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BAHUT DOOR, KITNA DOOR HOTA HAI (HYND)
Publisher:
MANJUL PUB. HOUSE
| Author:
NA
| Language:
English
| Format:
Paperback
₹200 ₹180
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ISBN:
SKU
9789387464803
Categories Literature & Translations, PIRecommends
Tag Digital Lifestyle and online world: consumer and user guides
Categories: Literature & Translations, PIRecommends
Page Extent:
16
एक संवाद लगातार बना रहता है अकेली यात्राओं में। मैंने हमेशा उन संवादों के पहले का या बाद का लिखा था… आज तक। ठीक उन संवादों को दर्ज करना हमेशा रह जाता था। इस बार जब यूरोप की लंबी यात्रा पर था तो सोचा, वो सारा कुछ दर्ज करूँगा जो असल में एक यात्री अपनी यात्रा में जीता है। जानकारी जैसा कुछ भी नहीं… कुछ अनुभव जैसा.. पर ठीक अनुभव भी नहीं। अपनी यात्रा पर बने रहने की एक काल्पनिक दुनिया। मानो आप पानी पर बने अपने प्रतिबिंब को देखकर ख़ुद के बारे में लिख रहे हों। वो ठीक मैं नहीं हूँ… उस प्रतिबिंब में पानी का बदलना, उसका खारा-मीठा होना, रंग, हवा, सघन, तरल, ख़ालीपन सब कुछ शामिल हैं। इस यात्रा-वृत्तांत को लिखने के बाद पता चला कि असल में मैं इस पूरी यात्रा में एक पहेली की तलाश में था… जिसका जवाब यह किताब है। —मानव कौल
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Description
एक संवाद लगातार बना रहता है अकेली यात्राओं में। मैंने हमेशा उन संवादों के पहले का या बाद का लिखा था… आज तक। ठीक उन संवादों को दर्ज करना हमेशा रह जाता था। इस बार जब यूरोप की लंबी यात्रा पर था तो सोचा, वो सारा कुछ दर्ज करूँगा जो असल में एक यात्री अपनी यात्रा में जीता है। जानकारी जैसा कुछ भी नहीं… कुछ अनुभव जैसा.. पर ठीक अनुभव भी नहीं। अपनी यात्रा पर बने रहने की एक काल्पनिक दुनिया। मानो आप पानी पर बने अपने प्रतिबिंब को देखकर ख़ुद के बारे में लिख रहे हों। वो ठीक मैं नहीं हूँ… उस प्रतिबिंब में पानी का बदलना, उसका खारा-मीठा होना, रंग, हवा, सघन, तरल, ख़ालीपन सब कुछ शामिल हैं। इस यात्रा-वृत्तांत को लिखने के बाद पता चला कि असल में मैं इस पूरी यात्रा में एक पहेली की तलाश में था… जिसका जवाब यह किताब है। —मानव कौल
About Author
कश्मीर के बारामूला में पैदा हुए मानव कौल, होशंगाबाद (म.प्र.) में परवरिश के रास्ते पिछले 20 सालों से मुंबई में फ़िल्मी दुनिया, अभिनय, नाट्य-निर्देशन और लेखन का अभिन्न हिस्सा बने हुए हैं। अपने हर नए नाटक से हिंदी रंगमंच की दुनिया को चौंकाने वाले मानव ने अपने ख़ास गद्य के लिए साहित्य-पाठकों के बीच भी उतनी ही विशेष जगह बनाई है। इनकी पिछली तीनों किताबें—‘ठीक तुम्हारे पीछे’, ‘प्रेम कबूतर’ और ‘तुम्हारे बारे में’ दैनिक जागरण नीलसन बेस्टसेलर में शामिल हो चुकी हैं। यह इनकी चौथी किताब है, जो एक नया और अलग क़िस्म का यात्रा-वृत्तांत लेखन भी है। इस किताब में मानव कौल ने मई-जून 2019 के बीच यूरोप के अलग-अलग स्थानों पर की गई अपनी एकल यात्रा को दर्ज किया है।.
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