दूर तक चुप्पी | DUR TAK CHUPPI

Publisher:
Setu Prakashan
| Author:
MADAN KASHYAP
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
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Setu Prakashan
Author:
MADAN KASHYAP
Language:
Hindi
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Paperback

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मदन कश्यप के इस नये संग्रह की कविताओं की एक खास बात यह है कि सभी कविताएँ छोटी हैं और विषम पंक्तियों की हैं। कविता में छन्द के प्रभाव के कारण सम का महत्त्व रहा है। आगे चल कर भले ही इसका ध्यान नहीं रखा गया, लेकिन सचेत रूप से विषम पंक्तियों वाली कविताओं का पूरा संग्रह शायद ही कभी आया हो। इस दृष्टि से यह एक नया प्रयोग भी है। विषम की महत्ता को लेकर कवि के अपने तर्क होंगे, लेकिन इसका खास प्रभाव यह पड़ता है कि कविता एक झटके के साथ खत्म होती है और पाठक को कुछ और आगे बढ़ कर सोचने का ‘स्पेस’दे देती है।

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Description

मदन कश्यप के इस नये संग्रह की कविताओं की एक खास बात यह है कि सभी कविताएँ छोटी हैं और विषम पंक्तियों की हैं। कविता में छन्द के प्रभाव के कारण सम का महत्त्व रहा है। आगे चल कर भले ही इसका ध्यान नहीं रखा गया, लेकिन सचेत रूप से विषम पंक्तियों वाली कविताओं का पूरा संग्रह शायद ही कभी आया हो। इस दृष्टि से यह एक नया प्रयोग भी है। विषम की महत्ता को लेकर कवि के अपने तर्क होंगे, लेकिन इसका खास प्रभाव यह पड़ता है कि कविता एक झटके के साथ खत्म होती है और पाठक को कुछ और आगे बढ़ कर सोचने का ‘स्पेस’दे देती है।

About Author

वरिष्ठ कवि और पत्रकार। अब तक छ: कविता-संग्रह–’लेकिन उदास है पृथ्वी’ (1992, 2019), ‘नीम रोशनी में’ (2000), ‘दूर तक चुप्पी’ (2014, 2020), ‘अपना ही देश’, कुरुज (2016) और ‘पनसोखा है इन्द्रधनुष’ (2019); आलेखों के तीन संकलन-‘मतभेद’ (2002), ‘लहलहान लोकतंत्र’ (2006) और ‘राष्ट्रवाद का संकट’ (2014) और सम्पादित पुस्तक ‘सेतु विचार : माओ त्सेतुङ’ प्रकाशित। चुनी हुई कविताओं का एक संग्रह ‘कवि ने कहा’ शृंखला में प्रकाशित। कविता के लिए प्राप्त पुरस्कारों में शमशेर सम्मान, केदार सम्मान, नागार्जुन पुरस्कार और बनारसी प्रसाद भोजपुरी सम्मान उल्लेखनीय। कुछ कविताओं का अंग्रेजी और कई अन्य भाषाओं में अनुवाद। हिन्दीतर भाषाओं में प्रकाशित समकालीन हिन्दी कविता के संकलनों और पत्रिकाओं के हिन्दी केन्द्रित अंकों में कविताएँ संकलित और प्रकाशित। दूरदर्शन, आकाशवाणी, साहित्य अकादेमी, नेशनल बुक ट्रस्ट, हिन्दी अकादमी आदि के आयोजनों में व्याख्यान और काव्यपाठ। देश के कई प्रमुख विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित संगोष्ठियों में भागीदारी। विभिन्न शहरों में एकल काव्यपाठ।

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