SaleOmnibus/Box Set (Paperback)
Set Of 3 Books By Prateeik Prajapati : Sanatan Sanskriti Ka Mula Gyan I Vaidik Dincharya I Brahmacharya
Publisher:
Veducation World
| Author:
Prateeik Prajapati
| Language:
Hindi
| Format:
Omnibus/Box Set (Paperback)
Publisher:
Veducation World
Author:
Prateeik Prajapati
Language:
Hindi
Format:
Omnibus/Box Set (Paperback)
₹1,497 ₹1,047
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In stock
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5-7 Days
In stock
Book Type |
---|
ISBN:
Categories: Dharma/Religion, Hindi
Page Extent:
495
1.सनातन संस्कृति का मूलज्ञान : सनातन धर्म का विश्वकोश सात साल की शोध एक पुस्तक में।
दुनिया की सबसे प्राचीन और सबसे समृद्ध संस्कृति होने के बाद भी, एक औसतन व्यक्ति सनातन धर्म के बारे में 1% से भी कम जानता है। और ऐसा नहीं है की वे सीखना नहीं चाहते; वो चाहते है! परन्तु सीखें कहाँ से? शुरुआत कहा से करे?
तो इस B.O.S.S पुस्तक से हमने उस समस्या को हल कर दिया है। 7 साल के विस्तृत अध्ययन के बाद, Veducation लाया है B.O.S.S (Basics of Sanatan Sanskriti) यानी की ‘सनातन संस्कृति की मूल ज्ञान’। मात्र एक पुस्तक से समझिए सम्पूर्ण सनातन संस्कृति के विज्ञान, मनोविज्ञान और तत्त्व शास्त्र को।
B.O.S.S हर उन जिज्ञासु के लिए है जो सनातन धर्म का मूलज्ञान जानने में रुचि रखते हैं। इस पुस्तक से दुनिया का हर बच्चा, बूढ़ा, भारतीय, गैर-भारतीय, हिंदू, गैर-हिंदू सीख सकेगा कि सनातन संस्कृति वास्तव में क्या है। B.O.S.S: सनातन संस्कृति का मूल ज्ञान
तो, आप क्या सीखेंगे? 11 सबसे महत्वपूर्ण विषयों का मूल ज्ञान परंतु इतना भी साधारण नही
1. आत्मा का मूलज्ञान : आत्मा-जीव
2. परमात्मा का मूलज्ञान : परमात्मा, ईश्वर, भगवान
3. देवी देवता का मूलज्ञान
4. प्रकृति का मूलज्ञान
5. योग का मूलज्ञान
6. धर्म का मूलज्ञान
7. कर्म का मूलज्ञान
8. ब्रह्मांड का मूलज्ञान
9. समय का मूलज्ञान : काल
10. वैदिक शास्त्रों का मूलज्ञान
11. सनातन संस्कृति का मूलज्ञान
2. वैदिक दिनचर्या :
इस पुस्तक में ऐसा दैनिक नित्यकर्म, साधना और श्लोक बताए गए है जिसका हर सनातनी अपनी व्यस्त जीवनशैली में कम से कम समय निकालकर पालन कर सकता है। इस पुस्तक में दिया गया नित्यकर्म धर्मशास्त्र, आयुर्वेद, ज्योतिष शास्त्र और आज के मॉडर्न जीवन शैली को ध्यान में रखकर बनाया गया है। जिसे अपनाने वाला सरलता से अपना जीवन स्वस्थ, शांतिमय, धार्मिक और समृद्ध बना पाएगा। यह पुस्तक का उद्देश्य आज के मॉडर्न समय में लोगो को सनातन संस्कृति की वैदिक दिनचर्या का ऐसा सरल नित्यकर्म सिखाना है, जिसका पालन करके हर सनातनी अपने शरीर को स्वस्थ, मन को शान्त, बुद्धि को निर्मल और अपने जीवन को धार्मिक बना सकता है। जिससे वो अपने, अपनों के और सारे जीवों के जीवन में सुख, शान्ति व समृद्धि भरकर अंत में भगवान को प्राप्त कर सकता है। फिर ऐसे समृद्ध सनातनी मिलकर भारत में पुनः वैदिक संस्कृति को स्थापित कर उसे पुनः सोने की चिड़िया बनाए, जो की सम्पूर्ण विश्व को कल्याण की दिशा में ले जा सके।
