Zero Road
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ज़ीरो रोड –
हिन्दी की प्रख्यात कथा-लेखिका नासिरा शर्मा का नवीनतम उपन्यास है ‘ज़ीरो रोड’। इसका कथानक इलाहाबाद के ठहरे और पिछड़े मोहल्ले ‘चक’ से शुरू होकर दुबई जैसे अत्याधुनिक व्यापारिक नगर की रफ़्तार की ओर हमें ले जाता है। यह वह नगर है जहाँ लगभग सौ राष्ट्रों के लोग अपनी रोज़ी-रोटी कमाने के लिए रेगिस्तान में जमा हुए हैं। दरअसल ये अपनी मर्ज़ी से यहाँ नहीं आये हैं बल्कि अपने हालात से उखड़े वे लोग हैं जो बम-संस्कृति से खदेड़े गये हैं, निराश्रित हैं और अपने ख़्वाब एवं ख़याल को ढूँढ़ते, फिर से जीने के लिए कमर कसे हैं।
ताज्जुब तो यह है कि इन्सानों ने जिस धरती को भौतिक सुख-सुविधाओं से सजाया है उसी की हर राह शून्य पर जाकर समाप्त होती है। साँसों का गणित और जीवन के आयाम जो भी हों, एक यथार्थ सामने है कि ज़ालिम और ज़ुल्म सहनेवाले दोनों ही ज़ीरो रोड पर एक-दूसरे के सामने ख़ुद को खड़ा पाते हैं।
संसार के मानचित्र पर खड़े विभिन्न देश, भाषा, धर्म, रंग के लोग एक ही अनुभव से गुज़र रहे हैं। सबके अन्दर एक ही राग है जिसे पीड़ा कहा जा सकता है। और उसी पीड़ा को पकड़ने की कोशिश नासिरा जी ने इस उपन्यास में की है जो किसी एक का नहीं, सबका सच है–’ज़ीरो रोड’।
ज़ीरो रोड –
हिन्दी की प्रख्यात कथा-लेखिका नासिरा शर्मा का नवीनतम उपन्यास है ‘ज़ीरो रोड’। इसका कथानक इलाहाबाद के ठहरे और पिछड़े मोहल्ले ‘चक’ से शुरू होकर दुबई जैसे अत्याधुनिक व्यापारिक नगर की रफ़्तार की ओर हमें ले जाता है। यह वह नगर है जहाँ लगभग सौ राष्ट्रों के लोग अपनी रोज़ी-रोटी कमाने के लिए रेगिस्तान में जमा हुए हैं। दरअसल ये अपनी मर्ज़ी से यहाँ नहीं आये हैं बल्कि अपने हालात से उखड़े वे लोग हैं जो बम-संस्कृति से खदेड़े गये हैं, निराश्रित हैं और अपने ख़्वाब एवं ख़याल को ढूँढ़ते, फिर से जीने के लिए कमर कसे हैं।
ताज्जुब तो यह है कि इन्सानों ने जिस धरती को भौतिक सुख-सुविधाओं से सजाया है उसी की हर राह शून्य पर जाकर समाप्त होती है। साँसों का गणित और जीवन के आयाम जो भी हों, एक यथार्थ सामने है कि ज़ालिम और ज़ुल्म सहनेवाले दोनों ही ज़ीरो रोड पर एक-दूसरे के सामने ख़ुद को खड़ा पाते हैं।
संसार के मानचित्र पर खड़े विभिन्न देश, भाषा, धर्म, रंग के लोग एक ही अनुभव से गुज़र रहे हैं। सबके अन्दर एक ही राग है जिसे पीड़ा कहा जा सकता है। और उसी पीड़ा को पकड़ने की कोशिश नासिरा जी ने इस उपन्यास में की है जो किसी एक का नहीं, सबका सच है–’ज़ीरो रोड’।
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