Palayan (HB)
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मानव-मन की बहुस्तरीय जटिलताओं को सरल, पठनीय कथानकों के माध्यम से पाठक तक पहुँचाना एलिस मनरो की कहानियों की विशेषता रही है।
छोटे क़स्बाई परिदृश्य में बुनी गई उनकी ज़्यादातर कहानियाँ ऐसी होती हैं जो अपने छोटे कलेवर में गहरी और व्यापक औपन्यासिक सम्भावनाओं का निर्वाह सफलतापूर्वक करती हैं। रिश्तों की पेचीदगी, नैतिक अन्तर्संघर्ष और स्मृति तथा यथार्थ के तनाव उनकी कहानियों में मुख्य भूमिका निभाते हैं।
‘पलायन’ में उनके मूल कहानी-संग्रह ‘रनअवे’ की कुछ कहानियों का अनुवाद प्रस्तुत किया जा रहा है। 2004 में प्रकाशित इस पुस्तक को कनाडा के शीर्षस्थ साहित्यिक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। आठ कहानियों के इस संग्रह में दाम्पत्य के अन्तर्विरोधों, प्रेम की आकांक्षा, पारिवारिक सम्बन्धों की टूटन और अकेलेपन की विभिन्न छवियों को अंकित किया गया है।
अपनी बौद्धिक क्षमता, आत्मसम्मान और स्वातंत्र्य को लेकर सचेत स्त्रियों का अपने ही क़रीबी लोगों के बीच अकेले पड़ जाना एक आधुनिक घटना है, और इस पुस्तक से गुज़रने के बाद लगता है कि दुनिया के इस सिरे से उस सिरे तक वह एक ही तरह की पीड़ा के साथ घटित होती है।
हिन्दी पाठकों को ये कहानियाँ निश्चय ही अपने बहुत नज़दीक महसूस होंगी!
मानव-मन की बहुस्तरीय जटिलताओं को सरल, पठनीय कथानकों के माध्यम से पाठक तक पहुँचाना एलिस मनरो की कहानियों की विशेषता रही है।
छोटे क़स्बाई परिदृश्य में बुनी गई उनकी ज़्यादातर कहानियाँ ऐसी होती हैं जो अपने छोटे कलेवर में गहरी और व्यापक औपन्यासिक सम्भावनाओं का निर्वाह सफलतापूर्वक करती हैं। रिश्तों की पेचीदगी, नैतिक अन्तर्संघर्ष और स्मृति तथा यथार्थ के तनाव उनकी कहानियों में मुख्य भूमिका निभाते हैं।
‘पलायन’ में उनके मूल कहानी-संग्रह ‘रनअवे’ की कुछ कहानियों का अनुवाद प्रस्तुत किया जा रहा है। 2004 में प्रकाशित इस पुस्तक को कनाडा के शीर्षस्थ साहित्यिक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। आठ कहानियों के इस संग्रह में दाम्पत्य के अन्तर्विरोधों, प्रेम की आकांक्षा, पारिवारिक सम्बन्धों की टूटन और अकेलेपन की विभिन्न छवियों को अंकित किया गया है।
अपनी बौद्धिक क्षमता, आत्मसम्मान और स्वातंत्र्य को लेकर सचेत स्त्रियों का अपने ही क़रीबी लोगों के बीच अकेले पड़ जाना एक आधुनिक घटना है, और इस पुस्तक से गुज़रने के बाद लगता है कि दुनिया के इस सिरे से उस सिरे तक वह एक ही तरह की पीड़ा के साथ घटित होती है।
हिन्दी पाठकों को ये कहानियाँ निश्चय ही अपने बहुत नज़दीक महसूस होंगी!
About Author
एलिस मनरो
जन्म : 10 जुलाई, 1931
शिक्षा : यूनिवर्सिटी ऑफ़ वेस्टर्न, आन्टारियों से अर्जित किया।
‘न्यू यार्कर’ में प्रकाशित प्रतिष्ठित और यशस्वी लेखकों की विशिष्ट मण्डली में उनका भी नाम है तथा कहानियों की माँग कनाडा और अमेरिका की प्रमुख पत्रिकाओं में सदा रहती है। नार्वे से ऑस्ट्रेलिया, विश्व के हर कोने से उन्हें अपनी रचनाओं पर बोलने के लिए आमंत्रित किया जाता रहा है।
पुरस्कार : वर्ष 2013 में ‘नोबल पुरस्कार’ से सम्मानित। ‘डान्स ऑफ़ द हैप्पी शेड्स’ पर 1968 में प्रकाशित पहली पुस्तक ‘कनाडा का गवर्नर जनरल पुरस्कार’ मिला। 1971 में ‘लाइव्स ऑफ़ गर्ल्स एंड वीमेन’ विशेष रूप से लोकप्रिय हुई और उसके बाद 1974 में प्रकाशित ‘समथिंग आई हैव बीन मीनिंग टू टेल यू’ चार साल बाद प्रकाशित कहानी-संग्रह— ‘हु डू यू थिंक यू आर?’ काफ़ी समय तक बेस्ट सेलर पुस्तकों की तालिका में रहने के साथ एलिस मनरो के लिए दूसरा ‘गवर्नर जनरल पुरस्कार’ दिलवाया। ‘द बेगर मेड’ शीर्षक के अन्तर्गत प्रकाशित यह अविस्मरणीय पुस्तक लब्ध प्रतिष्ठित ‘बुकर पुरस्कार’ के लिए दूसरे स्थान पर थी और इसने एलिस मनरो को हमारे युग के महानतम लेखकों की पंक्ति में बैठा दिया। ‘द प्रोग्रेस ऑफ़ लव’ कहानी-संग्रह पर उन्हें तीसरी बार ‘गवर्नर जनरल पुरस्कार’ मिला।
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