Indradhanush

Publisher:
HIND POCKET BOOKS PRINTS
| Author:
KOHLI, NARENDRA
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback

175

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ISBN:
Page Extent:
160

इस कहानी-संकलन की कहानियों में बनते-बिगड़ते मानवीय संबंधों का जबर्दस्त चित्रण हुआ है। जैसे कि, परिस्थितियाँ कई बार ऐसा मोड़ लेती हैं कि अपने परायों में तब्दील हो जाते हैं . . . समय ऐसा अंतराल पैदा करता है कि वर्षों बाद पुराने शहर में जाने पर पूर्व प्रेमिका से मिलने का भी संयोग नहीं बन पाता . . . जिन बच्चों को माँ-बाप अपना पेट काटकर बड़ा करते और काबिल बनाते हैं, बुढ़ापे में कई बार वे ही बच्चे उन्हें खाने के लिए भी तरसा देते हैं . . . पत्नी पति से काम कराने के तरीके ढूँढ़ ही लेती है . . . गलत के खिलाफ़ बोलने वाले की छवि ऐसी बन जाती है, जैसे वह सब जगह काम बिगाड़ता फिरता हो . . . आदि।

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  1. Naveen Sharma

    नरेंद्र कोहली जी की पुस्तकें सदैव जीवन के प्रति आपको नया दृष्टिकोण प्रदान करती हैं। उनके पौराणिक लेखन में भी आपको वर्तमान जीवन की अनेक दुविधाओं का समाधान मिल जाता है। 2019 में प्रकाशित यह पुस्तक कहानी संग्रह है। संबंधों, मित्रता और सामाजिक समस्या पर आधारित कहानियां आपको प्रभावित करती हैं। निर्भया केस को भी कहानी रूप में प्रस्तुत किया गया है। पढ़ने योग्य पुस्तक

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Description

इस कहानी-संकलन की कहानियों में बनते-बिगड़ते मानवीय संबंधों का जबर्दस्त चित्रण हुआ है। जैसे कि, परिस्थितियाँ कई बार ऐसा मोड़ लेती हैं कि अपने परायों में तब्दील हो जाते हैं . . . समय ऐसा अंतराल पैदा करता है कि वर्षों बाद पुराने शहर में जाने पर पूर्व प्रेमिका से मिलने का भी संयोग नहीं बन पाता . . . जिन बच्चों को माँ-बाप अपना पेट काटकर बड़ा करते और काबिल बनाते हैं, बुढ़ापे में कई बार वे ही बच्चे उन्हें खाने के लिए भी तरसा देते हैं . . . पत्नी पति से काम कराने के तरीके ढूँढ़ ही लेती है . . . गलत के खिलाफ़ बोलने वाले की छवि ऐसी बन जाती है, जैसे वह सब जगह काम बिगाड़ता फिरता हो . . . आदि।

About Author

पद्मश्री नरेन्द्र कोहली वर्तमान युग के सबसे लोकप्रिय और प्रतिष्ठित हिन्दी लेखक हैं। रामकथा पर आधारित उनके बृहदाकार उपन्यास ‘अभ्युदय’ ने हिंदी-उपन्यास की धारा बदल दी थी। पांड कथा के आधार पर लिखा गया उनका एक अन्य बृहद उपन्यास ’महासमर’ भी जितना ही ‘अभूदाय’ लोकप्रिय हुआ। उनकी एक अन्य बहुचर्चित उपन्यास-श्रृंखला ‘तोड़ो कारा तोड़ो’ है जो किसी भी भाषा में स्वामी विदेकानंद के जीवन पर रची गई अब तक की दीर्घतम एवं सर्वश्रेष्ठ जो किसी भी भाषा में स्वामी विवेकानंद के औपन्यासिक कृति है। ‘अभिज्ञान’ ‘वसुदेव’, ‘शरनम’, ‘आत्मस्वीकृति’, ‘वरुणपुत्री’, ‘सागर मंथन’, ‘इंद्रधनुष’, आदि उनकी अन्य प्रसिद्ध कृतियाँ हैं। पद्मश्री के अतिरिक्त उन्हें हिंदी अकादमी, दिल्ली के शलाका सम्मान; उत्तरप्रदेश हिंदी संस्थान, लखनऊ के पंडित दीनदयाल उपाध्याय सम्मान; के के बिरला फाउंडेशन, नई दिल्ली के व्यास सम्मान; मध्यप्रदेश शासन, भोपाल के मैथिलीशरण गुप्त राष्ट्रीय सम्मान सहित अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं।
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    नरेंद्र कोहली जी की पुस्तकें सदैव जीवन के प्रति आपको नया दृष्टिकोण प्रदान करती हैं। उनके पौराणिक लेखन में भी आपको वर्तमान जीवन की अनेक दुविधाओं का समाधान मिल जाता है। 2019 में प्रकाशित यह पुस्तक कहानी संग्रह है। संबंधों, मित्रता और सामाजिक समस्या पर आधारित कहानियां आपको प्रभावित करती हैं। निर्भया केस को भी कहानी रूप में प्रस्तुत किया गया है। पढ़ने योग्य पुस्तक

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