Vinod Kumar Shukla : Khirki Ke Andar Aur Bahar (HB)

Publisher:
Radhakrishna Prakashan
| Author:
Yogesh Tiwari
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Radhakrishna Prakashan
Author:
Yogesh Tiwari
Language:
Hindi
Format:
Hardback

240

Save: 20%

In stock

Ships within:
1-4 Days

In stock

Weight 0.26 g
Book Type

Availiblity

ISBN:
SKU 9788183616102 Category
Category:
Page Extent:

‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ यशस्वी कवि-कथाकार विनोद कुमार शुक्ल का सुप्रसिद्ध उपन्यास है। योगेश तिवारी ने ‘विनोद कुमार शुक्ल : खिड़की के अन्दर और बाहर’ में इस उपन्यास का गम्भीर विश्लेषण किया है। पुस्तक में पाँच अध्याय हैं—‘ग़रीबी में भी सुख’, ‘महाविद्यालय की वापसी’, ‘पर्यावरण संवेदना’, ֹ‘भाषा की अर्थ-छटाएँ’ और ‘कितना सुख था’। इनमें बिलकुल नए तरीक़े से उपन्यास की अन्तर्वस्तु और अभिव्यक्ति का आलोचनात्मक अध्ययन है। लेखक ने प्रामाणिकता और तर्क पद्धति का विशेष ध्यान रखा है।
योगेश तिवारी ने इस बहुचर्चित उपन्यास पर विभिन्न आलोचकों द्वारा प्रस्तुत विचारों को भी ध्यान में रखा है। आवश्यकतानुसार उनसे संवाद व प्रतिवाद भी किया है। इसी प्रकिया में विनोद कुमार शुक्ल के लेखन की विशिष्टता रेखांकित होती है।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Vinod Kumar Shukla : Khirki Ke Andar Aur Bahar (HB)”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Description

‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ यशस्वी कवि-कथाकार विनोद कुमार शुक्ल का सुप्रसिद्ध उपन्यास है। योगेश तिवारी ने ‘विनोद कुमार शुक्ल : खिड़की के अन्दर और बाहर’ में इस उपन्यास का गम्भीर विश्लेषण किया है। पुस्तक में पाँच अध्याय हैं—‘ग़रीबी में भी सुख’, ‘महाविद्यालय की वापसी’, ‘पर्यावरण संवेदना’, ֹ‘भाषा की अर्थ-छटाएँ’ और ‘कितना सुख था’। इनमें बिलकुल नए तरीक़े से उपन्यास की अन्तर्वस्तु और अभिव्यक्ति का आलोचनात्मक अध्ययन है। लेखक ने प्रामाणिकता और तर्क पद्धति का विशेष ध्यान रखा है।
योगेश तिवारी ने इस बहुचर्चित उपन्यास पर विभिन्न आलोचकों द्वारा प्रस्तुत विचारों को भी ध्यान में रखा है। आवश्यकतानुसार उनसे संवाद व प्रतिवाद भी किया है। इसी प्रकिया में विनोद कुमार शुक्ल के लेखन की विशिष्टता रेखांकित होती है।

About Author

योगेश तिवारी

जन्म : 1983; देवरिया, उत्तर प्रदेश।

बचपन गाँव में बीता।

कलकत्ता विश्वविद्यालय से हिन्दी में एम.ए. करने के बाद जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई

दिल्ली से एम.फ़िल.।          

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Vinod Kumar Shukla : Khirki Ke Andar Aur Bahar (HB)”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RELATED PRODUCTS

RECENTLY VIEWED