Dhoomabh Digant
Publisher:
| Author:
| Language:
| Format:
Publisher:
Author:
Language:
Format:
₹60 ₹59
Save: 2%
In stock
Ships within:
In stock
ISBN:
Page Extent:
धूमाभ दिगन्त –
मनोज दास ओड़िया के अग्रणी कथाकार हैं। कहानी के क्षेत्र में इन्होंने विशेष ख्याति अर्जित की है। भिन्न-भिन्न परिस्थितियों और पात्रों को लेकर लिखी गयी इनकी कहानियों में अनूठा स्वरूप वैविध्य है। जहाँ एक ओर देहात के रीति-रिवाज, दारिद्रय और दयनीयता से ओड़िया का ग्राम्य जीवन मुखर हुआ है वहीं उनकी अनेकों कहानियों के पात्र कल्पना के परीलोक से अवतरित होते लगते हैं पर संवेदना उनकी भी इसी मिट्टी से जुड़ी हुई मनुष्य जैसी है। कहानी की पृष्ठभूमि कैसी भी हो सभी में व्यंग्य-विनोद भरपूर मिलता है। बहुत-सी कहानियों में तो परिस्थितियाँ ही व्यंग्यात्मक बन जाती हैं। प्रस्तुत कृति में मनोज दास की सभी प्रकार की कहानियाँ संकलित हैं।
ओड़िया कहानी की नयी धारा को समझने में हिन्दी पाठक इन कहानियों को अत्यन्त उपयोगी पायेंगे, इस विश्वास के साथ मनोज दास की कहानियों का पहला हिन्दी संकलन हिन्दी जगत् को समर्पित है।
धूमाभ दिगन्त –
मनोज दास ओड़िया के अग्रणी कथाकार हैं। कहानी के क्षेत्र में इन्होंने विशेष ख्याति अर्जित की है। भिन्न-भिन्न परिस्थितियों और पात्रों को लेकर लिखी गयी इनकी कहानियों में अनूठा स्वरूप वैविध्य है। जहाँ एक ओर देहात के रीति-रिवाज, दारिद्रय और दयनीयता से ओड़िया का ग्राम्य जीवन मुखर हुआ है वहीं उनकी अनेकों कहानियों के पात्र कल्पना के परीलोक से अवतरित होते लगते हैं पर संवेदना उनकी भी इसी मिट्टी से जुड़ी हुई मनुष्य जैसी है। कहानी की पृष्ठभूमि कैसी भी हो सभी में व्यंग्य-विनोद भरपूर मिलता है। बहुत-सी कहानियों में तो परिस्थितियाँ ही व्यंग्यात्मक बन जाती हैं। प्रस्तुत कृति में मनोज दास की सभी प्रकार की कहानियाँ संकलित हैं।
ओड़िया कहानी की नयी धारा को समझने में हिन्दी पाठक इन कहानियों को अत्यन्त उपयोगी पायेंगे, इस विश्वास के साथ मनोज दास की कहानियों का पहला हिन्दी संकलन हिन्दी जगत् को समर्पित है।
About Author
Reviews
There are no reviews yet.
Reviews
There are no reviews yet.