Ibnebatuti

Publisher:
Hind Yugm
| Author:
Divya Prakash Dubey
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Hind Yugm
Author:
Divya Prakash Dubey
Language:
Hindi
Format:
Paperback

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होता तो यह है कि बच्चे जब बड़े हो जाते है तो उनके माँ-बाप उनकी शादी कराते हैं लेकिन इस कहानी में थोड़ा-सा उल्टा है, या यूँ कह लीजिए कि पूरी कहानी ही उल्टी है। राघव अवस्थी के मन में एक बार एक उड़ता हुआ ख़याल आया कि अपनी सिंगल मम्मी के लिए एक बढ़िया-सा टिकाऊ बॉयफ्रेंड या पति खोजा जाए। राघव को यह काम जितना आसान लग रहा था, असल में वह उतना ही मुश्किल निकला। इब्नेबतूती आज की कहानी होते हुए भी एक खोए हुए, ठहरे हुए समय की कहानी है। एक लापता हुए रिश्ते की कहानी है। कुछ सुंदर शब्द कभी किसी शब्दकोश में जगह नहीं बना पाते। कुछ सुंदर लोग किसी कहानी का हिस्सा नहीं हो पाते। कुछ बातें किसी जगह दर्ज नहीं हो पातीं। कुछ रास्ते मंज़िल नहीं हो पाते। इब्नेबतूती-उन सभी अधूरी चीज़ों, चिट्ठियों, बातों, मुलाक़ातों, भावनाओं, विचारों, लोगों की कहानी है।

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Description

होता तो यह है कि बच्चे जब बड़े हो जाते है तो उनके माँ-बाप उनकी शादी कराते हैं लेकिन इस कहानी में थोड़ा-सा उल्टा है, या यूँ कह लीजिए कि पूरी कहानी ही उल्टी है। राघव अवस्थी के मन में एक बार एक उड़ता हुआ ख़याल आया कि अपनी सिंगल मम्मी के लिए एक बढ़िया-सा टिकाऊ बॉयफ्रेंड या पति खोजा जाए। राघव को यह काम जितना आसान लग रहा था, असल में वह उतना ही मुश्किल निकला। इब्नेबतूती आज की कहानी होते हुए भी एक खोए हुए, ठहरे हुए समय की कहानी है। एक लापता हुए रिश्ते की कहानी है। कुछ सुंदर शब्द कभी किसी शब्दकोश में जगह नहीं बना पाते। कुछ सुंदर लोग किसी कहानी का हिस्सा नहीं हो पाते। कुछ बातें किसी जगह दर्ज नहीं हो पातीं। कुछ रास्ते मंज़िल नहीं हो पाते। इब्नेबतूती-उन सभी अधूरी चीज़ों, चिट्ठियों, बातों, मुलाक़ातों, भावनाओं, विचारों, लोगों की कहानी है।

About Author

बेस्ट सेलर 'मसाला चाय’ और 'शर्तें लागू’ लिखने के बहुत समय बाद तक दिव्य प्रकाश दुबे को यही माना जाता था कि वे ठीक-ठाक कहानियाँ लिख लेते हैं। लेकिन अब जब वे 'स्टोरीबाज़ी’ में कहानियाँ सुनाते हैं तो लगता है कि वे ज्यादा अच्छी कहानियाँ सुनाते हैं। TEDx में बोलने गए तो टशन-टशन में हिंदी में बोलकर चले आए। इनकी संडे वाली चिट्ठी बहुत पॉपुलर है। तमाम लिटेरचर फेस्टिवल्स, इंजीनियरिंग एवं MBA कॉलेज जाते हैं तो अपनी कहानी सुनाते-सुनाते एक-दो लोगों को लेखक बनने की बीमारी दे आते हैं। पढ़ाई-लिखाई से B.Tech-MBA हैं। साल 2017 में MBA टाइप नौकरी को अलविदा कह चुके हैं। साल 2016 में छपे अपने उपन्यास 'मुसाफिर Café’ की बंपर सफलता के बाद दिव्य प्रकाश 'नई वाली हिंदी’ के पोस्टर-बॉय की तरह देखे जाने लगे हैं। इनका नवीनतम उपन्यास 'अक्टूबर जंक्शन’ अपने प्रकाशन के समय से ही बेस्टसेलर बना हुआ है। हाल ही में इन्होंने ऑडिबल के लिए 'पिया मिलन चौक’ नाम से ऑडिबल ओरिजनल किया है जो खूब लोकप्रिय हो रहा है। साल 2019 में दिव्य प्रकाश दुबे हिंद युग्म के लखप्रति लेखक क्लब में शामिल किए गए हैं।.

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