Gohanlagua (HB)
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नसीम साकेती निरन्तर लेखन में सक्रिय हैं, शाश्वत मूल्यों को समेटता इनका कथा जगत् बहुआयामी रहा है। क़लम की नोक को स्पर्श करती इनकी जीवन्त कहानियाँ अपने समय के यथार्थ तथा मानव जीवन-मूल्यों को विभिन्न कोणों से पड़ताल करती विशिष्ट शैली में सुखद एहसास देती हैं।
लेखक के मस्तिष्क की शिराओं ने छोटी-छोटी रोज़मर्रा की घटनाओं में से कथा-तत्त्वों के फूल चुनकर उनसे कथा के विभिन्न आकार के गुलदस्ते तैयार किए हैं। जिनसे आम आदमी की ज़िन्दगी की ख़ुशबू पाठक के मन-मस्तिष्क में भरकर दिल की गहराइयों में उतर जाती है और पाठक सोचने लगता है कि ऐसी घटनाओं तथा चरित्रों को तो हम अपने इर्द-गिर्द रोज़ देखते तथा महसूस करते हैं, जिसे लेखक ने शब्दों के माध्यम से कहानी का जामा पहना दिया है।
नसीम साकेती निरन्तर लेखन में सक्रिय हैं, शाश्वत मूल्यों को समेटता इनका कथा जगत् बहुआयामी रहा है। क़लम की नोक को स्पर्श करती इनकी जीवन्त कहानियाँ अपने समय के यथार्थ तथा मानव जीवन-मूल्यों को विभिन्न कोणों से पड़ताल करती विशिष्ट शैली में सुखद एहसास देती हैं।
लेखक के मस्तिष्क की शिराओं ने छोटी-छोटी रोज़मर्रा की घटनाओं में से कथा-तत्त्वों के फूल चुनकर उनसे कथा के विभिन्न आकार के गुलदस्ते तैयार किए हैं। जिनसे आम आदमी की ज़िन्दगी की ख़ुशबू पाठक के मन-मस्तिष्क में भरकर दिल की गहराइयों में उतर जाती है और पाठक सोचने लगता है कि ऐसी घटनाओं तथा चरित्रों को तो हम अपने इर्द-गिर्द रोज़ देखते तथा महसूस करते हैं, जिसे लेखक ने शब्दों के माध्यम से कहानी का जामा पहना दिया है।
About Author
नसीम साकेती
जन्म : ज़िला अम्बेडकर नगर (उत्तर प्रदेश) के मिझौड़ा नामक गाँव में।
प्रमुख कृतियाँ : ‘सूरज फ़्यूज़ हो गया’, ‘अमोघ-अस्त्र’, ‘सुलगते सवाल’तथा ‘पानी पर लिखी इबारत’ और ‘गोहन लगुआ’(कहानी-संग्रह);‘बोल की लब आज़ाद हैं’ (उपन्यास); ‘पत्थरों का शहर’(कविता-संग्रह)। अनेक कहानियाँ उर्दू-अंग्रेज़ी, गुजराती तथा मलयालम में अनूदित।
सम्मान : हिन्दी सभा सीतापुर द्वारा ‘हिन्दी गौरव-सम्मान’उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान द्वारा ‘साहित्य-गौरव सम्मान’, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा ‘साहित्य भूषण’ से सम्मानित।
सम्प्रति : कुछसमय तक आर.बी.एन. कॉलेज गोसाईंगंज (फ़ैज़ाबाद) में अध्यापन बाद में रेलवे में इंजीनियर।
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