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Halak Ka Daroga (PB)
Publisher:
Radhakrishna Prakashan
| Author:
Maloy Jain
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Radhakrishna Prakashan
Author:
Maloy Jain
Language:
Hindi
Format:
Hardback
₹250 ₹200
Save: 20%
In stock
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1-4 Days
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ISBN:
SKU
9788195948444
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
मलय के लिए न तो सिनेमा के पात्र अछूते हैं न काव्य शास्त्र की अभिव्यक्तियाँ। सब्लाइम को रेडिकुलस बनाने के अपने अद्वितीय हुनर से वह जन्नत को दोज़ख़ से इस तरह मिलाते हैं कि पाठक को सैर के वास्ते थोड़ी नहीं, बहुत सारी फ़िजां हासिल हो जाती है।
—कान्ति कुमार जैन
कुछ लोग शस्त्र से चिकित्सा करते हैं तो कुछ शब्द से, मलय जैन को साहित्य का शल्य चिकित्सक कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। वे अपने शब्दों के माध्यम से मनुष्य के चित्त में व्याप्त विकारों को समझकर बहुत कुशलता के साथ उनका निदान करते हैं। उनकी रचनाएँ मात्र सरस ही नहीं है बल्कि वे पाठक को सार्थक जीवन के लिए प्रेरित भी करती हैं। बेहद मारक, अदभुत कथाशिल्प है उनका। —आशुतोष राणा
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Description
मलय के लिए न तो सिनेमा के पात्र अछूते हैं न काव्य शास्त्र की अभिव्यक्तियाँ। सब्लाइम को रेडिकुलस बनाने के अपने अद्वितीय हुनर से वह जन्नत को दोज़ख़ से इस तरह मिलाते हैं कि पाठक को सैर के वास्ते थोड़ी नहीं, बहुत सारी फ़िजां हासिल हो जाती है।
—कान्ति कुमार जैन
कुछ लोग शस्त्र से चिकित्सा करते हैं तो कुछ शब्द से, मलय जैन को साहित्य का शल्य चिकित्सक कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। वे अपने शब्दों के माध्यम से मनुष्य के चित्त में व्याप्त विकारों को समझकर बहुत कुशलता के साथ उनका निदान करते हैं। उनकी रचनाएँ मात्र सरस ही नहीं है बल्कि वे पाठक को सार्थक जीवन के लिए प्रेरित भी करती हैं। बेहद मारक, अदभुत कथाशिल्प है उनका। —आशुतोष राणा
About Author
मलय जैन
27 फ़रवरी, 1970 को मध्य प्रदेश के सागर में जन्मे मलय जैन की मूल भूमि राष्ट्रकवि मैथिली शरण गुप्त की जन्मस्थली चिरगाँव, जिला झाँसी है। बचपन बीतते ही उन्होंने दो किशोर उपन्यास ‘दीवान गढ़ी का रहस्य’ तथा ‘यक्षहरण’ लिख डाले और अब व्यंग्य के क्षेत्र में रम गए हैं। 2015 में प्रकाशित उनका व्यंग्य उपन्यास ‘ढाक के तीन पात’ अत्यन्त चर्चित हुआ। उनके व्यंग्य हिन्दी की चर्चित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे हैं। व्यंग्य लेखन के साथ-साथ वे पोलिश लेखक वलेरियन डोमिंसकी की अंग्रेज़ी कहानियों एवं व्यंग्य रचनाओं के हिन्दी अनुवाद में भी सक्रिय हैं। उन्हें साहित्य अकादमी, म.प्र. के प्रादेशिक पुरस्कार ‘बाल कृष्ण शर्मा नवीन पुरस्कार’, ‘रवीन्द्र नाथ त्यागी स्मृति सोपान पुरस्कार’, ‘सरदार दिलजीत सिंह रील व्यंग्य सम्मान’, ‘कमलेश्वर सम्मान’ और 2023 के ‘अभिनव शब्द शिल्पी अलंकरण’ से सम्मानित किया जा चुका है।
ई-मेल : maloyjain@gmail.com
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