SalePaperback
भिनसार | BHINSAR
₹350 ₹315
Save: 10%
स्मृति एक दूसरा समय है | SMRITI EK DOOSARA SAMAYA HAI
₹125 ₹124
Save: 1%
गंगातट | GANGATAT
Publisher:
Setu Prakashan
| Author:
GYANEDRAPATI
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Setu Prakashan
Author:
GYANEDRAPATI
Language:
Hindi
Format:
Paperback
₹250 ₹225
Save: 10%
In stock
Ships within:
3-5 Days
In stock
ISBN:
SKU
9789391277093
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
248
ज्ञानेन्द्रपति गंगातट को किसी स्थापत्यवादी सैलानी की तरह नहीं देखते। वे एक भूगोल को उसकी सामाजिक-सांस्कृतिक अंतर्वस्तु के पेचोखम के साथ देखते हैं और अगर यह भूगोल काशी-बनारस जैसा कई संस्तरों वाला नगर हो तब तो नगरीय हदों में खुद बेहद और अनहद हुआ जा सकता है।
Be the first to review “गंगातट | GANGATAT” Cancel reply
Description
ज्ञानेन्द्रपति गंगातट को किसी स्थापत्यवादी सैलानी की तरह नहीं देखते। वे एक भूगोल को उसकी सामाजिक-सांस्कृतिक अंतर्वस्तु के पेचोखम के साथ देखते हैं और अगर यह भूगोल काशी-बनारस जैसा कई संस्तरों वाला नगर हो तब तो नगरीय हदों में खुद बेहद और अनहद हुआ जा सकता है।
About Author
जन्म झारखण्ड के एक गाँव पथरगामा में, पहली जनवरी, 1950 को, एक किसान परिवार में। पटना विश्वविद्यालय से पढ़ाई। दसेक वर्षों तक बिहार सरकार में अधिकारी के रूप में कार्य। नौकरी को ना करी कह, बनारस में रहते हुए, फ़क़त कविता-लेखन। प्रकाशित कृतियाँ : आँख हाथ बनते हुए (1970) शब्द लिखने के लिए ही यह काग़ज़ बना है (1981) गंगातट (2000), संशयात्मा (2004), भिनसार (2006), कवि ने कहा (2007) मनु को बनाती मनई (2013), गंगा-बीती (2019), कविता भविता-2020 (कविता-संग्रह), एकचक्रानगरी (काव्य-नाटक) पढ़ते-गढ़ते (कथेतर गद्य) भी प्रकाशित। संशयात्मा के लिए वर्ष 2006 का साहित्य अकादेमी पुरस्कार। समग्र लेखन के लिए पहल सम्मान, शमशेर सम्मान, नागार्जुन सम्मान आदि कतिपय सम्मान।
Reviews
There are no reviews yet.
Be the first to review “गंगातट | GANGATAT” Cancel reply
[wt-related-products product_id="test001"]
Related products
BHARTIYA ITIHAAS KA AADICHARAN: PASHAN YUG (in Hindi)
Save: 15%
BURHANPUR: Agyat Itihas, Imaratein aur Samaj (in Hindi)
Save: 15%
Reviews
There are no reviews yet.