3. ब्रह्मचर्य:-
नशा, जुआ, पोर्न, हस्तमैथुन आदि आदतों से मुक्ति पाकर एकदम High Quality जीवन जीने की शास्त्रिक विधि…
कलियुग के इस आरामदायक समय में विश्व के अधिकतर युवा नशा, पोर्न, हस्तमैथुन, जुआ आदि बुरी आदतों से अपने मन, शरीर और बुद्धि को निर्बल बनाते जा रहे हैं। ऐसे में जो कोई ब्रह्मचर्य की इस सरल विधि को अपने जीवन में अपना लेता हैं वो जीवन के समस्त क्षेत्रों में श्रेष्ठ उन्नति पा सकता है।
फिर वो शारीरिक हो, मानसिक हो, आर्थिक हो या आध्यात्मिक; एक ब्रह्मचारी अपनी अप्रतिम इच्छाशक्ति और एकाग्रता से उन ध्येयों को भी प्राप्त करने के लिए सक्षम बनता है जो कि एक भोगी को हमेशा असंभव लगता है।
और इस पुस्तक से हम उस ब्रह्मचर्य के सनातन विज्ञान को समझेंगे, अपने जीवन में उतारेंगे और जीवन को उस दिशा में ऐसी गति से ले जाएँगे जिसके बारे में अधिकतर लोग सोच भी नहीं पाते।
पुस्तक के कुछ महत्वपूर्ण अध्याय…
1. ब्रह्मचर्य का विज्ञान
2. प्राण का विज्ञान
3. वीर्य का विज्ञान
4. वीर्य की 5 अवस्थाएँ
5. वीर्य के 3 उद्गमस्थान
6. वीर्य के 3 स्वभाव
7. वीर्य की 3 गति
8. मैथुन के 8 प्रकार
9. इंद्रिय सुखों के 5 प्रकार
10. वीर्यनाश के 6 असर
11. ब्रह्मचर्य की नाव में 7 छिद्र
12. ब्रह्मचर्य खंडन की 3 कारक भावनाएँ
13. ब्रह्मचर्य खंडन का एकमात्र कारण
14. नास्तिकों के लिए ब्रह्मचर्य
15. स्त्रियों के लिए ब्रह्मचर्य
16. वैवाहिक ब्रह्मचर्य
17. Guaranteed Action Plan
18. 108 Strong Challenge
19. अखंड ब्रह्मचर्य चैलेंज
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Description
1.सनातन संस्कृति का मूलज्ञान : सनातन धर्म का विश्वकोश सात साल की शोध एक पुस्तक में।
दुनिया की सबसे प्राचीन और सबसे समृद्ध संस्कृति होने के बाद भी, एक औसतन व्यक्ति सनातन धर्म के बारे में 1% से भी कम जानता है। और ऐसा नहीं है की वे सीखना नहीं चाहते; वो चाहते है! परन्तु सीखें कहाँ से? शुरुआत कहा से करे?
तो इस B.O.S.S पुस्तक से हमने उस समस्या को हल कर दिया है। 7 साल के विस्तृत अध्ययन के बाद, Veducation लाया है B.O.S.S (Basics of Sanatan Sanskriti) यानी की ‘सनातन संस्कृति की मूल ज्ञान’। मात्र एक पुस्तक से समझिए सम्पूर्ण सनातन संस्कृति के विज्ञान, मनोविज्ञान और तत्त्व शास्त्र को।
B.O.S.S हर उन जिज्ञासु के लिए है जो सनातन धर्म का मूलज्ञान जानने में रुचि रखते हैं। इस पुस्तक से दुनिया का हर बच्चा, बूढ़ा, भारतीय, गैर-भारतीय, हिंदू, गैर-हिंदू सीख सकेगा कि सनातन संस्कृति वास्तव में क्या है। B.O.S.S: सनातन संस्कृति का मूल ज्ञान
तो, आप क्या सीखेंगे? 11 सबसे महत्वपूर्ण विषयों का मूल ज्ञान परंतु इतना भी साधारण नही
1. आत्मा का मूलज्ञान : आत्मा-जीव
2. परमात्मा का मूलज्ञान : परमात्मा, ईश्वर, भगवान
3. देवी देवता का मूलज्ञान
4. प्रकृति का मूलज्ञान
5. योग का मूलज्ञान
6. धर्म का मूलज्ञान
7. कर्म का मूलज्ञान
8. ब्रह्मांड का मूलज्ञान
9. समय का मूलज्ञान : काल
