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Sadharan Se Asadharan
Publisher:
Penguin
| Author:
Sudha Murthy
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
₹250 ₹225
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ISBN:
Categories: Hindi, New Releases & Pre-orders
Page Extent:
232
मिलिए बंडल बिन्दु से, जिन्हें यह नाम इसलिए दिया गया क्योंकि उन्हें अपनी सच्चाई को थोड़ा-सा बढ़ा-चढ़ाकर सुनाना पसंद था, दुकानदार जयन्त जिन्होंने अपने जीवन में कभी लाभ नहीं कमाया और लंच बॉक्स नलिनी–स्वयं सुधा मूर्ति से, जो जहाँ भी जाती हैं अपना खाली लंच बॉक्स लेकर जाती हैं और उसे व्यंजनों से भरकर लाती हैं!
सुधा मूर्ति द्वारा अनूठी शैली में लिखी गई, साधारण से असाधारण हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी और आम लोगों की कमज़ोरियों और विचित्रताओं की एक दिल छू लेने वाली तस्वीर है।
साधारण फिर भी असाधारण कहानी संग्रह में शामिल चौदह कहानियों में सुधा मूर्ति अपने बचपन की यादों, अपने गृह नगर की जीवन-शैली और उन लोगों के बारे में बताती हैं जिनके साथ उन्होंने समय गुज़ारा है। इस पुस्तक के पात्रों के पास न तो धन-संपत्ति है और न ही प्रसिद्धि। वे सीधे-सादे और स्पष्टवादी हैं . . . पारदर्शी और उदार . . . ये कहानियाँ सरल और बड़े दिल वाले, इंसानी कमियों वाले लोगों की हैं।
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Description
मिलिए बंडल बिन्दु से, जिन्हें यह नाम इसलिए दिया गया क्योंकि उन्हें अपनी सच्चाई को थोड़ा-सा बढ़ा-चढ़ाकर सुनाना पसंद था, दुकानदार जयन्त जिन्होंने अपने जीवन में कभी लाभ नहीं कमाया और लंच बॉक्स नलिनी–स्वयं सुधा मूर्ति से, जो जहाँ भी जाती हैं अपना खाली लंच बॉक्स लेकर जाती हैं और उसे व्यंजनों से भरकर लाती हैं!
सुधा मूर्ति द्वारा अनूठी शैली में लिखी गई, साधारण से असाधारण हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी और आम लोगों की कमज़ोरियों और विचित्रताओं की एक दिल छू लेने वाली तस्वीर है।
साधारण फिर भी असाधारण कहानी संग्रह में शामिल चौदह कहानियों में सुधा मूर्ति अपने बचपन की यादों, अपने गृह नगर की जीवन-शैली और उन लोगों के बारे में बताती हैं जिनके साथ उन्होंने समय गुज़ारा है। इस पुस्तक के पात्रों के पास न तो धन-संपत्ति है और न ही प्रसिद्धि। वे सीधे-सादे और स्पष्टवादी हैं . . . पारदर्शी और उदार . . . ये कहानियाँ सरल और बड़े दिल वाले, इंसानी कमियों वाले लोगों की हैं।
About Author
सुधा मूर्ति का जन्म वर्ष 1950 में, उत्तरी कर्नाटक के शिगाँव में हुआ था। उन्होंने कंप्यूटर साइंस में एमटेक किया और अब इंफ़ोसिस फ़ाउंडेशन की चेयरपर्सन हैं। सुधा मूर्ति अंग्रेज़ी और कन्नड़ भाषा की एक सफल लेखिका हैं। उन्होंने उपन्यास, तकनीकी किताबें, यात्रा-वृतांत, लघु कथाओं के संग्रह, नॉन-फ़िक्शन लेख और बच्चों के लिए चार किताबें लिखीं हैं। उनकी पुस्तकों का सभी प्रमुख भाषाओं में अनुवाद किया गया है। सुधा मूर्ति को साहित्य में अपने योगदान के लिए वर्ष 2006 में ‘आर.के. नारायण पुरस्कार’ एवं ‘पद्म श्री’ और वर्ष 2011 में कर्नाटक सरकार द्वारा कन्नड़ साहित्य में उत्कृष्टता के लिए ‘अट्टीमब्बे पुरस्कार’ से सम्मानित किया जा चुका है।
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