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Kahani Uncle

Publisher:
Vani Prakashan
| Author:
गज़न्फर
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Vani Prakashan
Author:
गज़न्फर
Language:
Hindi
Format:
Paperback

74

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1-4 Days

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SKU 9788181437129 Category
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Page Extent:
104

कहानी अंकल –
कहानी राख से भी चिंगारी कुरेद लेती है। ठंडे अलाव में गर्मी फूँक देती है। बिस्तरों से उठाकर आग के पास बिठा देती है। रात को दिन बना देती है। कहानी रामायण कहती है। अलिफ़ लैला सुनाती है। शाहनामा बयान करती है। महाभारत छेड़ती है। कहानी अकथ की कथा बयान करती है।
कहानी अंकल उपन्यास में उपन्यासकार ने एक ऐसी आत्मीय कहानी अंकल पात्र का सृजन किया है जो पुराने आख्यानों, लोककथाओं, अलिफ़ लैला और पंचतन्त्र के कथासूत्रों को बिलकुल नये सन्दर्भों में, बड़े दिलचस्प और जज़्बाती लहज़े में बयान करती है।.. .कहानी अंकल पात्र उस ज़माने की याद ताजा कर देता है जब गाँव-देहात में कोई कुशल क़िस्सागो, अलाव के पास बैठकर, बच्चों-बड़ों के बीच रोमांचक क़िस्से बयान करता था।
वही क़िस्सागोई इस उपन्यास में है। पाठक उपन्यास का सजीव भाषा और पठनीयता से यक़ीनन प्रभावित होंगे।
अन्तिम पृष्ठ आवरण –
वक़्त के साथ fiction के परखने के म्यार भी बदलते रहे लेकिन हर ज़माने में और भी दुनिया की हर ज़बान में इस बात पर हमेशा ज़ोर दिया गया कि वह पढ़ने में दिलचस्प हो और आस-पास की ज़िन्दगी में uncommon चीज़ों को जानने के इन्सानी curiosity के तस्कीन पहुँचाए। कथा के दिलचस्प होने की बस एक ही कसौटी है कि हम पढ़ने के दौरान यह सवाल करते रहें कि फिर क्या हुआ फिर क्या – हुआ। Modern fiction के बहुत से नमूने इस ख़ूबी से आरी (वंचित) थे, इसलिए आजकल fiction की तन्कीद (समीक्षा) में कहानी की वापसी का बहुत ज़िक्र हो रहा है। ग़ज़नफर उन उपन्यासकारों में से हैं जिनके यहाँ ज़िन्दगी और कहानी शुरू से मौजूद है। कहानी अंकल आप पढ़ना शुरू करेंगे तो उसे ख़त्म किये बिना नहीं छोड़ेंगे, यह मेरा दावा है।
ज़िन्दगी की दौड़ हमें ज़िन्दगी से दूर, और दूर कर रही है। कहानी अंकल हमें उसके पास लाने की एक ख़ूबसूरत कोशिश है। यक़ीन न आये तो पढ़ के देखिए। –शहरयार

