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VIVAD NAHI HASTKSHEP
Publisher:
Setu Prakashan
| Author:
VIRENDRA YADAV
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Setu Prakashan
Author:
VIRENDRA YADAV
Language:
Hindi
Format:
Paperback
₹550 ₹440
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ISBN:
SKU
9789395160346
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
352
विवाद नहीं हस्तक्षेप खासी विचारोत्तेजक पुस्तक है; और हो भी क्यों न, इसके कई सारे लेख बहस में दखल देते हुए, किसी धारणा को चुनौती देते हुए, किसी मत का प्रतिवाद करते हुए लिखे गए हैं। वीरेंद्र यादव इस किताब में साहित्य-समीक्षक के साथ ही बुद्धिजीवी या चिंतक की भूमिका में नजर आते हैं।
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Description
विवाद नहीं हस्तक्षेप खासी विचारोत्तेजक पुस्तक है; और हो भी क्यों न, इसके कई सारे लेख बहस में दखल देते हुए, किसी धारणा को चुनौती देते हुए, किसी मत का प्रतिवाद करते हुए लिखे गए हैं। वीरेंद्र यादव इस किताब में साहित्य-समीक्षक के साथ ही बुद्धिजीवी या चिंतक की भूमिका में नजर आते हैं।
About Author
जन्म : 5 मार्च 1950, जौनपुर (उ.प्र.) उपन्यास आलोचना में विशिष्ट स्थान; उपन्यास केन्द्रित आलोचना पुस्तक उपन्यास और वर्चस्व की सत्ता विशेष रूप से चर्चित । उपन्यास आलोचना की हाल में आयी एक और किताब उपन्यास और देस भी चर्चा में । प्रगतिशील साहित्य और आन्दोलन पर केन्द्रित पुस्तक प्रगतिशीलता के पक्ष में प्रकाशित। प्रेमचन्द और 1857 पर हस्तक्षेपकारी लेखन। समसामयिक साहित्यिक सांस्कृतिक परिदृश्य पर विपुल लेखन । कई आलोचनात्मक लेखों का अंग्रेजी और उर्दू में अनुवाद प्रकाशित। नवें दशक में प्रयोजन पत्रिका का सम्पादन। मार्कण्डेय की सम्पूर्ण कहानियाँ और यशपाल का विप्लव का भूमिका लेखन। जॉन हर्सी की पुस्तक हिरोशिमा का अँग्रेजी से हिन्दी अनुवाद। अँग्रेजी में पुस्तिका दि रिवोल्युशन मिथ एण्ड रियलिटी प्रकाशित । देवीशंकर अवस्थी आलोचना सम्मान, उ.प्र. हिन्दी संस्थान का साहित्य भूषण सम्मान, गुलाब राय सम्मान, शमशेर सम्मान व मुद्राराक्षस सम्मान।
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