Junction 169

Save: 1%

Back to products
Kalidas Ka Bharat 375

Save: 25%

Kai Samayon Mein

Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
| Author:
दिनेश कुमार शुक्ल, यतीन्द्र मिश्र
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
Author:
दिनेश कुमार शुक्ल, यतीन्द्र मिश्र
Language:
Hindi
Format:
Hardback

345

Save: 25%

In stock

Ships within:
1-4 Days

In stock

Book Type

Availiblity

ISBN:
SKU 9788126330836 Category
Category:
Page Extent:
468

कई समयों में –
‘कई समयों में’ कुँवर नारायण के लेखन से ली गयी कविताओं तथा अन्य लेखन का एक संचयन है। इसमें यह कोशिश है कि उनके साहित्य का, उनके विचारों, सरोकारों और भाषा का भरसक प्रतिनिधित्व हो सके। यह संचयन केवल एक संकलन मात्र नहीं — हमारे समय के एक अत्यन्त प्रतिभाशाली साहित्यकार से निकट परिचय का माध्यम है, जो पाठक को उनके लेखन के एक ज़्यादा बड़े संसार की ओर आकृष्ट करेगा। कुँवर नारायण के लेखन पर मिली-जुली भाषायी संस्कृति का असर है, जिसमें अवधी, खड़ी बोली, संस्कृत और उर्दू के गहरे संस्कार मिलते हैं। कुँवर नारायण स्वभाव से अन्तर्मुखी हैं, किन्तु घनिष्ठ होने पर सहज हो जाते हैं। उनके समग्र लेखन में मैं तुम-और-वे के समन्वय के साथ-साथ, निराशाओं के बावजूद, जीवनशक्ति में एक अदम्य विश्वास बना रहता है। कुँवर नारायण ‘आधुनिकता’ के अर्थ को केवल तात्कालिक या समकालीन में सीमित नहीं करते — उसे एक बृहत्तर समय-बोध में रखकर विस्तृत करते हैं। मिथक और इतिहास को जब भी वे अपने लेखन में लाते हैं, उन्हें आज की समस्याओं और मानसिकताओं से जोड़ते हैं। विभिन्नताएँ उन्हें विचलित नहीं करतीं। वे उनकी रचनाशीलता का सहज स्रोत हैं। बौद्धिकता, कवित्व, भावनाएँ, तर्क सब को वे मनुष्य की विभिन्न स्वाभाविक क्षमताओं के रूप में स्वीकार करते हैं। इस संचयन में हमें कई प्रकार के लेखन की एक आत्मीय झलक मिलती है और हम एक विश्वस्तरीय कवि के विरल व्यक्तित्व से परिचित हो पाते हैं।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Kai Samayon Mein”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Description

कई समयों में –
‘कई समयों में’ कुँवर नारायण के लेखन से ली गयी कविताओं तथा अन्य लेखन का एक संचयन है। इसमें यह कोशिश है कि उनके साहित्य का, उनके विचारों, सरोकारों और भाषा का भरसक प्रतिनिधित्व हो सके। यह संचयन केवल एक संकलन मात्र नहीं — हमारे समय के एक अत्यन्त प्रतिभाशाली साहित्यकार से निकट परिचय का माध्यम है, जो पाठक को उनके लेखन के एक ज़्यादा बड़े संसार की ओर आकृष्ट करेगा। कुँवर नारायण के लेखन पर मिली-जुली भाषायी संस्कृति का असर है, जिसमें अवधी, खड़ी बोली, संस्कृत और उर्दू के गहरे संस्कार मिलते हैं। कुँवर नारायण स्वभाव से अन्तर्मुखी हैं, किन्तु घनिष्ठ होने पर सहज हो जाते हैं। उनके समग्र लेखन में मैं तुम-और-वे के समन्वय के साथ-साथ, निराशाओं के बावजूद, जीवनशक्ति में एक अदम्य विश्वास बना रहता है। कुँवर नारायण ‘आधुनिकता’ के अर्थ को केवल तात्कालिक या समकालीन में सीमित नहीं करते — उसे एक बृहत्तर समय-बोध में रखकर विस्तृत करते हैं। मिथक और इतिहास को जब भी वे अपने लेखन में लाते हैं, उन्हें आज की समस्याओं और मानसिकताओं से जोड़ते हैं। विभिन्नताएँ उन्हें विचलित नहीं करतीं। वे उनकी रचनाशीलता का सहज स्रोत हैं। बौद्धिकता, कवित्व, भावनाएँ, तर्क सब को वे मनुष्य की विभिन्न स्वाभाविक क्षमताओं के रूप में स्वीकार करते हैं। इस संचयन में हमें कई प्रकार के लेखन की एक आत्मीय झलक मिलती है और हम एक विश्वस्तरीय कवि के विरल व्यक्तित्व से परिचित हो पाते हैं।

About Author

दिनेश कुमार शुक्ल - हिन्दी के प्रतिष्ठित कवि। 'समयचक्र', 'कभी तो खुले कपाट', 'नया अनहद', 'कथा कहो कविता', 'ललमुनिया की दुनिया', 'आखर अरथ' और 'समुद्र में नदी' कविता-संग्रह प्रकाशित। काव्यानुवाद— 'पाब्लो नेरूदा की कविताएँ', कुछ आलोचनात्मक गद्य, समीक्षाएँ, टिप्पणियाँ और निबन्ध। 'केदार सम्मान' तथा 'सीता स्मृति सम्मान' प्राप्त। सम्पादक - यतीन्द्र मिश्र हिन्दी कवि, सम्पादक और संगीत अध्येता। तीन कविता संग्रह, शास्त्रीय गायिका गिरिजा देवी, नृत्यांगना सोनल मानसिंह एवं शहनाई उस्ताद बिस्मिल्ला ख़ाँ पर हिन्दी में प्रामाणिक पुस्तकें प्रकाशित। वरिष्ठ कवि कुँवर नारायण पर एकाग्र संचयन क्रमश: कुँवर नारायण 'संसार' एवं 'उपस्थिति', अशोक वाजपेयी के गद्य का एक संचयन 'किस भूगोल में किस सपने में' तथा अज्ञेय काव्य से एक चयन 'जितना तुम्हारा सच है' प्रकाशित। साथ ही, फ़िल्म निर्देशक एवं गीतकार गुलज़ार की कविताओं एवं गीतों के चयन क्रमशः 'यार जुलाहे' तथा 'मीलों से दिन' शीर्षक से सम्पादित। 'रज़ा पुरस्कार', 'भारत भूषण अग्रवाल स्मृति पुरस्कार', भारतीय भाषा परिषद का 'युवा पुरस्कार', 'हेमन्त स्मृति पुरस्कार' सहित कई शोधवृत्तियाँ प्राप्त।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Kai Samayon Mein”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RELATED PRODUCTS

RECENTLY VIEWED