10. वैदिक शास्त्रों का मूलज्ञान
11. सनातन संस्कृति का मूलज्ञान
2. वैदिक दिनचर्या :
इस पुस्तक में ऐसा दैनिक नित्यकर्म, साधना और श्लोक बताए गए है जिसका हर सनातनी अपनी व्यस्त जीवनशैली में कम से कम समय निकालकर पालन कर सकता है। इस पुस्तक में दिया गया नित्यकर्म धर्मशास्त्र, आयुर्वेद, ज्योतिष शास्त्र और आज के मॉडर्न जीवन शैली को ध्यान में रखकर बनाया गया है। जिसे अपनाने वाला सरलता से अपना जीवन स्वस्थ, शांतिमय, धार्मिक और समृद्ध बना पाएगा। यह पुस्तक का उद्देश्य आज के मॉडर्न समय में लोगो को सनातन संस्कृति की वैदिक दिनचर्या का ऐसा सरल नित्यकर्म सिखाना है, जिसका पालन करके हर सनातनी अपने शरीर को स्वस्थ, मन को शान्त, बुद्धि को निर्मल और अपने जीवन को धार्मिक बना सकता है। जिससे वो अपने, अपनों के और सारे जीवों के जीवन में सुख, शान्ति व समृद्धि भरकर अंत में भगवान को प्राप्त कर सकता है। फिर ऐसे समृद्ध सनातनी मिलकर भारत में पुनः वैदिक संस्कृति को स्थापित कर उसे पुनः सोने की चिड़िया बनाए, जो की सम्पूर्ण विश्व को कल्याण की दिशा में ले जा सके।
3. ब्रह्मचर्य:-
नशा, जुआ, पोर्न, हस्तमैथुन आदि आदतों से मुक्ति पाकर एकदम High Quality जीवन जीने की शास्त्रिक विधि…
कलियुग के इस आरामदायक समय में विश्व के अधिकतर युवा नशा, पोर्न, हस्तमैथुन, जुआ आदि बुरी आदतों से अपने मन, शरीर और बुद्धि को निर्बल बनाते जा रहे हैं। ऐसे में जो कोई ब्रह्मचर्य की इस सरल विधि को अपने जीवन में अपना लेता हैं वो जीवन के समस्त क्षेत्रों में श्रेष्ठ उन्नति पा सकता है।
फिर वो शारीरिक हो, मानसिक हो, आर्थिक हो या आध्यात्मिक; एक ब्रह्मचारी अपनी अप्रतिम इच्छाशक्ति और एकाग्रता से उन ध्येयों को भी प्राप्त करने के लिए सक्षम बनता है जो कि एक भोगी को हमेशा असंभव लगता है।
और इस पुस्तक से हम उस ब्रह्मचर्य के सनातन विज्ञान को समझेंगे, अपने जीवन में उतारेंगे और जीवन को उस दिशा में ऐसी गति से ले जाएँगे जिसके बारे में अधिकतर लोग सोच भी नहीं पाते।
पुस्तक के कुछ महत्वपूर्ण अध्याय…
1. ब्रह्मचर्य का विज्ञान
2. प्राण का विज्ञान
3. वीर्य का विज्ञान
4. वीर्य की 5 अवस्थाएँ
5. वीर्य के 3 उद्गमस्थान
6. वीर्य के 3 स्वभाव
7. वीर्य की 3 गति
8. मैथुन के 8 प्रकार
9. इंद्रिय सुखों के 5 प्रकार
10. वीर्यनाश के 6 असर
11. ब्रह्मचर्य की नाव में 7 छिद्र
12. ब्रह्मचर्य खंडन की 3 कारक भावनाएँ
13. ब्रह्मचर्य खंडन का एकमात्र कारण
14. नास्तिकों के लिए ब्रह्मचर्य
15. स्त्रियों के लिए ब्रह्मचर्य
16. वैवाहिक ब्रह्मचर्य
17. Guaranteed Action Plan
18. 108 Strong Challenge
19. अखंड ब्रह्मचर्य चैलेंज
About Author
Prateeik Prajapati is the founder of Veducation. Where he trains young minds about the life, career, relationships though the principles and wisdom of ancient Vedic scriptures. He lectures at universities and corporates to bring the golden revolution of vedic wisdom in all areas of life.
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