BAL RAMAYAN (HINDI)

Publisher:
MANJUL
| Author:
PANI PANKAJ PANDEY
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback

225

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रामायण केवल धर्मग्रंथ ही नही अपितु जीवन ग्रंथ है। प्रेम, पराक्रम, नीति, धर्म, मर्यादा और मानव मूल्यों का जो आदर्श रामायण में स्थापित है वह अन्यत्र कहीं भी दुर्लभ है। उन्ही शाश्वत आदर्शों, गुणों और संस्कारों का सरल, सरस, संक्षिप्त काव्य रूप है – बाल रामायण । संपूर्ण रामायण का यह अनुपम काव्य रूपांतरण सभी वर्ग के पाठकों, विशेषकर बच्चों और युवाओं के लिए, एक अनुपम उपहार है। यह एकमात्र उपलब्ध कृति है जिसमें संपूर्ण रामायण को उसके भाव और संस्कारों को अक्षुण्ण रखते हुए इतने सरल रूप में प्रस्तुत किया गया है। कि पाठकगण समय की अल्पता में भी, अर्थ और भाव के लिए अधिक प्रयास किए बिना ही जीवनोपयोगी मानव मूल्यों और सफलता के सूत्रों को सरलता से ग्रहण कर सकेंगे। माता-पिता अपने बच्चों को इस बाल रामायण की प्रति भेंट कर उनके अंदर संस्कारों का बीज रोपित करते हुए रामायण के आदर्शों से अवश्य परिचित कराएंगे और लेखक के इस प्रयास में सहभागी बनेंगे, इसी कामना के साथ यह बाल रामायण आप सभी को निवेदित है।

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Description

रामायण केवल धर्मग्रंथ ही नही अपितु जीवन ग्रंथ है। प्रेम, पराक्रम, नीति, धर्म, मर्यादा और मानव मूल्यों का जो आदर्श रामायण में स्थापित है वह अन्यत्र कहीं भी दुर्लभ है। उन्ही शाश्वत आदर्शों, गुणों और संस्कारों का सरल, सरस, संक्षिप्त काव्य रूप है – बाल रामायण । संपूर्ण रामायण का यह अनुपम काव्य रूपांतरण सभी वर्ग के पाठकों, विशेषकर बच्चों और युवाओं के लिए, एक अनुपम उपहार है। यह एकमात्र उपलब्ध कृति है जिसमें संपूर्ण रामायण को उसके भाव और संस्कारों को अक्षुण्ण रखते हुए इतने सरल रूप में प्रस्तुत किया गया है। कि पाठकगण समय की अल्पता में भी, अर्थ और भाव के लिए अधिक प्रयास किए बिना ही जीवनोपयोगी मानव मूल्यों और सफलता के सूत्रों को सरलता से ग्रहण कर सकेंगे। माता-पिता अपने बच्चों को इस बाल रामायण की प्रति भेंट कर उनके अंदर संस्कारों का बीज रोपित करते हुए रामायण के आदर्शों से अवश्य परिचित कराएंगे और लेखक के इस प्रयास में सहभागी बनेंगे, इसी कामना के साथ यह बाल रामायण आप सभी को निवेदित है।

About Author

पाणि पंकज पाण्डेय का जन्म मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले में हुआ। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से विज्ञान में स्नातक और प्रबंध शास्त्र में परास्नातक के उपरांत वर्तमान में वे भारत सरकार के एक महारत्न प्रतिष्ठान - कोल इंडिया लिमिटेड में बतौर प्रबंधक (मानव संसाधन) - अपनी सेवाएं दे रहे हैं। हिंदी और अंग्रेजी साहित्य के अध्ययन में इनकी विशेष रुचि रही है। देश के कई नामचीन कवियों के साथ काव्य मंच साझा कर चुके श्री पाण्डेय की रचनाएं कई पत्र-पत्रिकाओं में भी प्रकाशित हो चुकी हैं। एक सफल कवि एवं लेखक होने के साथ-साथ एक अच्छे प्रशिक्षक के रूप में देश के कई विद्यालयों और महाविद्यालयों में इनके प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित होते रहते हैं।
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