SaleHardback
Warren Hastings Ka Sand
Publisher:
Vani Prakashan
| Author:
उदय प्रकाश
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Vani Prakashan
Author:
उदय प्रकाश
Language:
Hindi
Format:
Hardback
₹225 ₹169
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ISBN:
SKU
9789350727065
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
74
“उदय की कहानियों पर हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं और साहित्यिक हलक़ों में जो ‘विमर्श जारी है उसे देखकर लगता है कि सम्पादकों, समीक्षकों और ‘विमर्शकारों’ को वह ज़रूरी दुश्मन मिल गया है, जिसका इन्तज़ार उन्हें बहुत दिनों से था और जिसके बग़ैर हिन्दी की साहित्यिक-संस्कृति के प्रवक्ताओं को अपनी अस्मिता को परिभाषित करना मुश्किल लग रहा था। उदय प्रकाश के लेखन के इर्द-गिर्द एक अच्छा-खासा कुटीर उद्योग विकसित हो चुका है, और डर यह लग रहा है कि कहीं उदय इस बस्ती और इसके शोरो-गुल के ऐसे आदी न हो जायें कि इसके बग़ैर उनका काम ही न चले। या इस उद्योग को चलाये रखने को वे अपनी ज़िम्मेदारी न समझने लगें। दूसरी ‘चिन्ताजनक’ बात यह है कि गो उदय के बिना समकालीन हिन्दी कहानी पर कोई बहस ठीक से नहीं की जा सकती, पर इस केन्द्रीयता के बावजूद उनके काम पर गम्भीर और सार्थक आलोचना ढूँढ़े नहीं मिलती। मुझे लगता है कि उदय के काम पर अच्छी समालोचना उन नये पाठकों और हिन्दीतर भाषा के लेखकों और समालोचकों के बीच से आयेगी, जिन्हें उदय की कहानियों ने अपने ज़ोर से अपनी ओर खींचा है। उदय की कहानियाँ उसी पाठक की तलाश में हैं।’
-असद ज़ैदी
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Description
“उदय की कहानियों पर हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं और साहित्यिक हलक़ों में जो ‘विमर्श जारी है उसे देखकर लगता है कि सम्पादकों, समीक्षकों और ‘विमर्शकारों’ को वह ज़रूरी दुश्मन मिल गया है, जिसका इन्तज़ार उन्हें बहुत दिनों से था और जिसके बग़ैर हिन्दी की साहित्यिक-संस्कृति के प्रवक्ताओं को अपनी अस्मिता को परिभाषित करना मुश्किल लग रहा था। उदय प्रकाश के लेखन के इर्द-गिर्द एक अच्छा-खासा कुटीर उद्योग विकसित हो चुका है, और डर यह लग रहा है कि कहीं उदय इस बस्ती और इसके शोरो-गुल के ऐसे आदी न हो जायें कि इसके बग़ैर उनका काम ही न चले। या इस उद्योग को चलाये रखने को वे अपनी ज़िम्मेदारी न समझने लगें। दूसरी ‘चिन्ताजनक’ बात यह है कि गो उदय के बिना समकालीन हिन्दी कहानी पर कोई बहस ठीक से नहीं की जा सकती, पर इस केन्द्रीयता के बावजूद उनके काम पर गम्भीर और सार्थक आलोचना ढूँढ़े नहीं मिलती। मुझे लगता है कि उदय के काम पर अच्छी समालोचना उन नये पाठकों और हिन्दीतर भाषा के लेखकों और समालोचकों के बीच से आयेगी, जिन्हें उदय की कहानियों ने अपने ज़ोर से अपनी ओर खींचा है। उदय की कहानियाँ उसी पाठक की तलाश में हैं।’
-असद ज़ैदी
About Author
उदय प्रकाश 1952, मध्य प्रदेश के शहडोल (अब अनूपपुर) ज़िले के गाँव सीतापुर में जन्म। सागर वि.वि. सागर और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नयी दिल्ली से शिक्षा प्राप्त। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय और इसके मणिपुर केन्द्र में लगभग चार वर्ष तक अध्यापन। संस्कृति विभाग, मध्य प्रदेश, भोपाल में लगभग दो वर्ष विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी। इसी दौरान ‘पूर्वग्रह’ का सहायक सम्पादन। नौ वर्षों तक टाइम्स ऑफ़ इण्डिया के समाचार पाक्षिक ‘दिनमान’ के सम्पादकीय विभाग में नौकरी। बीच में एक वर्ष टाइम्स रिसर्च फ़ाउंडेशन के स्कूल ऑफ़ सोशल जर्नलिज्म में अध्यापन। लगभग दो वर्ष पी.टी.आई. (टेलीविज़न) और एक वर्ष इंडिपेंडेंट टेलीविज़न में विचार और पटकथा प्रमुख। कुछ समय ‘संडे मेल’ में वरिष्ठ सहायक सम्पादक रहे। इन दिनों स्वतन्त्र लेखन तथा फ़िल्म और मीडिया के लिए लेखन। ‘सुनो कारीगर’, ‘अबूतर-कबूतर’, ‘रात में हारमोनियम, ‘एक भाषा हुआ करती है’, ‘नयी सदी के लिए चयन: पचास कविताएँ’ (कविता संग्रह); ‘दरियाई घोड़ा’, ‘तिरिछ’, ‘और अन्त में प्रार्थना’, ‘पॉल गोमरा का स्कूटर’, ‘पीली छतरी वाली लड़की’, ‘दत्तात्रोय के दुख’, ‘मोहन दास’, ‘अरेबा परेबा’, ‘मैंगोसिल’ (कहानी संग्रह); ‘ईश्वर की आँख’, ‘अपनी उनकी बात’ और ‘नयी सदी का पंचतन्त्र’ (निबन्ध, आलोचना) पुस्तकें प्रकाशित। इसके अलावा लगभग 8 पुस्तकें अंग्रेज़ी में प्रकाशित। ‘पीली छतरी वाली लड़की’ (उर्दू), ‘तिरिछ अणि इतर कथा’, ‘अरेबा परेबा’ (मराठी), ‘मोहन दास’ कन्नड़ में प्रकाशित, पंजाबी, उड़िया, अंग्रेज़ी में प्रकाश्य। ‘लाल घास पर नीले घोड़े’ (मिखाइल शात्रोव के नाटक का अनुवाद और रूपान्तर), ‘कला अनुभव’ (प्रो. हरियन्ना की सौन्दर्यशास्त्रीय पुस्तक का अनुवाद), ‘इन्दिरा गाँधी की आखिरी लड़ाई’ (बी.बी.सी. संवाददाता मार्क टली-सतीश जैकब की किताब का हिन्दी अनुवाद), ‘रोम्यां रोलां का भारत’ (आंशिक अनुवाद और सम्पादन) का अनुवाद। भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार, ओमप्रकाश साहित्य सम्मान, श्रीकान्त वर्मा स्मृति पुरस्कार, मुक्तिबोध पुरस्कार, साहित्यकार सम्मान, हिन्दी अकादेमी, दिल्ली, रामकृष्ण जयदयाल सद्भावना सम्मान, पहल सम्मान, कथाक्रम सम्मान, पुश्किन सम्मान, द्विजदेव सम्मान, साहित्य अकादेमी पुरस्कारों से पुरस्कृत।
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