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Dalit Vimarsh Aur Hindi Sahitya (HB)
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हिन्दी में दलित रचनाकारों की रचनाएँ लगभग तभी से मिलती हैं, जब से हिन्दी साहित्य का आरम्भ होता है।
सिद्धों-नाथों की बानियों से लेकर सन्त साहित्य तक दलित रचनाकारों द्वारा रचित विपुल साहित्य हिन्दी की अमूल्य सम्पदा है।
आधुनिक युग में समता, न्याय और सामाजिक सम्मान के लिए अम्बेडकरवादी वैचारिक प्रेरणा से लिखे गए सामाजिक बदलाव के साहित्य को ‘दलित साहित्य’ की संज्ञा प्राप्त हुई। सचेत अम्बेडकरवादी प्रेरणा का साहित्य हिन्दी से पहले ही मराठी आदि अन्य भारतीय भाषाओं में लिखा गया। पिछली सदी में 1980 के दशक से हिन्दी का दलित लेखन परिमाण और गुणवता, दोनों ही स्तरों पर अपनी सुस्पष्ट स्वतंत्र पहचान बनाता है।
दलित साहित्य अखिल भारतीय परिघटना है। हिन्दी में पिछले चार दशक से सक्रिय दलित रचनाकारों की अनेक पीढ़ियों के प्रतिनिधि स्वरों से रचा गया यह संकलन वक़्त की माँग है।
हिन्दी में दलित रचनाकारों की रचनाएँ लगभग तभी से मिलती हैं, जब से हिन्दी साहित्य का आरम्भ होता है।
सिद्धों-नाथों की बानियों से लेकर सन्त साहित्य तक दलित रचनाकारों द्वारा रचित विपुल साहित्य हिन्दी की अमूल्य सम्पदा है।
आधुनिक युग में समता, न्याय और सामाजिक सम्मान के लिए अम्बेडकरवादी वैचारिक प्रेरणा से लिखे गए सामाजिक बदलाव के साहित्य को ‘दलित साहित्य’ की संज्ञा प्राप्त हुई। सचेत अम्बेडकरवादी प्रेरणा का साहित्य हिन्दी से पहले ही मराठी आदि अन्य भारतीय भाषाओं में लिखा गया। पिछली सदी में 1980 के दशक से हिन्दी का दलित लेखन परिमाण और गुणवता, दोनों ही स्तरों पर अपनी सुस्पष्ट स्वतंत्र पहचान बनाता है।
दलित साहित्य अखिल भारतीय परिघटना है। हिन्दी में पिछले चार दशक से सक्रिय दलित रचनाकारों की अनेक पीढ़ियों के प्रतिनिधि स्वरों से रचा गया यह संकलन वक़्त की माँग है।
About Author
दीपक कुमार पाण्डेय
जन्म : 10 अगस्त, 1990; ग्राम—भीमपुर, ज़िला—भदोही (उ.प्र.)।
शिक्षा : स्नातक तथा परास्नातक इलाहाबाद विश्वविद्यालय से प्रथम श्रेणी में उतीर्ण।
पुरस्कार : परास्नातक में सर्वोच्च अंक के साथ वरीयता क्रम में प्रथम स्थान प्राप्त करने हेतु बैंक ऑफ़ बड़ौदा की ‘मेधावी विद्यार्थी सम्मान’ योजना के अन्तर्गत प्रशस्ति पत्र।
भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा भोपाल (म.प्र.) में आयोजित 10वें विश्व हिन्दी सम्मेलन में ‘हिन्दी में विज्ञान लेखन : समस्या एवं समाधान’ विषय पर पत्रवाचन।
सम्प्रति : हिन्दी और आधुनिक भारतीय भाषा विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद में ‘हिन्दी के दलित और ग़ैर-दलित कवियों की दलित सम्बन्धी कविताओं का तुलनात्मक अध्ययन’ विषय पर प्रो. मुश्ताक़ अली के निर्देशन में शोधरत।
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