Mannat Aur Anya Kahaniyan

Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
| Author:
दामोदर मावज़ो , अनुवाद : रमिता गुरव
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Jnanpith Vani Prakashan LLP
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दामोदर मावज़ो , अनुवाद : रमिता गुरव
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Hindi
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Hardback

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SKU 9789357751124 Category
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162

मन्नत और अन्य कहानियाँ : ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित कोंकणी कथाकार दामोदर मावजो पिछले साठ वर्षों से अपने रचनात्मक योगदान से कोंकणी साहित्य जगत को समृद्ध कर रहे हैं। पुर्तगाली शासन से मुक्त होने के पश्चात् अब तक गोवा के सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, आर्थिक जीवन में जो उतार-चढ़ाव आये हैं उन्हें हम इन कहानियों को पढ़ते हुए महसूस कर सकते हैं।

गोवा की मिट्टी की खुशबू लेकर आनेवाली ये कहानियाँ गोवा की साझी संस्कृति से पाठक का परिचय कराती हैं। कहानीकार की मानवीय एवं प्रगतिशील दृष्टि इन कहानियों का प्राण-तत्त्व है। विषय की आवश्यकता के अनुसार इनका कहानी-शिल्प आकार ग्रहण करता है। अपने और आस-पास के जीवन से प्रेरणा लेते हुए दामोदर मावजो गोवा के आम आदमी के जीवन-संघर्ष एवं सपनों को बड़ी संवेदनशीलता के साथ यहाँ प्रस्तुत करते हैं।

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Description

मन्नत और अन्य कहानियाँ : ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित कोंकणी कथाकार दामोदर मावजो पिछले साठ वर्षों से अपने रचनात्मक योगदान से कोंकणी साहित्य जगत को समृद्ध कर रहे हैं। पुर्तगाली शासन से मुक्त होने के पश्चात् अब तक गोवा के सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, आर्थिक जीवन में जो उतार-चढ़ाव आये हैं उन्हें हम इन कहानियों को पढ़ते हुए महसूस कर सकते हैं।

गोवा की मिट्टी की खुशबू लेकर आनेवाली ये कहानियाँ गोवा की साझी संस्कृति से पाठक का परिचय कराती हैं। कहानीकार की मानवीय एवं प्रगतिशील दृष्टि इन कहानियों का प्राण-तत्त्व है। विषय की आवश्यकता के अनुसार इनका कहानी-शिल्प आकार ग्रहण करता है। अपने और आस-पास के जीवन से प्रेरणा लेते हुए दामोदर मावजो गोवा के आम आदमी के जीवन-संघर्ष एवं सपनों को बड़ी संवेदनशीलता के साथ यहाँ प्रस्तुत करते हैं।

About Author

दामोदर मावज़ो : 1 अगस्त 1944 को दक्षिण गोवा के माजोरड़ा गाँव में हुआ। प्रगतिशील विचार, अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता, सहिष्णुता तथा मानवीय मूल्यों के प्रखर समर्थक दामोदर मावज़ो समकालीन कोंकणी साहित्य-जगत के महत्त्वपूर्ण हस्ताक्षर हैं।

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