आज के दौर में कई रिश्ते बदल गए हैं। मानवीय रिश्ते ही नहीं, रोटी और भूख के रिश्ते भी—तन और वस्त्र के रिश्ते भी—इंसान और समाज के रिश्ते भी। इन रिश्तों में शून्यता का एहसास मानव जीवन के लिए बहुत बड़ी त्रासदी है। इन्हीं शून्यता और सन्नाटे को ही तो कवि शब्द देता है तब काव्य के रूप में वह हमें उन पहलुओं से साक्षात्कार का मौक़ा देता जो हमारी दृष्टि ही नहीं कल्पना से भी ओझल होता है। रश्मि गुप्ता के यहाँ संवेदना का यही रंग हावी है जिसको उन्होंने सामाजिक यथार्थ की कसौटी पर ढाला है।
‘सिर्फ़ तुम’ की कवयित्री का यह पहला काव्य-संग्रह भी इस बात के साक्ष्य के लिए काफ़ी है कि नींद के आलम में अचेतन जिस तरह बिम्बों, इशारों और मवाद का तालमेल से सपने बुनता है रश्मि के यहाँ वही काम रचनात्मक क्रिया के दौरान चेतना अंजाम देती है।
आज के दौर में कई रिश्ते बदल गए हैं। मानवीय रिश्ते ही नहीं, रोटी और भूख के रिश्ते भी—तन और वस्त्र के रिश्ते भी—इंसान और समाज के रिश्ते भी। इन रिश्तों में शून्यता का एहसास मानव जीवन के लिए बहुत बड़ी त्रासदी है। इन्हीं शून्यता और सन्नाटे को ही तो कवि शब्द देता है तब काव्य के रूप में वह हमें उन पहलुओं से साक्षात्कार का मौक़ा देता जो हमारी दृष्टि ही नहीं कल्पना से भी ओझल होता है। रश्मि गुप्ता के यहाँ संवेदना का यही रंग हावी है जिसको उन्होंने सामाजिक यथार्थ की कसौटी पर ढाला है।
‘सिर्फ़ तुम’ की कवयित्री का यह पहला काव्य-संग्रह भी इस बात के साक्ष्य के लिए काफ़ी है कि नींद के आलम में अचेतन जिस तरह बिम्बों, इशारों और मवाद का तालमेल से सपने बुनता है रश्मि के यहाँ वही काम रचनात्मक क्रिया के दौरान चेतना अंजाम देती है।
About Author
रश्मि गुप्ता
रश्मि गुप्ता का जन्म 20 फरवरी, 1985 को सीतामढ़ी, बिहार में हुआ। उन्होंने हिन्दी में एम.ए. और फाइनांस में एम.बी.ए. किया है। वे कविता, कहानी एवं समीक्षा लेखन में सक्रिय हैं। ‘सिर्फ़ तुम’ उनका पहला कविता-संग्रह है। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं—‘पाखी’, ‘आजकल’, ‘हिन्दुस्तान’ आदि में उनकी रचनाएँ प्रकाशित हुई हैं। आकाशवाणी और दूरदर्शन से भी उनकी रचनाओं का प्रसारण हुआ है। उन्हें बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन द्वारा ‘युवा शताब्दी सम्मान’ से सम्मानित किया गया है।
सम्प्रति : असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, आर्केड बिजनेस कॉलेज, पटना, बिहार।
ई-मेल : rashmiguptadk@gmail.com
Reviews
There are no reviews yet.
Reviews
There are no reviews yet.