Door Durgam Durust : Purvgrahon Ke Paar Purvottar Ki Yatra (PB)

Publisher:
Rajkamal
| Author:
Umesh Pant
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
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Rajkamal
Author:
Umesh Pant
Language:
Hindi
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Paperback

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‘दूर दुर्गम दुरुस्त’ दरअसल पूर्वोत्तर से जुड़ी यात्राओं की एक दस्तावेज़ है। इसे आप एक घुमक्कड़ की मनकही भी कह सकते हैं जो अक्सर अनकही रह जाती है। मुख्यधारा में पूर्वोत्तर की जितनी भी चर्चा होती है, उसमें उसके दुर्गम भूगोल की चीख़-पुकार ही शामिल रहती हैं। यह किताब उनसे विलग उन आहटों को सुनने की कोशिश है जो कहीं दबकर रह जाती हैं। इस किताब में मेघालय, असम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और मणिपुर के कुछ हिस्सों में की गई यात्राओं के वृत्तान्त हैं। जगहों और लोगों की कहानियाँ हैं। पूर्वोत्तर में भटकता एक यात्री मन, देखने और सुनने से एक क़दम आगे बढ़कर महसूस करने की ललक में जो कुछ समेट सका है, उसकी शाब्दिक यात्रा है यह किताब!

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Description

‘दूर दुर्गम दुरुस्त’ दरअसल पूर्वोत्तर से जुड़ी यात्राओं की एक दस्तावेज़ है। इसे आप एक घुमक्कड़ की मनकही भी कह सकते हैं जो अक्सर अनकही रह जाती है। मुख्यधारा में पूर्वोत्तर की जितनी भी चर्चा होती है, उसमें उसके दुर्गम भूगोल की चीख़-पुकार ही शामिल रहती हैं। यह किताब उनसे विलग उन आहटों को सुनने की कोशिश है जो कहीं दबकर रह जाती हैं। इस किताब में मेघालय, असम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और मणिपुर के कुछ हिस्सों में की गई यात्राओं के वृत्तान्त हैं। जगहों और लोगों की कहानियाँ हैं। पूर्वोत्तर में भटकता एक यात्री मन, देखने और सुनने से एक क़दम आगे बढ़कर महसूस करने की ललक में जो कुछ समेट सका है, उसकी शाब्दिक यात्रा है यह किताब!

About Author

उमेश पंत

उमेश पंत मूलत: उत्तराखंड में पिथौरागढ़ ज़‍िले के गंगोलीहाट नाम के छोटे-से क़स्बे में पले-बढ़े हैं। फ़िलवक़्त दिल्ली में रहते हैं। इन्होंने दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के एमसीआरसी से मास कम्यूनिकेशन में मास्टर्स किया है। यात्रा-वृत्तान्त ‘इनरलाइन पास’ के लेखक हैं। करियर की शुरुआत मुम्बई जाकर बालाजी टेलीफ़िल्म्स में बतौर एसोशिएट राइटर की। फिर मुम्बई में गीतकार और पटकथा लेखक नीलेश मिसरा से जुडक़र उनके मशहूर क़‍िस्सागोई के कार्यक्रम के लिए कहानियाँ लिखीं। ग्रामीण अख़बार ‘गाँव कनेक्शन’ में पत्रकार भी रहे हैं। गूगल के लिए बतौर ऑनसाइट हिन्दी लिंग्विस्ट काम कर चुके हैं। रेडियो के लिए फ़िल्म और गाने भी लिख चुके हैं। हिन्दी के तमाम अख़बारों में यात्राओं और समसामयिक विषयों से जुड़े लेख लिखते रहे हैं। ‘यात्राकार’ नाम से ब्लॉग भी चलाते हैं। शौकिया घुमक्कड़ हैं और यात्राओं को तस्वीरों में सहेजने की रुचि रखते हैं।



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