नेहरूजी ने इस्तीफा दे दिया था तो मोतीलालजी ने गांधीजी के ‘सत्याग्रह’ व ‘अहिंसा’ के विचारों को खारिज ही कर दिया था। कब जवाहर पिता मोतीलाल नेहरू की अंग्रेजों के प्रति वफादारी पर शर्मिंदा हो गए थे, जानेंगे कि जेल में मोतीलाल नेहरू को रोज आधी बोतल शैंपेन पहुँचाने की बात में कितनी सच्चाई है।

About Author

विष्णु शर्मा पत्रकारिता में विगत 25 वर्षों से सक्रिय हैं; प्रिंट, टी.वी., न्यूज साइट और यूट्यूब - सभी विधाओं में कार्यरत रहे हैं। अमर उजाला, न्यूज24, इंडिया न्यूज आदि मीडिया समूहों से जुड़े रहे हैं। इतिहास और फिल्मों में चलनेवाले एजेंडे के खिलाफ उनका काफी काम है, फैक्ट चेकिंग पर उनके बहुत से लेख और वीडियो विभिन्न न्यूज साइट्स व यूट्यूब चैनल का हिस्सा हैं। जी न्यूज, वन इंडिया, प्रजातंत्र आदि से बतौर फिल्म समीक्षक जुड़े हैं। मुंबई में ई24 चैनल लॉञ्चिंग में उनकी अहम भूमिका रही। इंटरनेशनल फिल्म फेस्टीवल (IFFI), गोवा समेत विभिन्न फिल्म समारोहों की ज्यूरी में रहे हैं; कई साहित्यिक समारोहों एवं टीवी बहसों का भी हिस्सा रहते आए हैं। उनकी पुस्तकें 'इंदिरा फाइल्स', 'गुमनाम नायकों की गौरवशाली गाथाएँ' और 'इतिहास के 50 वायरल सच' काफी लोकप्रिय हुई हैं। बच्चों की एक एनिमेशन फिल्म '4th ईडियट' के गीत व डायलॉग लिख चुके हैं। अनु मलिक के संगीत से सजा श्रीराम मंदिर पर उनका एक गीत जी म्यूजिक ने जारी किया है। दिल्ली के इतिहास पर दैनिक जागरण में उनका कॉलम 'दौर-ए-दिल्ली' काफी चर्चित रहा है। महावीर चक्र विजेताओं पर उनकी कहानियाँ ऑडिबल एप पर नीलेश मिश्रा के शो 'योद्धा' का हिस्सा बनी हैं। ए.बी.पी. न्यूज उन्हें बेस्ट ब्लॉगर अवॉर्ड से और डॉ. राजेंद्र प्रसाद का पारिवारिक ट्रस्ट 'देशरत्न सम्मान' से सम्मानित कर चुका है।

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