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गीतांजलि | Gitanjali
Publisher:
Pengiun
| Author:
Rabindranath Tagore
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Pengiun
Author:
Rabindranath Tagore
Language:
Hindi
Format:
Paperback
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ISBN:
Categories: Hindi, New Releases & Pre-orders
Page Extent:
200
गीतांजलि रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा मूलतः बांग्ला में रचित गीतों (गेयात्मक कविताओं) का संग्रह है।है ‘गीतांजलि’ शब्द ‘गीत’ और ‘अञ्जलि’ को मिला कर बना है जिसका अर्थहै—है गीतों का उपहार (भेंट)। वैसे रवीन्द्रनाथ सूफी रहस्यवाद और वैष्णव काव्य सेप्रभावित थे। फिर भी संवेदना चित्रण मेंवेइन कवियों को अनुकृति नहीं लगते। जैसेमनुष्य के प्रति प्रेम अनजानेही परमात्मा के प्रति प्रेम मेंपरिवर्तित हो जाता है।है वे नहीं मा नतेकि भगवान किसी आदम बीज की तरह है।है उनके लिए प्रेम है प्रारंभ और परमात्मा है अंत! सिर्फ इतना कहना नाकाफी है कि गीतांजलि के स्वर मेंसिर्फ रहस्यवाद है।है इसमेंमध्ययुगीन कवियों का निपटारा भी है।है धारदार तरीके से उनके मूल्यबोधों के खिलाफ। हालाँकि पूरी गीतांजलि का स्वर यह नहीं है।है उसमेंसमर्पण की भावना प्रमुख विषय वस्तुहै।है यह रवीन्द्रनाथ का संपू सं र्ण जिज्ञासा सेउपजी रहस्योन्मुख कृति है।है
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Description
गीतांजलि रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा मूलतः बांग्ला में रचित गीतों (गेयात्मक कविताओं) का संग्रह है।है ‘गीतांजलि’ शब्द ‘गीत’ और ‘अञ्जलि’ को मिला कर बना है जिसका अर्थहै—है गीतों का उपहार (भेंट)। वैसे रवीन्द्रनाथ सूफी रहस्यवाद और वैष्णव काव्य सेप्रभावित थे। फिर भी संवेदना चित्रण मेंवेइन कवियों को अनुकृति नहीं लगते। जैसेमनुष्य के प्रति प्रेम अनजानेही परमात्मा के प्रति प्रेम मेंपरिवर्तित हो जाता है।है वे नहीं मा नतेकि भगवान किसी आदम बीज की तरह है।है उनके लिए प्रेम है प्रारंभ और परमात्मा है अंत! सिर्फ इतना कहना नाकाफी है कि गीतांजलि के स्वर मेंसिर्फ रहस्यवाद है।है इसमेंमध्ययुगीन कवियों का निपटारा भी है।है धारदार तरीके से उनके मूल्यबोधों के खिलाफ। हालाँकि पूरी गीतांजलि का स्वर यह नहीं है।है उसमेंसमर्पण की भावना प्रमुख विषय वस्तुहै।है यह रवीन्द्रनाथ का संपू सं र्ण जिज्ञासा सेउपजी रहस्योन्मुख कृति है।है
About Author
रवी न्द्रनाथ टैगोर एक महान साहित्यकार थे, जिन्हें विश्वप्रसिद्ध रचना गीतां जलि के कारण नोबेल पुरस्कार मिला था। आपनेकहानी, उपन्यास, कथा के अलावा कविताएँ भी लिखी हैं।हैं आप एक महान चित्रकार एवं संगी तकार भी थे। आपकी पुस्तकों का दुनिदु याभर की भाषाओं मेंअनुवाद हो चुका है।है
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