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Sachin@50: Bharat Ratna Se Sammanit Sarvpratham Khiladi (Hindi)
Publisher:
Simon & Schuster India
| Author:
BORIA MAJUMDAR
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
₹399 ₹299
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1-4 Days
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ISBN:
SKU 9789392099601 Category Sports
Category: Sports
Page Extent:
348
भारतीयों की दो पीढ़ियों से भी अधिक, और हर जगह से आए क्रिकेट प्रशंसकों के लिए सचिन तेंदुलकर एक ऐसा नाम है जिसने इस ग्रह पर हर जगह, हमेशा दिलों और दरवाज़ों को खोला है। सोशल मीडिया क्रांति के भी दिनों से पहले, सचिन सही मायनों में एक वैश्विक अनुप्रतीक थे। चाहे आप सिडनी में हों या साउथ अफ्रीका में, कोलकाता में हों या किंग्सटन में, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता था, सचिन का नाम ही दो लोगों के बीच बातचीत का सिरा जोड़ने के लिए काफ़ी था। वह करामाती किशोर, 1989 में पाकिस्तान में, अपने नाक से बहते खून के साथ वैश्विक चेतना का अंग बना और उसके बाद बल्लेबाज़ी की दुनिया में एक सनसनी की तरह, खेल जगत की सीमाओं से भी पार हो गया। जैसे कि जेसी ओवेन, अली, पेले और माराडोना ने किया, ठीक उसी तरह सचिन ने भी, भारतीय क्रिकट को वैश्विक तौर पर एक घरेलू नाम बना दिया जिसे कभी कमतर नहीं आँका जा सकता। यह केवल उनके द्वारा बनाए गए रनों के कारण नहीं था। उन्होंने वे रन कैसे बनाए, यह ज़्यादा मायने रखता था उन्होंने अतुलनीय योग्यता के साथ 100 अंतर्राष्ट्रीय शतक बना लिए। हम सचिन के पचासवें जन्मदिन का उत्सव किस रूप में मनाते? एक शिशुवत स्वर वाली जन्मजात प्रतिभा, जिसने किशोरावस्था में ही प्रचुर संख्या में शतक लगाए? या फिर एक ऐसे लीजेंड के तौर पर जिसने भारत को कई बार जीत का सेहरा पहनाया? या फिर एक ऐसा जीनियस, जिसके आसपास, 1990 के दशक में, एक बहुत अच्छे भारतीय पक्ष का निर्माण हुआ? 1980 और 90 के दशक में पले-बढ़े प्रशंसकों की पीढ़ी के लिए पहले सचिन थे और फिर बाक़ी कुछ और आता था। उनमें से कई लोग तो शायद इस दुनिया में भी नहीं होंगे पर उन्होंने अपने बच्चों के साथ जो किस्से बाँटे होंगे, वे हमेशा बने रहेंगे। सचिन के पचासवें जन्मदिन पर उन किस्सों को भी पत्नी शामिल करने का समय आ गया है। भारत और उससे भी परे रहने वालों की जीत ओर से उनके प्रिय स्नेह पात्र को हार्दिक शुभकामनाएँ। सौरव सचिन की तरह, उनके किस्से भी अमिट हैं!
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Description
भारतीयों की दो पीढ़ियों से भी अधिक, और हर जगह से आए क्रिकेट प्रशंसकों के लिए सचिन तेंदुलकर एक ऐसा नाम है जिसने इस ग्रह पर हर जगह, हमेशा दिलों और दरवाज़ों को खोला है। सोशल मीडिया क्रांति के भी दिनों से पहले, सचिन सही मायनों में एक वैश्विक अनुप्रतीक थे। चाहे आप सिडनी में हों या साउथ अफ्रीका में, कोलकाता में हों या किंग्सटन में, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता था, सचिन का नाम ही दो लोगों के बीच बातचीत का सिरा जोड़ने के लिए काफ़ी था। वह करामाती किशोर, 1989 में पाकिस्तान में, अपने नाक से बहते खून के साथ वैश्विक चेतना का अंग बना और उसके बाद बल्लेबाज़ी की दुनिया में एक सनसनी की तरह, खेल जगत की सीमाओं से भी पार हो गया। जैसे कि जेसी ओवेन, अली, पेले और माराडोना ने किया, ठीक उसी तरह सचिन ने भी, भारतीय क्रिकट को वैश्विक तौर पर एक घरेलू नाम बना दिया जिसे कभी कमतर नहीं आँका जा सकता। यह केवल उनके द्वारा बनाए गए रनों के कारण नहीं था। उन्होंने वे रन कैसे बनाए, यह ज़्यादा मायने रखता था उन्होंने अतुलनीय योग्यता के साथ 100 अंतर्राष्ट्रीय शतक बना लिए। हम सचिन के पचासवें जन्मदिन का उत्सव किस रूप में मनाते? एक शिशुवत स्वर वाली जन्मजात प्रतिभा, जिसने किशोरावस्था में ही प्रचुर संख्या में शतक लगाए? या फिर एक ऐसे लीजेंड के तौर पर जिसने भारत को कई बार जीत का सेहरा पहनाया? या फिर एक ऐसा जीनियस, जिसके आसपास, 1990 के दशक में, एक बहुत अच्छे भारतीय पक्ष का निर्माण हुआ? 1980 और 90 के दशक में पले-बढ़े प्रशंसकों की पीढ़ी के लिए पहले सचिन थे और फिर बाक़ी कुछ और आता था। उनमें से कई लोग तो शायद इस दुनिया में भी नहीं होंगे पर उन्होंने अपने बच्चों के साथ जो किस्से बाँटे होंगे, वे हमेशा बने रहेंगे। सचिन के पचासवें जन्मदिन पर उन किस्सों को भी पत्नी शामिल करने का समय आ गया है। भारत और उससे भी परे रहने वालों की जीत ओर से उनके प्रिय स्नेह पात्र को हार्दिक शुभकामनाएँ। सौरव सचिन की तरह, उनके किस्से भी अमिट हैं!
About Author
बोरिया मजूमदार एक रोइस स्कॉलर के रूप में, भारत के सर्वाधिक प्रभावशाली कमेंटेटरों में से एक हैं। 2002 से 2022 के दौरान इंटरनेशनल खेल को कवर करने के अलावा, वे RevSportz के संस्थापक भी है, जो एक मल्टी-स्पोर्ट, मल्टी-लैंग्वेज डिजीटल प्लेटफॉर्म है। मजूमदार ने पिछले बीस वर्षों के दौरान खेलों पर 1500 से अधिक कॉलम लिखे हैं और अनेक पुस्तकों का लेखन और सह-लेखन भी किया है जिनमें मैवेरिक कमिश्नर, इलेवन गॉइस एंड ए बिलियन इंडियन्स, ओलंपिक्सः द इंडिया स्टोरी (नलिन मेहता के साथ) और प्लेइंग इट माई वे सचिन तेंदुलकर्स ऑटोबायोग्राफ़ी उल्लेखनीय हैं। उनका शो, बैकस्टेज विद बोरिया, भारत के सबसे ज़्यादा देखे जाने वाले RevSportz चैट शोज़ में से है।
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