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Description

कहानी अंकल –
कहानी राख से भी चिंगारी कुरेद लेती है। ठंडे अलाव में गर्मी फूँक देती है। बिस्तरों से उठाकर आग के पास बिठा देती है। रात को दिन बना देती है। कहानी रामायण कहती है। अलिफ़ लैला सुनाती है। शाहनामा बयान करती है। महाभारत छेड़ती है। कहानी अकथ की कथा बयान करती है।
कहानी अंकल उपन्यास में उपन्यासकार ने एक ऐसी आत्मीय कहानी अंकल पात्र का सृजन किया है जो पुराने आख्यानों, लोककथाओं, अलिफ़ लैला और पंचतन्त्र के कथासूत्रों को बिलकुल नये सन्दर्भों में, बड़े दिलचस्प और जज़्बाती लहज़े में बयान करती है।.. .कहानी अंकल पात्र उस ज़माने की याद ताजा कर देता है जब गाँव-देहात में कोई कुशल क़िस्सागो, अलाव के पास बैठकर, बच्चों-बड़ों के बीच रोमांचक क़िस्से बयान करता था।
वही क़िस्सागोई इस उपन्यास में है। पाठक उपन्यास का सजीव भाषा और पठनीयता से यक़ीनन प्रभावित होंगे।
अन्तिम पृष्ठ आवरण –
वक़्त के साथ fiction के परखने के म्यार भी बदलते रहे लेकिन हर ज़माने में और भी दुनिया की हर ज़बान में इस बात पर हमेशा ज़ोर दिया गया कि वह पढ़ने में दिलचस्प हो और आस-पास की ज़िन्दगी में uncommon चीज़ों को जानने के इन्सानी curiosity के तस्कीन पहुँचाए। कथा के दिलचस्प होने की बस एक ही कसौटी है कि हम पढ़ने के दौरान यह सवाल करते रहें कि फिर क्या हुआ फिर क्या – हुआ। Modern fiction के बहुत से नमूने इस ख़ूबी से आरी (वंचित) थे, इसलिए आजकल fiction की तन्कीद (समीक्षा) में कहानी की वापसी का बहुत ज़िक्र हो रहा है। ग़ज़नफर उन उपन्यासकारों में से हैं जिनके यहाँ ज़िन्दगी और कहानी शुरू से मौजूद है। कहानी अंकल आप पढ़ना शुरू करेंगे तो उसे ख़त्म किये बिना नहीं छोड़ेंगे, यह मेरा दावा है।
ज़िन्दगी की दौड़ हमें ज़िन्दगी से दूर, और दूर कर रही है। कहानी अंकल हमें उसके पास लाने की एक ख़ूबसूरत कोशिश है। यक़ीन न आये तो पढ़ के देखिए। –शहरयार

About Author

गज़नफ़र - गज़नफ़र का जन्म 9 मार्च, 1953 ई. में गोपालगंज बिहार में हुआ। मुस्लिम यूनिवर्सिटी अलीगढ़ से उर्दू साहित्य में एम.ए. किया और 'मौलाना शिबली नोमानी के तनकीदी नज़रियात' पर शोध लिखकर पीएच.डी. की डिग्री प्राप्त की। विद्यार्थी जीवन में ही कवि और कहानीकार की हैसियत से मशहूर हो गज़नफ़र चुके थे। शिक्षा समाप्ति के पश्चात उर्दू टीचिंग एंड रिसर्च सेन्टर सोलन हिमाचल प्रदेश में अध्यापन शुरू किया और अब उर्दू सेन्टर लखनऊ के प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत हैं। गज़नफ़र ने कई उपन्यास, कहानी, कविताएँ, ग़ज़लें, आलोचनात्मक लेख एवं शिक्षण-प्रशिक्षण से सम्बन्धित पुस्तकें लिखकर साहित्य जगत में एक स्थान प्राप्त कर लिया है। वो अपनी कृतियों में जितना महत्व विषय को देते हैं उतना ही महत्व Form शैली एवं तकनीक को भी देते हैं। यही कारण है कि उनकी रचनाओं को सामान्य पाठक भी पसन्द करते हैं और साहित्य आलोचक भी। अब तक गज़नफ़र की 12 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। एक कहानी संग्रह 'हैरतफ़रोश', एक नाटक 'कोयले से हीरा', एक आलोचनत्मक पुस्तक 'मशरकी सआरे नक्द', शिक्षण एवं प्रशिक्षण के विषय पर दो किताबें 'जबानो अदब के बदरीसी पहलू' और 'तदरीसे शेरो शायरी' तथा सात उपन्यास 'पानी', 'कैंचली', 'दिव्यवानी', 'फुसूं', 'विषमंथन' 'मम' और 'कहानी अंकल'। गज़नफ़र के उपन्यास दिव्यवानी का हिन्दी अनुवाद 2004 में प्रकाशित हुआ। और अब उनके चर्चित उपन्यास 'कहानी अंकल' का हिन्दी रूपान्तरण प्रस्तुत किया जा रहा है। उनके दोस्त अहबाब जिस प्रकार उनके व्यक्तित्व की सादगी, शगुफ़्तगी और ख़ुशअखलाकी को पसन्द करते है आशा है उसी प्रकार हमारे पाठक उनके इस उपन्यास को पसन्द करेंगे।

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