Belagam (HB)
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एलिस मनरो को कहानी के पारम्परिक शिल्प में निर्णायक दख़ल देने वाली रचनाकार माना जाता है। अपने सरल दिखने वाले कथानकों में उन्होंने जीवन के जटिलतम प्रश्नों को पकड़ा है और उन्हें अपने ऐसे पात्रों के माध्यम से रेखांकित किया है जिन्हें अखिल मानवता के प्रतिनिधि पात्र कहा जा सकता है। उनकी ज़्यादातर कहानियों का परिवेश उनका अपना क़स्बा रहा है जहाँ वे रहती हैं और इसे उनकी रचनात्मकता का एक विशेष पहलू माना जाता है। यही अहमियत उनकी कहानियों में निहित औपन्यासिक तत्त्वों की भी है जिसके लिए अनेक आलोचकों ने गम्भीरतापूर्वक उनका उल्लेख किया है।
उनकी कहानियों में विडम्बनामूलक व्यंग्य और गम्भीर अवलोकन साथ-साथ चलते हैं। यथार्थ के टटके बिम्ब, स्पष्ट विवरण और इन सबके बीच अपने अस्तित्व का अर्थ खोजते उनके पात्र एक गहरा प्रभाव पाठक के मन पर छोड़ते हैं। कहा जाता है कि एलिस मनरो एक ऐसी कथाकार हैं जिन्होंने जीवन की ऊब का अंकन इतने दिलचस्प ढंग से किया है कि उसे पढ़ते हुए किसी को ऊब नहीं होती।
‘बेलगाम’ में उनके मूल कहानी-संग्रह ‘रनअवे’ की कुछ कहानियों का अनुवाद प्रस्तुत किया जा रहा है। 2004 में प्रकाशित इस पुस्तक को कनाडा के शीर्षस्थ साहित्यिक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
एलिस मनरो को कहानी के पारम्परिक शिल्प में निर्णायक दख़ल देने वाली रचनाकार माना जाता है। अपने सरल दिखने वाले कथानकों में उन्होंने जीवन के जटिलतम प्रश्नों को पकड़ा है और उन्हें अपने ऐसे पात्रों के माध्यम से रेखांकित किया है जिन्हें अखिल मानवता के प्रतिनिधि पात्र कहा जा सकता है। उनकी ज़्यादातर कहानियों का परिवेश उनका अपना क़स्बा रहा है जहाँ वे रहती हैं और इसे उनकी रचनात्मकता का एक विशेष पहलू माना जाता है। यही अहमियत उनकी कहानियों में निहित औपन्यासिक तत्त्वों की भी है जिसके लिए अनेक आलोचकों ने गम्भीरतापूर्वक उनका उल्लेख किया है।
उनकी कहानियों में विडम्बनामूलक व्यंग्य और गम्भीर अवलोकन साथ-साथ चलते हैं। यथार्थ के टटके बिम्ब, स्पष्ट विवरण और इन सबके बीच अपने अस्तित्व का अर्थ खोजते उनके पात्र एक गहरा प्रभाव पाठक के मन पर छोड़ते हैं। कहा जाता है कि एलिस मनरो एक ऐसी कथाकार हैं जिन्होंने जीवन की ऊब का अंकन इतने दिलचस्प ढंग से किया है कि उसे पढ़ते हुए किसी को ऊब नहीं होती।
‘बेलगाम’ में उनके मूल कहानी-संग्रह ‘रनअवे’ की कुछ कहानियों का अनुवाद प्रस्तुत किया जा रहा है। 2004 में प्रकाशित इस पुस्तक को कनाडा के शीर्षस्थ साहित्यिक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
About Author
एलिस मनरो
जन्म : 10 जुलाई, 1931
शिक्षा : यूनिवर्सिटी ऑफ़ वेस्टर्न, आन्टारियों से अर्जित किया।
‘न्यू यार्कर’ में प्रकाशित प्रतिष्ठित और यशस्वी लेखकों की विशिष्ट मण्डली में उनका भी नाम है तथा कहानियों की माँग कनाडा और अमेरिका की प्रमुख पत्रिकाओं में सदा रहती है। नार्वे से ऑस्ट्रेलिया, विश्व के हर कोने से उन्हें अपनी रचनाओं पर बोलने के लिए आमंत्रित किया जाता रहा है।
पुरस्कार : वर्ष 2013 में ‘नोबल पुरस्कार’ से सम्मानित। ‘डान्स ऑफ़ द हैप्पी शेड्स’ पर 1968 में प्रकाशित पहली पुस्तक ‘कनाडा का गवर्नर जनरल पुरस्कार’ मिला। 1971 में ‘लाइव्स ऑफ़ गर्ल्स एंड वीमेन’ विशेष रूप से लोकप्रिय हुई और उसके बाद 1974 में प्रकाशित ‘समथिंग आई हैव बीन मीनिंग टू टेल यू’ चार साल बाद प्रकाशित कहानी-संग्रह— ‘हु डू यू थिंक यू आर?’ काफ़ी समय तक बेस्ट सेलर पुस्तकों की तालिका में रहने के साथ एलिस मनरो के लिए दूसरा ‘गवर्नर जनरल पुरस्कार’ दिलवाया। ‘द बेगर मेड’ शीर्षक के अन्तर्गत प्रकाशित यह अविस्मरणीय पुस्तक लब्ध प्रतिष्ठित ‘बुकर पुरस्कार’ के लिए दूसरे स्थान पर थी और इसने एलिस मनरो को हमारे युग के महानतम लेखकों की पंक्ति में बैठा दिया। ‘द प्रोग्रेस ऑफ़ लव’ कहानी-संग्रह पर उन्हें तीसरी बार ‘गवर्नर जनरल पुरस्कार’ मिला।
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