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ANGOOTHI KA BHOOT (HINDI)
Publisher:
MANJUL
| Author:
MANISH SHARMA
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
MANJUL
Author:
MANISH SHARMA
Language:
Hindi
Format:
Paperback
₹175 ₹174
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9789390924417
Category Hindi
Category: Hindi
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काश! कुछ ऐसा होता कि कोई अपना हमारे पास होता। काश! वो कुछ बदला होता तो बात अलग होती। काश! उसने मुझे समझा होता। ज़िंदगी इसी ‘काश’ के चारों तरफ घूमती है। इस ‘काश’ में बहुत से सपने, बहुत सी उम्मीदें, बहुत सारी संभावनाएं और बहुत सारा दर्द जुड़ा रहता है। इन्हीं से जुड़ी कहानी है ‘अंगूठी का भूत’। पहली नज़र में आपको ये साधारण-सी हॉरर स्टोरी का नाम लग सकता है पर जैसे-जैसे कहानी में आगे बढ़ेंगे तो ये भूत आपको कुछ अलग लगेगा, अंगूठी भी आपको कुछ अलग लगेगी और कहानी बहुत ही अलग लगेगी। जय, नेहा और अनिल आपको अपनी ज़िंदगी से जुड़े लगेंगे। आप इन किरदारों को अपने आस-पास महसूस भी कर पाएंगे। आम किरदारों के साथ जो घटनाएं घटीं वो ही इसे खास बनाती हैं। कहानी कई पड़ावो से होते हुए सीधे अपने संदेश की तरफ बढ़ती है, भटकती नहीं है। ये कहानी ‘काश’ से उपजी ज़रूर है पर रिश्तों को बेहतर बनाने के लिए अहम मंत्र साथ लिए चलती है। कहानी का बड़ा हिस्सा रूमानियत से भरा है, पर संदेश रिश्तों में आड़े आती सोच पर सीधा प्रहार करता है। जब ये सोच बदलेगी तो काश! की ज़रूरत कम पड़ेगी तथा ज़िंदगी और समाज बेहतर होंगे।.
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Description
काश! कुछ ऐसा होता कि कोई अपना हमारे पास होता। काश! वो कुछ बदला होता तो बात अलग होती। काश! उसने मुझे समझा होता। ज़िंदगी इसी ‘काश’ के चारों तरफ घूमती है। इस ‘काश’ में बहुत से सपने, बहुत सी उम्मीदें, बहुत सारी संभावनाएं और बहुत सारा दर्द जुड़ा रहता है। इन्हीं से जुड़ी कहानी है ‘अंगूठी का भूत’। पहली नज़र में आपको ये साधारण-सी हॉरर स्टोरी का नाम लग सकता है पर जैसे-जैसे कहानी में आगे बढ़ेंगे तो ये भूत आपको कुछ अलग लगेगा, अंगूठी भी आपको कुछ अलग लगेगी और कहानी बहुत ही अलग लगेगी। जय, नेहा और अनिल आपको अपनी ज़िंदगी से जुड़े लगेंगे। आप इन किरदारों को अपने आस-पास महसूस भी कर पाएंगे। आम किरदारों के साथ जो घटनाएं घटीं वो ही इसे खास बनाती हैं। कहानी कई पड़ावो से होते हुए सीधे अपने संदेश की तरफ बढ़ती है, भटकती नहीं है। ये कहानी ‘काश’ से उपजी ज़रूर है पर रिश्तों को बेहतर बनाने के लिए अहम मंत्र साथ लिए चलती है। कहानी का बड़ा हिस्सा रूमानियत से भरा है, पर संदेश रिश्तों में आड़े आती सोच पर सीधा प्रहार करता है। जब ये सोच बदलेगी तो काश! की ज़रूरत कम पड़ेगी तथा ज़िंदगी और समाज बेहतर होंगे।.
About Author
मनीश शर्मा फ़िलहाल न्यूज़ चैनल एबीपी न्यूज में सीनियर प्रोड्यूसर के तौर पर काम कर रहे हैं। पिछले 14 वर्षों से एबीपी न्यूज़ के साथ जुड़े हैं और 20 साल के करियर में करीब 12 साल टीवी पर एंकरिंग की है। स्टार न्यूज़, ज़ी न्यूज़, ई टीवी मध्य प्रदेश और इन टीवी में भी एंकर के तौर पर काम कर चुके हैं। पेशे से पत्रकार हैं लेकिन दिलचस्पी अपने को अभिव्यक्त करने में रही है। स्वच्छता मिशन पर व्यंग्य संग्रह गंदगी के महारथी प्रकाशित हो चुका है। शिक्षा में पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी में एमए किया है।.
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