द नागा स्टोरी I The Naga Story

Publisher:
Prabhat Prakashan Pvt. Ltd.
| Author:
Suman Bajpai
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
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Prabhat Prakashan Pvt. Ltd.
Author:
Suman Bajpai
Language:
Hindi
Format:
Paperback

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184

गुफा में एकदम अँधेरा था। शरीर पर भस्म लगाए जटाधारी साधुओं को वहाँ मौन साधना में लीन देख काँप गए रूमी और शेखर। नागा साधुओं के बारे में जानने की इच्छा उन्हें वहां खींच लाई थी। कोई साधु ध्यानमग्न था, कोई तप में । कोई मौन साधना करता प्रतीत हो रहा था। बर्फीले एकांत में हाड़ कंपा देने वाली ठंड में वे साधक तप कर रहे थे। लंबी-लंबी जटाओं को सिर पर लपेटा हुआ था। ठंड के बावजूद उनकी देह पर कोई कंपन नहीं था मानो मन की दृढ़ता ने देह को भी जड़ बना दिया हो। चेहरे पर रुक्षता, क्रोध को लपटों से आच्छादित पूरा अस्तित्व-निर्विकार, तटस्थ, सांसारिक झंझटों से मुक्त…

इस एकांत दुनिया में कदम रखने से पहले कोई दो बार सोचेगा, पर जिनमें जुनून होता है, कुछ करने का हौसला होता है, उन्हें कैसा डर…कुछ अलग करने को दृढ़ता व्याप्त थी उस शेखर के चेहरे पर…कुछ पल पहले जो डर उत्पन्न हुआ था, वह तिरोहित हो चुका था | रूमी भी आश्वस्त थी उसके साथ। क्‍या वह कोई प्रेमी युगल था जो गलती से घूमता हुआ इन कंदराओं में भटक गया था। क्या ये जानते नहीं कि यहां सामान्य इंसान का आना निषेध है ? इन तपस्वियों का ध्यान भंग करने का दंड क्या हो सकता है, सोचा है इन्होंने या कोई तलाश इन्हें यहां खोंच लाई है?

शिव भक्त, शस्त्रधारी नागा साधुओं का जीवन उनके लिए किसी अनसुलझे रहस्य से कम नहीं था। कुंभ में वे हजारों की संख्या में दिखते हैं और फिर अचानक न जाने कहाँ गायब हो जाते हैं। कौन होते हैं नागा साधु, कैसा होता है उनका जीवन और क्‍यों उन्हें धर्मरक्षक योद्धा कहा जाता है, जानिए इस रोचक व सर्वथा नूतन शैली में लिखे उपन्यास में।

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Description

गुफा में एकदम अँधेरा था। शरीर पर भस्म लगाए जटाधारी साधुओं को वहाँ मौन साधना में लीन देख काँप गए रूमी और शेखर। नागा साधुओं के बारे में जानने की इच्छा उन्हें वहां खींच लाई थी। कोई साधु ध्यानमग्न था, कोई तप में । कोई मौन साधना करता प्रतीत हो रहा था। बर्फीले एकांत में हाड़ कंपा देने वाली ठंड में वे साधक तप कर रहे थे। लंबी-लंबी जटाओं को सिर पर लपेटा हुआ था। ठंड के बावजूद उनकी देह पर कोई कंपन नहीं था मानो मन की दृढ़ता ने देह को भी जड़ बना दिया हो। चेहरे पर रुक्षता, क्रोध को लपटों से आच्छादित पूरा अस्तित्व-निर्विकार, तटस्थ, सांसारिक झंझटों से मुक्त…

इस एकांत दुनिया में कदम रखने से पहले कोई दो बार सोचेगा, पर जिनमें जुनून होता है, कुछ करने का हौसला होता है, उन्हें कैसा डर…कुछ अलग करने को दृढ़ता व्याप्त थी उस शेखर के चेहरे पर…कुछ पल पहले जो डर उत्पन्न हुआ था, वह तिरोहित हो चुका था | रूमी भी आश्वस्त थी उसके साथ। क्‍या वह कोई प्रेमी युगल था जो गलती से घूमता हुआ इन कंदराओं में भटक गया था। क्या ये जानते नहीं कि यहां सामान्य इंसान का आना निषेध है ? इन तपस्वियों का ध्यान भंग करने का दंड क्या हो सकता है, सोचा है इन्होंने या कोई तलाश इन्हें यहां खोंच लाई है?

शिव भक्त, शस्त्रधारी नागा साधुओं का जीवन उनके लिए किसी अनसुलझे रहस्य से कम नहीं था। कुंभ में वे हजारों की संख्या में दिखते हैं और फिर अचानक न जाने कहाँ गायब हो जाते हैं। कौन होते हैं नागा साधु, कैसा होता है उनका जीवन और क्‍यों उन्हें धर्मरक्षक योद्धा कहा जाता है, जानिए इस रोचक व सर्वथा नूतन शैली में लिखे उपन्यास में।

About Author

सुमन बाजपेयी शिक्षा : एम.ए, हिंदी ऑनर्स व पत्रकारिता का अध्ययन। रचना संसार : (कहानी संग्रह) 'खाली कलश ', ' ठोस धरती का विश्वास', ' अग्निदान', 'एक सपने का सच होना', “पीले झूमर', फोटोफ्रेम में कैद हँसी ', 'हमारी-तुम्हारी लब स्टेरीज — 40 प्रेम कहानियाँ ', 'मौसम प्यार के ', कुछ सुलझा, कुछ अनसुलझा', “तुम और मैं', कैनवास के रंग'; (पेरेंटिंग)' अपने बच्चे को विजेता बनाएँ', 'सफल अभिभावक कैसे बनें'; (जीवनी) 'मलाला हूँ मैं', 'इंडियन बिज़नेस बूमेन', 'इंदिरा प्रियदर्शिनी'/ (लोककथा) 'नगालैंड की लोककथाएँ', 'असम की लोककथाएँ'; (बाल साहित्य) 'पिंजरा', 'सीक्रेट कोड और अन्य कहानियाँ, 'गार्डन ऑफ बुक्स व अन्य कहानियाँ', 'मंदिर का रहस्य', “चुलबुलों कहानियाँ', “हमार पोल्टू', तारा की अनोखी यात्रा', “क्रांति का त्रिगुल', क्रिस्टल साम्राज्य '। 160 से अधिक पुस्तकों का अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद। सम्मान : 'श्रीपती शकुंतला देवी व्यास सम्मान', 'सलिला साहित्य रन अलंकरण पुरस्कार', “पत्रकारिता सम्मान', विष्णु कृष्ण चिपलूनकर सम्मान', "श्रीमती शांति देवी मंगीलाल शर्मा हिंदी भाषा बाल पुरस्कार '।

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