Visthapan, Smriti Aur Sanskritik Nagrikta

Publisher:
Vani Prakashan
| Author:
मधु साहनी, शांभवी प्रकाश, लिपि बिस्वास सेन
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Vani Prakashan
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मधु साहनी, शांभवी प्रकाश, लिपि बिस्वास सेन
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Hindi
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Hardback

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222

इस बहुविषयक परियोजना के तहत मौखिक व लिखित वृत्तान्त व सैद्धान्तिक लेख ‘मेमरी स्टडीज़’ अर्थात् स्मृति अध्ययन के क्षेत्र से जुड़े हैं जो बहुभाषिकता, परासांस्कृतिक प्रवास पर केन्द्रित हैं और उन प्रवासियों पर प्रकाश डालते हैं जिनके पास मातृभूमि त्यागने के अतिरिक्त कोई और विकल्प न था। ये हिन्दी अनुवाद पाँच भाषाओं के स्वाभाविक मिले-जुले अस्तित्व के आधार पर किया गया है, जो राष्ट्र, जाति व लिंग की सीमाओं से परे जाने का एक सार्थक प्रयास है। प्रस्तुत अनुवाद संग्रह योहान वोल्फगांग फॉन ग्योठे द्वारा रचित ‘विश्व-साहित्य की परिकल्पना की ओर किंचित मात्र योगदान है जो मनुष्य और मानवीयता को सम्मिलित करता है और इस प्रक्रिया में भी विलक्षण को सार्वभौमिकता के दायरे में रखता है।

“ तीन देशों ने मुझे बाहर थूक दिया जैसे एक लाश को तूफ़ानी समुद्र बाहर थूक देता है।

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इस बहुविषयक परियोजना के तहत मौखिक व लिखित वृत्तान्त व सैद्धान्तिक लेख ‘मेमरी स्टडीज़’ अर्थात् स्मृति अध्ययन के क्षेत्र से जुड़े हैं जो बहुभाषिकता, परासांस्कृतिक प्रवास पर केन्द्रित हैं और उन प्रवासियों पर प्रकाश डालते हैं जिनके पास मातृभूमि त्यागने के अतिरिक्त कोई और विकल्प न था। ये हिन्दी अनुवाद पाँच भाषाओं के स्वाभाविक मिले-जुले अस्तित्व के आधार पर किया गया है, जो राष्ट्र, जाति व लिंग की सीमाओं से परे जाने का एक सार्थक प्रयास है। प्रस्तुत अनुवाद संग्रह योहान वोल्फगांग फॉन ग्योठे द्वारा रचित ‘विश्व-साहित्य की परिकल्पना की ओर किंचित मात्र योगदान है जो मनुष्य और मानवीयता को सम्मिलित करता है और इस प्रक्रिया में भी विलक्षण को सार्वभौमिकता के दायरे में रखता है।

“ तीन देशों ने मुझे बाहर थूक दिया जैसे एक लाश को तूफ़ानी समुद्र बाहर थूक देता है।

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