Kahaniyan Rishton Ki : Dost (PB)

Publisher:
Rajkamal
| Author:
Akhilesh, Ed. Shriprakash Shukla
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Rajkamal
Author:
Akhilesh, Ed. Shriprakash Shukla
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Hindi
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भारतीय समाज में रिश्तों को जितनी मजबूती, आत्मीयता और उर्जा हासिल रही हैं, वह विरल है । एक तरह से कहा जा सकता है कि इस देश के यथार्थ को रिश्तों की समझ के बगैर जाना-समझा नहीं जा सकता है । माँ-पिता, भाई-बहन, दोस्त, दादी-नानी, बाबा-नाना, मामा, मौसा-मौसी, बुआ-फूफा, दादा, चाचा, दोस्ती अनगिनत समबन्ध हैं जो लोगों के अनुभव-संसार में जिवंत हैं और जिनसे लोगों का अनुभव-संसार बना है । इसलिए हमारे देश की विभिन्न भाषाओँ में लिखी गई कहानियों, उपन्यासों आदि में ये रिश्ते बार-बार समूची ऊष्मा, जटिलता और गहनता के साथ प्रकट हुए हैं । न केवल लेखकों, कवियों, कलाकारों बल्कि सामाजिक चिंतकों के लिए भी ये रिश्ते एक तरह से लिटमस पेपर हैं जिनसे वे अपने अध्ययन क्षेत्र के निष्कर्षों, स्थापनाओं, सिद्धांतो की जाँच कर सकते हैं । अतः रिश्तों पर रची गई कहानियों की यह श्रंखला हमारी दुनिया का अंकन होने के साथ-साथ हमारी दुनिया को पहचानने और उसकी व्याख्या करने की परियोजना के लिए सन्दर्भ कोष के रूप में भी ग्रहण की जा सकती है ।

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भारतीय समाज में रिश्तों को जितनी मजबूती, आत्मीयता और उर्जा हासिल रही हैं, वह विरल है । एक तरह से कहा जा सकता है कि इस देश के यथार्थ को रिश्तों की समझ के बगैर जाना-समझा नहीं जा सकता है । माँ-पिता, भाई-बहन, दोस्त, दादी-नानी, बाबा-नाना, मामा, मौसा-मौसी, बुआ-फूफा, दादा, चाचा, दोस्ती अनगिनत समबन्ध हैं जो लोगों के अनुभव-संसार में जिवंत हैं और जिनसे लोगों का अनुभव-संसार बना है । इसलिए हमारे देश की विभिन्न भाषाओँ में लिखी गई कहानियों, उपन्यासों आदि में ये रिश्ते बार-बार समूची ऊष्मा, जटिलता और गहनता के साथ प्रकट हुए हैं । न केवल लेखकों, कवियों, कलाकारों बल्कि सामाजिक चिंतकों के लिए भी ये रिश्ते एक तरह से लिटमस पेपर हैं जिनसे वे अपने अध्ययन क्षेत्र के निष्कर्षों, स्थापनाओं, सिद्धांतो की जाँच कर सकते हैं । अतः रिश्तों पर रची गई कहानियों की यह श्रंखला हमारी दुनिया का अंकन होने के साथ-साथ हमारी दुनिया को पहचानने और उसकी व्याख्या करने की परियोजना के लिए सन्दर्भ कोष के रूप में भी ग्रहण की जा सकती है ।

About Author

अखिलेश

जन्म : 1960; सुल्तानपुर (उ.प्र.)।

शिक्षा : एम.ए. (हिन्दी साहित्य), इलाहाबाद विश्वविद्यालय।

प्रकाशित कृतियाँ : कहानी-संग्रह—‘आदमी नहीं टूटता’, ‘मुक्ति’, ‘शापग्रस्त’, ‘अँधेरा’। उपन्यास—‘अन्वेषण’; सृजनात्मक गद्य—‘वह जो यथार्थ था’। आलोचना—‘श्रीलाल शुक्ल की दुनिया’ (सं.)। सम्पादन—‘वर्तमान साहित्य’, ‘अतएव’ पत्रिकाओं में समय-समय पर सम्पादन। आजकल प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिका ‘तद्भव’ के सम्पादक। 'एक कहानी एक किताब' शृंखला की दस पुस्तकों के शृंखला सम्पादक। 'दस बेमिसाल प्रेम कहानियाँ' का सम्पादन।

अन्य : देश के महत्त्वपूर्ण निर्देशकों द्वारा कई कहानियों का मंचन एवं नाट्य-रूपान्तरण। कुछ कहानियों का दूरदर्शन हेतु फ़‍िल्मांकन। टेलीविज़न के लिए पटकथा एवं संवाद-लेखन। अनेक भारतीय भाषाओं में रचनाओं के अनुवाद प्रकाशित।

पुरस्कार/सम्मान : ‘श्रीकान्‍त वर्मा सम्मान’, ‘इन्दु शर्मा कथा सम्मान’, ‘परिमल सम्मान’, ‘वनमाली सम्मान’, ‘अयोध्या प्रसाद खत्री सम्मान’, ‘स्पन्दन पुरस्कार’, ‘बालकृष्ण शर्मा नवीन पुरस्कार’, ‘कथा अवार्ड’ आदि।

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