Shaheed Bhagat Singh

Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
| Author:
विष्णु नागर , शृंखला सम्पादक लीलाधर मंडलोई
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Jnanpith Vani Prakashan LLP
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विष्णु नागर , शृंखला सम्पादक लीलाधर मंडलोई
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Hindi
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Hardback

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शहीद भगत सिंह –
इस भारतीय उपमहाद्वीप में आज़ीदी की अलख जगाने वाले सरदार भगत सिंह की जीवन-कथा पढ़ना अपने आप में एक क्रान्तिकारी क़दम है। यदि सरदार भगत सिंह ने क्रान्ति का बिगुल न बजाया होता, आत्मबलिदान तो शायद अंग्रेज़ी कुशासन का दौर और लम्बे अरसे तक चलता। दरअसल, अंग्रेज़ी हुक़ूमत को सबसे ज़्यादा भय क्रान्तिकारियों से ही था। लेखक विष्णु नागर ने भगत सिंह के जीवन-चरित को लिखते समय इस बात का विशेष ध्यान रखा है कि उन घटनाओं का ज़िक्र ज़रूर किया जाये जिन्होंने सरदार भगत सिंह के जीवन की दिशा ही बदल दी और क्रान्तिकारी बना दिया।
सरदार भगत सिंह छोटी उम्र में अपने स्वाध्याय से इतने मज़बूत हो गये थे कि उन पर किसी को बरगलाने वाली बातों का असर नहीं होता था। सरदार भगत सिंह के जीवन के बारे में लिखी यह पुस्तक बच्चों के लिए पठनीय तो है ही, सभी आयु वर्ग के पाठक भी इससे लाभ प्राप्त कर सकते हैं। सरदार भगत सिंह का नाम देश हित में हर स्वतन्त्रता—प्रिय व्यक्ति के लिए बहुत अनुकरणीय है, किन्तु जनता के प्रति उनकी सोच और दृष्टि का फलक बहुत व्यापक नज़र आता है।
आशा है, सरदार भगत सिंह की यह जीवन कथा देशप्रेम की सच्ची भावना पाठकों में जगायेगी।

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Description

शहीद भगत सिंह –
इस भारतीय उपमहाद्वीप में आज़ीदी की अलख जगाने वाले सरदार भगत सिंह की जीवन-कथा पढ़ना अपने आप में एक क्रान्तिकारी क़दम है। यदि सरदार भगत सिंह ने क्रान्ति का बिगुल न बजाया होता, आत्मबलिदान तो शायद अंग्रेज़ी कुशासन का दौर और लम्बे अरसे तक चलता। दरअसल, अंग्रेज़ी हुक़ूमत को सबसे ज़्यादा भय क्रान्तिकारियों से ही था। लेखक विष्णु नागर ने भगत सिंह के जीवन-चरित को लिखते समय इस बात का विशेष ध्यान रखा है कि उन घटनाओं का ज़िक्र ज़रूर किया जाये जिन्होंने सरदार भगत सिंह के जीवन की दिशा ही बदल दी और क्रान्तिकारी बना दिया।
सरदार भगत सिंह छोटी उम्र में अपने स्वाध्याय से इतने मज़बूत हो गये थे कि उन पर किसी को बरगलाने वाली बातों का असर नहीं होता था। सरदार भगत सिंह के जीवन के बारे में लिखी यह पुस्तक बच्चों के लिए पठनीय तो है ही, सभी आयु वर्ग के पाठक भी इससे लाभ प्राप्त कर सकते हैं। सरदार भगत सिंह का नाम देश हित में हर स्वतन्त्रता—प्रिय व्यक्ति के लिए बहुत अनुकरणीय है, किन्तु जनता के प्रति उनकी सोच और दृष्टि का फलक बहुत व्यापक नज़र आता है।
आशा है, सरदार भगत सिंह की यह जीवन कथा देशप्रेम की सच्ची भावना पाठकों में जगायेगी।

About Author

विष्णु नागर - जन्म 14 जून, 1950 । बचपन और छात्र जीवन शाजापुर (मध्य प्रदेश) में बीता। 1971 से दिल्ली में स्वतन्त्र पत्रकारिता। 1974 ये 1997 तक 'नवभारत टाइम्स' के मुम्बई और फिर दिल्ली संस्करण में विशेष संवाददाता समेत विभिन्न पदों पर कार्य किया। इसी बीच जर्मनी में 'डॉयचे वैले' की हिन्दी सेवा में दो वर्ष तक सम्पादक । 1997 से 2002 तक 'हिन्दुस्तान' में विशेष संवाददाता और बाद में 'कादम्बिनी' मासिक के 2008 तक कार्यकारी सम्पादक । क़रीब दो वर्ष तक संडे नई दुनिया के सम्पादक और क़रीब सवा तीन साल तक 'शुक्रवार' समाचार साप्ताहिक के सम्पादक। इस समय स्वतन्त्र लेखन । 7 कविता-संग्रह, 8 कहानी-संग्रह, 8 व्यंग्य-संग्रह, एक उपन्यास, आलोचना और साक्षात्कार की पुस्तक समेत 7 लेख व निबन्ध-संग्रह। 'सहमत' संस्था के लिए तीन संकलनों तथा रघुवीर सहाय पर पुस्तक का सह- सम्पादन। सुदीप बनर्जी की कविताओं के चयन का सम्पादन लीलाधर मंडलोई के साथ। मृणाल पांडे के साथ कादम्बिनी में प्रकाशित हिन्दी के महत्त्वपूर्ण लेखकों द्वारा चयनित विश्व की श्रेष्ठ कहानियों का संचयन-बोलता लिहाफ़। मध्य प्रदेश का 'शिखर सम्मान', 'शमशेर सम्मान', 'व्यंग्य श्री सम्मान', दिल्ली हिन्दी अकादमी का 'साहित्य सम्मान', 'शिवकुमार मिश्र स्मृति सम्मान', उत्तर प्रदेश का 'पत्रकारिता शिरोमणि', 'रामनाथ गोयन्का सम्मान' आदि । सम्पर्क : ए-34 नवभारत टाइम्स अपार्टमेंट, मयूर विहार फ़ेज़-1, नयी दिल्ली-110091

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