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बंद कोठरी का दरवाजा | BAND KOTHARI KA DARWAJA
Publisher:
Setu Prakashan
| Author:
RASHMI SHARMA
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Setu Prakashan
Author:
RASHMI SHARMA
Language:
Hindi
Format:
Paperback
₹260 ₹234
Save: 10%
In stock
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3-5 Days
In stock
ISBN:
SKU
9789391277598
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
200
इस संग्रह की कहानियाँ भिन्न जीवन-स्थितियों एवं भिन्न मनःस्थितियों की कहानियाँ हैं। मध्य वर्ग, मजदूर वर्ग, निम्न वर्ग, समान्त वर्ग सब हैं इन कहानियों में। कहानीकार यथार्थ रचने की प्रक्रिया में भी हैं। बन्द कोठरियों के दरवाजे खुल रहे हैं।
युवा कथाकार रश्मि शर्मा का नया कहानी संग्रह बंद कोठरी का दरवाजा आकर्षित करता है क्योंकि उसमें भाषा व शिल्प का कोई प्रपंच नहीं है, उसमें उसका प्रदर्शन नहीं है और उसमें कथ्य को अधिक महत्त्व दिया गया है। रश्मि की कई कहानियों में कई स्थलों पर उनकी भाषा बहुत सुंदर और काव्यात्मक भी हो जाती है और उसका शिल्प भी आकर्षित करता है लेकिन रश्मि शर्मा ने हर कहानी में अपने कथ्य को ही उभारने का प्रयास किया है।
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Description
इस संग्रह की कहानियाँ भिन्न जीवन-स्थितियों एवं भिन्न मनःस्थितियों की कहानियाँ हैं। मध्य वर्ग, मजदूर वर्ग, निम्न वर्ग, समान्त वर्ग सब हैं इन कहानियों में। कहानीकार यथार्थ रचने की प्रक्रिया में भी हैं। बन्द कोठरियों के दरवाजे खुल रहे हैं।
युवा कथाकार रश्मि शर्मा का नया कहानी संग्रह बंद कोठरी का दरवाजा आकर्षित करता है क्योंकि उसमें भाषा व शिल्प का कोई प्रपंच नहीं है, उसमें उसका प्रदर्शन नहीं है और उसमें कथ्य को अधिक महत्त्व दिया गया है। रश्मि की कई कहानियों में कई स्थलों पर उनकी भाषा बहुत सुंदर और काव्यात्मक भी हो जाती है और उसका शिल्प भी आकर्षित करता है लेकिन रश्मि शर्मा ने हर कहानी में अपने कथ्य को ही उभारने का प्रयास किया है।
About Author
रश्मि शर्मा निवास : राँची, झारखण्ड।
राँची विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में स्नातक, इतिहास में स्नातकोत्तर। विभिनन राष्ट्रीय-अन्तरराष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में कहानी, कविता, लेख, यात्रा-वृत्तान्त, इत्यादि का नियमित प्रकाशन। कविता-संग्रह ‘नदी को सोचने दो’, ‘मन हुआ पलाश’ और ‘वक्त की अलगनी पर’। एक दशक तक सक्रिय पत्रकारिता करने के बाद अब पूर्णकालिक रचनात्मक लेखन एवं स्वतन्त्र पत्रकारिता। सी.एस.डी.एस. नेशनल इन्क्लूसिव मीडिया फेलोशिप (2013) प्राप्त। ‘रूप-अरूप’ ब्लॉग (जनवरी 2008 से सक्रिय)
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