Neelkanthi Braj

Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
| Author:
इन्दिरा गोस्वामी
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
Author:
इन्दिरा गोस्वामी
Language:
Hindi
Format:
Hardback

139

Save: 1%

In stock

Ships within:
1-4 Days

In stock

Book Type

Availiblity

ISBN:
SKU 9788126340798 Category
Category:
Page Extent:
124

नीलकंठी ब्रज –
ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित असमिया की लब्धप्रतिष्ठ रचनाकार इन्दिरा गोस्वामी का उपन्यास ‘नीलकंठी ब्रज’ धर्म, संस्कृति, परम्परा और समाज से जुड़े कुछ महत्त्वपूर्ण प्रश्नों को आकार देता है। यह उपन्यास ‘ब्रजमंडल’ की लीलाभूमि को स्त्री-जीवन की कठिन परीक्षाभूमि के रूप में उपस्थित करता है। रस, रास और रहस्य के मिथकीय परिवेश को इन्दिरा गोस्वामी ने दारुण वास्तविकताओं के प्रकाश में ला खड़ा किया है। भारतीय समाज में स्त्रियों के एकाकीपन और परावलम्बन का चित्रण करते हुए लेखिका ने वस्तुतः सभ्यता-विमर्श किया है।
अनेकानेक अनाम विधवाओं के बीच सौदामिनी ‘नीलकंठी ब्रज’ का केन्द्रीय चरित्र है। विधवाओं के जीवन की भयावहता पाठकों को विचलित कर देगी। पुरुषवर्चस्व की घृणित परिणतियाँ उन स्त्रियों का शोषण करती हैं जिन्हें लेखिका ने ‘ब्रज में रहने वाली प्रेतात्माएँ’ कहा है। ये विधवाएँ ‘राधेश्यामी स्त्रियाँ’ हैं, जिनकी हँसी भी भीषण है- ‘उनकी हँसी इस तरह कर्कश थी, मानो अस्थियों का खड़ताल बज उठा हो।’ उपन्यास बहुत सारी ज़िन्दगियों का सार-असार व्यक्त करता है। रूढ़ियों-बेड़ियों में छटपटाते स्त्री जीवन का यह यथार्थ पढ़कर महाप्राण निराला की कविता ‘विधवा’ का स्मरण हो आना स्वाभाविक है।
दिनेश द्विवेदी ने इस कृति का असमिया से हिन्दी में अनुवाद किया है। दिनेश द्विवेदी एक ‘मूलभावान्वेषी अनुवादक’ हैं। कहना न होगा कि मौलिक आस्वाद अक्षुण्ण है। पाठकों की चेतना को झकझोरने वाला अत्यन्त महत्त्वपूर्ण उपन्यास।—सुशील सिद्धार्थ

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Neelkanthi Braj”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Description

नीलकंठी ब्रज –
ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित असमिया की लब्धप्रतिष्ठ रचनाकार इन्दिरा गोस्वामी का उपन्यास ‘नीलकंठी ब्रज’ धर्म, संस्कृति, परम्परा और समाज से जुड़े कुछ महत्त्वपूर्ण प्रश्नों को आकार देता है। यह उपन्यास ‘ब्रजमंडल’ की लीलाभूमि को स्त्री-जीवन की कठिन परीक्षाभूमि के रूप में उपस्थित करता है। रस, रास और रहस्य के मिथकीय परिवेश को इन्दिरा गोस्वामी ने दारुण वास्तविकताओं के प्रकाश में ला खड़ा किया है। भारतीय समाज में स्त्रियों के एकाकीपन और परावलम्बन का चित्रण करते हुए लेखिका ने वस्तुतः सभ्यता-विमर्श किया है।
अनेकानेक अनाम विधवाओं के बीच सौदामिनी ‘नीलकंठी ब्रज’ का केन्द्रीय चरित्र है। विधवाओं के जीवन की भयावहता पाठकों को विचलित कर देगी। पुरुषवर्चस्व की घृणित परिणतियाँ उन स्त्रियों का शोषण करती हैं जिन्हें लेखिका ने ‘ब्रज में रहने वाली प्रेतात्माएँ’ कहा है। ये विधवाएँ ‘राधेश्यामी स्त्रियाँ’ हैं, जिनकी हँसी भी भीषण है- ‘उनकी हँसी इस तरह कर्कश थी, मानो अस्थियों का खड़ताल बज उठा हो।’ उपन्यास बहुत सारी ज़िन्दगियों का सार-असार व्यक्त करता है। रूढ़ियों-बेड़ियों में छटपटाते स्त्री जीवन का यह यथार्थ पढ़कर महाप्राण निराला की कविता ‘विधवा’ का स्मरण हो आना स्वाभाविक है।
दिनेश द्विवेदी ने इस कृति का असमिया से हिन्दी में अनुवाद किया है। दिनेश द्विवेदी एक ‘मूलभावान्वेषी अनुवादक’ हैं। कहना न होगा कि मौलिक आस्वाद अक्षुण्ण है। पाठकों की चेतना को झकझोरने वाला अत्यन्त महत्त्वपूर्ण उपन्यास।—सुशील सिद्धार्थ

About Author

इन्दिरा गोस्वामी - जन्म: गुवाहाटी (असम) में। शिक्षा : एम.ए., पीएच.डी.। असमिया में लगभग एक दर्जन उपन्यास और सैकड़ों कहानियाँ। प्रमुख रचनाएँ: 'चेनाबार सोत', 'नीलकंठी ब्रज', 'अहिरन', 'मामरे धारा तरोवाल', 'दाताल हातीर उवे खोवा हावदा', 'तेज अरू धूलि धूसरित पृष्ठ', 'ब्लड-स्टेंड पेज़िज', 'छिन्नमस्ता' (उपन्यास); 'चिनाकी मरम', 'कइना', 'हृदय एक नदीर नाम', 'प्रिय गल्पो', 'लाल नदी' (कहानी-संग्रह); 'रामायण फ्रॉम गंगा टु ब्रह्मपुत्र' (विवेचना); 'आधा लेखा दस्तावेज़' (आत्मकथा)। अनेक रचनाएँ हिन्दी, अंग्रेज़ी के अलावा अन्य भारतीय भाषाओं में भी अनूदित। ज्ञानपीठ पुरस्कार, साहित्य अकादेमी पुरस्कार, असम साहित्य सभा पुरस्कार, भारत निर्माण पुरस्कार, कथा पुरस्कार, अन्तर्राष्ट्रीय ज्यूरी अवॉर्ड, अन्तर्राष्ट्रीय तुलसी अवॉर्ड आदि अनेक पुरस्कारों से सम्मानित।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Neelkanthi Braj”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RELATED PRODUCTS

RECENTLY VIEWED