SalePaperback
Sakina's Kiss
₹499 ₹424
Save: 15%
The Mahabharata Unabridged Boxset (Vols 10)
₹4,999 ₹3,749
Save: 25%
सुभाष बाबू I Subhash Babu
Publisher:
Hind Pocket Books
| Author:
Chandrachur Ghose
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
₹699 ₹524
Save: 25%
In stock
Ships within:
1-4 Days
In stock
Weight | 590 g |
---|---|
Book Type |
ISBN:
Categories: Hindi, PIRecommends
Page Extent:
730
आम लोग सुभाष चंद्र बोस के गांधी से मतभेद और जर्मनी व जापान की मदद से द्वितीय विश्वयुद्ध में भारत को आज़ाद करवाने के प्रयासों के बारे में जानते हैं। लेकिन अब जो सूचनाएँ सामने आ रही हैं, वो बताती हैं कि उनके देश भर के क्रांतिकारियों से कैसे संबंध थे और अध्यात्म और खुफिया मिशनों से उनको कितना लगाव था। साथ ही, उन्होंने ब्रिटिश भारतीय सेना में विद्रोह पैदा करवाने के क्या-क्या प्रयास किए थे।
प्रश्न यह है कि क्या बोस वाकई नाजियों से सहानुभूति रखते थे? उन्होंने अपनी राजनीतिक छवि दांव पर क्यों लगाई? ऐसे ही कई सवालों के जवाब सुभाष बाबू नाम की यह पुस्तक देती है।
Rated 0 out of 5
0 reviews
Rated 5 out of 5
0
Rated 4 out of 5
0
Rated 3 out of 5
0
Rated 2 out of 5
0
Rated 1 out of 5
0
Be the first to review “सुभाष बाबू I Subhash Babu” Cancel reply
Description
आम लोग सुभाष चंद्र बोस के गांधी से मतभेद और जर्मनी व जापान की मदद से द्वितीय विश्वयुद्ध में भारत को आज़ाद करवाने के प्रयासों के बारे में जानते हैं। लेकिन अब जो सूचनाएँ सामने आ रही हैं, वो बताती हैं कि उनके देश भर के क्रांतिकारियों से कैसे संबंध थे और अध्यात्म और खुफिया मिशनों से उनको कितना लगाव था। साथ ही, उन्होंने ब्रिटिश भारतीय सेना में विद्रोह पैदा करवाने के क्या-क्या प्रयास किए थे।
प्रश्न यह है कि क्या बोस वाकई नाजियों से सहानुभूति रखते थे? उन्होंने अपनी राजनीतिक छवि दांव पर क्यों लगाई? ऐसे ही कई सवालों के जवाब सुभाष बाबू नाम की यह पुस्तक देती है।
About Author
चंद्रचूड़ घोष इतिहास, अर्थशास्त्र और पर्यावरण पर लिखने वाले एक लेखक, शोधार्थी और टिप्पणीकार हैं जिन्होंने विश्वभारती विश्वविद्यालय और यूनिवर्सिटी ऑफ ससेक्स से पढ़ाई की है। घोष ने काननड्रम : सुभाष बोस लाइफ आफ्टर डेथ नाम की किताब का सह-लेखन किया है। वे मिशन नेताजी नामके एक दबाव समूह के संस्थापक रहे हैं जो सुभाषचंद्र बोस से संबंधित गुप्त दस्तावेज़ों को सार्वजनिक किए जाने के पीछे का मुख्य कारक रहा है। --This text refers to the paperback edition.
Rated 0 out of 5
0 reviews
Rated 5 out of 5
0
Rated 4 out of 5
0
Rated 3 out of 5
0
Rated 2 out of 5
0
Rated 1 out of 5
0
Reviews
Clear filtersThere are no reviews yet.
Be the first to review “सुभाष बाबू I Subhash Babu” Cancel reply
YOU MAY ALSO LIKE…
Heisnam Sabitri: The Way of the Thamoi (P.B)
Save: 50%
Jamini Roy: A Painter Who Revisited the Roots (P.B)
Save: 50%
Modern Indian History 2 | Edition (Old E dition)
Save: 40%
Prachin Ewam Purva Madhyakalin Bharat Ka Etihas
Save: 30%
Reviews
Clear filtersThere are no reviews yet.