अंसारी की मौत की अजीब दास्तान | ANSARI KI MOUT KI AAJEEB DASTAN

Publisher:
Setu Prakashan
| Author:
ANJALI DESHPANDE
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
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Setu Prakashan
Author:
ANJALI DESHPANDE
Language:
Hindi
Format:
Paperback

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समय और काल के गहरे बोध से निर्मित अंजली देशपांडे की कहानियाँ गहरे द्वैत से निर्मित हैं। यह समय और काल हमें मशीन बना रहा है या हम मशीन बन कर समय और काल को ज्यादा विकृत कर रहे हैं। मशीन रूपी दिल ने अंसारी का ज्यादा नुकसान किया या व्यवस्था के भीतर मशीन हो गये इनसानों ने यह कहना बहुत मुश्किल है। संग्रह की कहानियों से जब पाठक गुजरता है, तब बहुत बार हृदय के विविध रूपों को देखता है। ‘अंसारी की मौत की अजीब दास्तान’ हो या ‘धुंआरी आँखें’ हों या रामचंद्र का श्रद्धा से नत हृदय हो। यह आधुनिक जीवन में मनुष्यता के छीजने के कारण है। विडंबनात्मक रूप में यह उसके छीजने की कहानी है पर प्रकारांतर से उस छीजने से उत्पन्न तड़प की। एक बात यहाँ और भी ध्यान देने की है। समय और काल में हम सामाजिक के रूप में फँसे हैं; पर लेखक की प्रतिबद्धता इन कहानियों को एक निश्चित कोण प्रदान करती है। कहानी की संरचना में इस बात का भी विशेष महत्त्व है। एक स्तर पर गहरी विसंगतियों-विडंबनाओं को धारण करती ये कहानियाँ लेखकीय दृष्टिकोण के कारण जनता की तरफदार बन जाती हैं। अतः ये कहानियाँ मानवीयता के स्खलन के समानांतर एक प्रतिपक्ष भी निर्मित करती हैं। समाज में अन्याय के अनेक रूपों को ये कहानियाँ उजागर करती हैं, खासतौर से स्त्रियों के प्रति होने वाले अन्याय को।

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समय और काल के गहरे बोध से निर्मित अंजली देशपांडे की कहानियाँ गहरे द्वैत से निर्मित हैं। यह समय और काल हमें मशीन बना रहा है या हम मशीन बन कर समय और काल को ज्यादा विकृत कर रहे हैं। मशीन रूपी दिल ने अंसारी का ज्यादा नुकसान किया या व्यवस्था के भीतर मशीन हो गये इनसानों ने यह कहना बहुत मुश्किल है। संग्रह की कहानियों से जब पाठक गुजरता है, तब बहुत बार हृदय के विविध रूपों को देखता है। ‘अंसारी की मौत की अजीब दास्तान’ हो या ‘धुंआरी आँखें’ हों या रामचंद्र का श्रद्धा से नत हृदय हो। यह आधुनिक जीवन में मनुष्यता के छीजने के कारण है। विडंबनात्मक रूप में यह उसके छीजने की कहानी है पर प्रकारांतर से उस छीजने से उत्पन्न तड़प की। एक बात यहाँ और भी ध्यान देने की है। समय और काल में हम सामाजिक के रूप में फँसे हैं; पर लेखक की प्रतिबद्धता इन कहानियों को एक निश्चित कोण प्रदान करती है। कहानी की संरचना में इस बात का भी विशेष महत्त्व है। एक स्तर पर गहरी विसंगतियों-विडंबनाओं को धारण करती ये कहानियाँ लेखकीय दृष्टिकोण के कारण जनता की तरफदार बन जाती हैं। अतः ये कहानियाँ मानवीयता के स्खलन के समानांतर एक प्रतिपक्ष भी निर्मित करती हैं। समाज में अन्याय के अनेक रूपों को ये कहानियाँ उजागर करती हैं, खासतौर से स्त्रियों के प्रति होने वाले अन्याय को।

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