SaleSold outPaperback
Varunputri ₹199 ₹198
Save: 1%
The Buddha And Essence And Of Dhamma ₹275 ₹220
Save: 20%
Abhigyan
Publisher:
Rajpal and Sons
| Author:
Narendra Kohli
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
₹250 ₹125
Save: 50%
Out of stock
Receive in-stock notifications for this.
Ships within:
1-4 Days
Out of stock
ISBN:
Category: Hindi
Page Extent:
168
2017 में ‘पद्मश्री’ और 2012 में ‘व्यास सम्मान’ से अलंकृत नरेंद्र कोहली की गणना हिंदी के प्रमुख साहित्यकारों में होती है। 1947 के बाद के हिंदी साहित्य में उनका योगदान अमूल्य है। उन्होंने प्राचीन महाकाव्यों को आधुनिक पाठकों के लिए गद्य रूप में लिखने का एक नया चलन शुरू किया और पौराणिक कथानकों पर अनेक साहित्यिक कृतियॉं रचीं।
अभिज्ञान के कथानक की रचना गीता में वर्णित कृष्ण के कर्म-सिद्धांत की आधार भूमि है। लेकिन यह उपन्यास कर्म-सिद्धांत की पुष्टि के लिए नहीं, उसे समझाने के लिए है, जिससे साधारण मनुष्य भी अपने जीवन में इसका पालन कर सकता है। एक सांस्कृतिक उपन्यास जो प्राचीन और आज की शिक्षा-प्रणाली, गुरु-शिष्य परंपरा की अंतर्कथा भी है।
तोड़ो कारा तोड़ो, वसुदेव, साथ सहा गया दुख, हत्यारे, आतंक और वरुणपुत्री उनकी अन्य लोकप्रिय पुस्तकें हैं।
Rated 0 out of 5
0 reviews
Rated 5 out of 5
0
Rated 4 out of 5
0
Rated 3 out of 5
0
Rated 2 out of 5
0
Rated 1 out of 5
0
Be the first to review “Abhigyan” Cancel reply
Description
2017 में ‘पद्मश्री’ और 2012 में ‘व्यास सम्मान’ से अलंकृत नरेंद्र कोहली की गणना हिंदी के प्रमुख साहित्यकारों में होती है। 1947 के बाद के हिंदी साहित्य में उनका योगदान अमूल्य है। उन्होंने प्राचीन महाकाव्यों को आधुनिक पाठकों के लिए गद्य रूप में लिखने का एक नया चलन शुरू किया और पौराणिक कथानकों पर अनेक साहित्यिक कृतियॉं रचीं।
अभिज्ञान के कथानक की रचना गीता में वर्णित कृष्ण के कर्म-सिद्धांत की आधार भूमि है। लेकिन यह उपन्यास कर्म-सिद्धांत की पुष्टि के लिए नहीं, उसे समझाने के लिए है, जिससे साधारण मनुष्य भी अपने जीवन में इसका पालन कर सकता है। एक सांस्कृतिक उपन्यास जो प्राचीन और आज की शिक्षा-प्रणाली, गुरु-शिष्य परंपरा की अंतर्कथा भी है।
तोड़ो कारा तोड़ो, वसुदेव, साथ सहा गया दुख, हत्यारे, आतंक और वरुणपुत्री उनकी अन्य लोकप्रिय पुस्तकें हैं।
About Author
Rated 0 out of 5
0 reviews
Rated 5 out of 5
0
Rated 4 out of 5
0
Rated 3 out of 5
0
Rated 2 out of 5
0
Rated 1 out of 5
0
Reviews
Clear filtersThere are no reviews yet.
Be the first to review “Abhigyan” Cancel reply
[wt-related-products product_id="test001"]
Reviews
Clear filtersThere are no reviews yet.