श्रीमदभगवद्गीता I Shrimad Bhagwadgita

Publisher:
Penguin
| Author:
Maharishi Vedavyas
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Penguin
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Maharishi Vedavyas
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Hindi
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गीता में 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं, जो सभी महत्त्वपूर्ण हैं। महाभारत में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जो उपदेश दिए थे, वही गीता है। गीता में आत्मा, परमात्मा, भक्ति, कर्म, जीवन आदि का वृहद रूप से वर्णन किया गया है। गीता से हमें यह ज्ञान मिलता है कि व्यक्ति को केवल अपने काम और कर्म पर ध्यान देना चाहिए।
गीता की गणना प्रस्थानत्रयी में की जाती है, जिसमें उपनिषद् और ब्रह्मसूत्र भी सम्मिलित हैं। अतएव गीता का स्थान वही है जो उपनिषद् और धर्मसूत्रों का है। उपनिषदों की अनेक विद्याएँ गीता में हैं। वेदों के ब्रह्मवाद और उपनिषदों के अध्यात्म, इन दोनों की विशिष्ट सामग्री गीता में संनिविष्ट है।

गीता के इस संस्करण में मूल श्लोकों का सरल हिंदी भावार्थ तो दिया ही गया है, साथ ही इसमें दर्जनों आकर्षक रेखाचित्र भी हैं।

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Description

गीता में 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं, जो सभी महत्त्वपूर्ण हैं। महाभारत में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जो उपदेश दिए थे, वही गीता है। गीता में आत्मा, परमात्मा, भक्ति, कर्म, जीवन आदि का वृहद रूप से वर्णन किया गया है। गीता से हमें यह ज्ञान मिलता है कि व्यक्ति को केवल अपने काम और कर्म पर ध्यान देना चाहिए।
गीता की गणना प्रस्थानत्रयी में की जाती है, जिसमें उपनिषद् और ब्रह्मसूत्र भी सम्मिलित हैं। अतएव गीता का स्थान वही है जो उपनिषद् और धर्मसूत्रों का है। उपनिषदों की अनेक विद्याएँ गीता में हैं। वेदों के ब्रह्मवाद और उपनिषदों के अध्यात्म, इन दोनों की विशिष्ट सामग्री गीता में संनिविष्ट है।

गीता के इस संस्करण में मूल श्लोकों का सरल हिंदी भावार्थ तो दिया ही गया है, साथ ही इसमें दर्जनों आकर्षक रेखाचित्र भी हैं।

About Author

गीता का ज्ञान भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को दिया, लेकिन गीता महाभारत का एक अंश है और महाभारत के रचनाकार महर्षि वेदव्यास जी हैं। कृष्णद्वैपायन वेदव्यास महर्षि पराशर और सत्यवती निषाद के पुत्र थे। देवर्षि नारद व्यास जी के गुरू थे। वेदों का विभाजन करने के कारण ही व्यास जी वेदव्यास के नाम से विख्यात हुए।

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