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Sardiyon Ka Neela Akash (HB)
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Sardiyon Ka Neela Akash (PB)
Publisher:
Rajkamal
| Author:
JAISHANKAR
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Rajkamal
Author:
JAISHANKAR
Language:
Hindi
Format:
Paperback
₹250 ₹200
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ISBN:
SKU
9789393768193
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
हमारा जीवन घटनाओं की स्थूल शृंखला भर नहीं होता। क्रियाओं और प्रतिक्रियाओं के मशीनी क्रम के समानांतर मन की भित्ति पर घटित होने वाला एक और जीवन हम जीते रहते हैं। आशा, आकांक्षा, हताशा, पश्चाताप, प्रेम और स्मृतियों का जीवन जिससे हम अपने एकांत में संवाद करते हैं। होने के दायित्व तले दबी हमारे आत्मबोध की एक बाँह जो हमें अपने होने के प्रति सचेत भी रखती है, हमें वापस स्थूल संसार में जाने का हौसला भी देती है, हमें सँभालती भी है।
हिंदी में जिन कुछ कहानीकारों ने मनुष्य के आस्तित्विक यथार्थ के इस पक्ष को प्रकाशित किया है उनमें जयशंकर भी शामिल हैं। जयशंकर की कहानियों में मनःस्थितियों के स्ट्रोक्स एक चित्रकथा की सी बिम्बावली बनाते हैं, जिनके बीच से गुज़रते हुए हमें अपना अतीत, बीते हुए वे क्षण जिन्हें रोज़मर्रा की भागदौड़ में हम अनदेखा किए रहते हैं, स्मृति की कौंध में झिलमिलाते दिखने लगते हैं।
प्रकृति का सजीव, साँस लेता सुदीर्घ लैंडस्केप, हल्की गर्द की तरह धूप में तैरती उदासी, ज़िन्दगी का ठहराव, दिनों का दोहराव, नासूर की तरह दुखता व्यर्थता बोध और एक सूक्ष्म दुख जो आत्मा के ख़ालीपन से, अस्तित्व की अपूर्णता से उपजता है, उनकी इन कहानियों का भूगोल है।
सर्दियों का नीला आकाश जयशंकर का नया कहानी संग्रह है। अपने अलग-अलग परिवेश में अपने-अपने जीवन के अर्थान्वेषण में डूबे इन कहानियों के पात्र हम पाठकों को मनुष्य के रूप में अपनी इयत्ता के प्रति नए सिरे से सजग और संवेदनशील बनाते हैं।
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Description
हमारा जीवन घटनाओं की स्थूल शृंखला भर नहीं होता। क्रियाओं और प्रतिक्रियाओं के मशीनी क्रम के समानांतर मन की भित्ति पर घटित होने वाला एक और जीवन हम जीते रहते हैं। आशा, आकांक्षा, हताशा, पश्चाताप, प्रेम और स्मृतियों का जीवन जिससे हम अपने एकांत में संवाद करते हैं। होने के दायित्व तले दबी हमारे आत्मबोध की एक बाँह जो हमें अपने होने के प्रति सचेत भी रखती है, हमें वापस स्थूल संसार में जाने का हौसला भी देती है, हमें सँभालती भी है।
हिंदी में जिन कुछ कहानीकारों ने मनुष्य के आस्तित्विक यथार्थ के इस पक्ष को प्रकाशित किया है उनमें जयशंकर भी शामिल हैं। जयशंकर की कहानियों में मनःस्थितियों के स्ट्रोक्स एक चित्रकथा की सी बिम्बावली बनाते हैं, जिनके बीच से गुज़रते हुए हमें अपना अतीत, बीते हुए वे क्षण जिन्हें रोज़मर्रा की भागदौड़ में हम अनदेखा किए रहते हैं, स्मृति की कौंध में झिलमिलाते दिखने लगते हैं।
प्रकृति का सजीव, साँस लेता सुदीर्घ लैंडस्केप, हल्की गर्द की तरह धूप में तैरती उदासी, ज़िन्दगी का ठहराव, दिनों का दोहराव, नासूर की तरह दुखता व्यर्थता बोध और एक सूक्ष्म दुख जो आत्मा के ख़ालीपन से, अस्तित्व की अपूर्णता से उपजता है, उनकी इन कहानियों का भूगोल है।
सर्दियों का नीला आकाश जयशंकर का नया कहानी संग्रह है। अपने अलग-अलग परिवेश में अपने-अपने जीवन के अर्थान्वेषण में डूबे इन कहानियों के पात्र हम पाठकों को मनुष्य के रूप में अपनी इयत्ता के प्रति नए सिरे से सजग और संवेदनशील बनाते हैं।
About Author
जयशंकर
जयशंकर का जन्म 25 दिसम्बर, 1959 को नागपुर, महाराष्ट्र में हुआ। नागपुर विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र में एम.ए. किया। भारतीय स्टेट बैंक में कार्यरत रहे फिर वहाँ से ऐच्छिक सेवानिवृत्ति ली।
उनकी प्रकाशित रचनाएँ हैं—शोकगीत, मरुस्थल, लाल दीवारों का मकान, बारिश, ईश्वर और मृत्यु, चेम्बर म्यूज़िक, बचपन की बारिश, प्रतिनिधि कहानियाँ (कहानी-संग्रह); गोधूलि की इबारतें (कथेतर गद्य)। जयशंकर की कहानियों के अनुवाद मराठी, बांग्ला, मलयालम, अंग्रेज़ी और पोलिश में प्रकाशित हुए हैं।
उन्हें ‘विजय वर्मा कथा सम्मान’, ‘श्रीकांत वर्मा स्मृति पुरस्कार’ से सम्मानित किया जा चुका है।
ई-मेल : jayshankar58@gmail.com
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