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Dr. Bhimrao Ambedkar 194

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Chandra Shekhar Azad

Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
| Author:
लक्ष्मेंद्र चोपड़ा , शृंखला सम्पादक लीलाधर मंडलोई
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
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लक्ष्मेंद्र चोपड़ा , शृंखला सम्पादक लीलाधर मंडलोई
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Hindi
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SKU 9789326355322 Category
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64

चंद्रशेखर आज़ाद –

इस देश की आजादी में महापुरुषों का बड़ा योगदान है। उन्होंने अपने व्यापक विचारों से देश की जनता में देश- प्रेम की भावना का स्फुरण किया, लेकिन इनके साथ उन युवा क्रांतिकारी शहीदों के योगदान को भी नज़र अंदाज नहीं किया जा सकता, जिन्होंने अँग्रेजों की दमनकारी नीतियों के विरोध में सशस्त्र संघर्ष किया। जेलों की यातनायें सहीं और हँसते-हँसते अपने प्राण भी न्योछावर कर दिये। चंद्रशेखर आज़ाद का जीवन ऐसा ही था। वे कम उम्र में ही क्रांतिकारी बन गये। क्रांतिकारी संगठन बनाये, उनका नेतृत्व किया और पकड़े जाने पर उफ ! तक नहीं की। लेखक ने चंद्रशेखर आज़ाद के शुरुआती जीवन से लेकर उनके शहीद होने की अंतिम घड़ियों तक के घटनाक्रम को बड़ी खूबी से बुना है। घटनाओं का जिक्र तथ्यपरक है और इतिहास सम्मत भी इसलिए चंद्रशेखर आज़ाद पर यह पुस्तक दस्तावेजी जीवन-कथा बन गयी है।

बीच-बीच में राष्ट्रीय आन्दोलन से प्रेरित गीत और कविताएँ देकर लेखक ने इसे नयी पीढ़ी के लिए मूल्यवान बना दिया है।

निश्चित ही यह किशोर तथा युवा साथियों के लिए प्रेरणादायी कृति है।

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Description

चंद्रशेखर आज़ाद –

इस देश की आजादी में महापुरुषों का बड़ा योगदान है। उन्होंने अपने व्यापक विचारों से देश की जनता में देश- प्रेम की भावना का स्फुरण किया, लेकिन इनके साथ उन युवा क्रांतिकारी शहीदों के योगदान को भी नज़र अंदाज नहीं किया जा सकता, जिन्होंने अँग्रेजों की दमनकारी नीतियों के विरोध में सशस्त्र संघर्ष किया। जेलों की यातनायें सहीं और हँसते-हँसते अपने प्राण भी न्योछावर कर दिये। चंद्रशेखर आज़ाद का जीवन ऐसा ही था। वे कम उम्र में ही क्रांतिकारी बन गये। क्रांतिकारी संगठन बनाये, उनका नेतृत्व किया और पकड़े जाने पर उफ ! तक नहीं की। लेखक ने चंद्रशेखर आज़ाद के शुरुआती जीवन से लेकर उनके शहीद होने की अंतिम घड़ियों तक के घटनाक्रम को बड़ी खूबी से बुना है। घटनाओं का जिक्र तथ्यपरक है और इतिहास सम्मत भी इसलिए चंद्रशेखर आज़ाद पर यह पुस्तक दस्तावेजी जीवन-कथा बन गयी है।

बीच-बीच में राष्ट्रीय आन्दोलन से प्रेरित गीत और कविताएँ देकर लेखक ने इसे नयी पीढ़ी के लिए मूल्यवान बना दिया है।

निश्चित ही यह किशोर तथा युवा साथियों के लिए प्रेरणादायी कृति है।

About Author

लक्ष्मेंद्र चोपड़ा - जन्म : 18 जून, 1952 । शिक्षा : समाजशास्त्र में एम.ए. । पत्रकारिता-जनसंचार माध्यम और अँग्रेजी में डिप्लोमा। पत्रकारिता, आकाशवाणी तथा टेलीविजन मीडिया में 44 साल का अनुभव । विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में सभी विधाओं की रचनाओं का प्रकाशन । 2 कहानी संग्रह, मीडिया पर 3 किताबें और कुछ नाटक प्रकाशित । नाटकों का मंच पर प्रदर्शन । विदेश की लम्बी यात्राओं के ज़रिये सामाजिक, ऐतिहासिक तथा सांस्कृतिक पक्षों पर शोध तथा फुटकर लेखन । सम्पर्क : एच-101, यूनिक टावर्स, जगतपुरा, जयपुर-302017

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