Urja Sankat Aur Hamara Bhavishya (HB)

Publisher:
Rajkamal
| Author:
Gunakar Muley
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Rajkamal
Author:
Gunakar Muley
Language:
Hindi
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Hardback

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वर्तमान ऊर्जा-संकट का प्रभाव समाज के सभी वर्गों पर पड़ रहा है। कोयले और तेल की कमी से किसानों, कारख़ानों और घरेलू उपयोग के लिए बिजली का नियमित मिलना कठिन हो गया है। आज साधारण जन यह जानने के लिए उत्सुक है कि इस संकट का निवारण कब और कैसे होगा?
खनिज तेल की कमी और उसके मूल्यों में अत्यधिक वृद्धि के कारण हमें सौर-ऊर्जा, परमाणु-ऊर्जा, तप्तकुंड-ऊर्जा, ज्वार-भाटा तथा पवन-ऊर्जा की ओर ध्यान देना होगा, क्योंकि ऊर्जा के ये स्रोत सस्ते तथा न ख़त्म होनेवाली ऊर्जा हैं। बिजली हमारी मूलभूत आवश्यकता है, मगर जिस रफ़्तार से इसकी खपत हो रही है, उस हिसाब से भविष्य में हम इससे वंचित हो सकते हैं।
प्रसिद्ध विज्ञान-लेखक गुणाकर मुळे की यह पुस्तक ऊर्जा के विभिन्न स्रोतों की आधारभूत जानकारी देती है, और बताती है कि इस समय ऊर्जा उत्पादन और संरक्षण को लेकर भारत की क्या स्थिति है? ऊर्जा के नए स्रोत क्या हो सकते हैं? सूर्य, जल, वायु और परमाणु आदि स्रोतों से ऊर्जा प्राप्त करने की दिशा में क्या कोशिशें की जा रही हैं, यह पुस्तक ऐसे तमाम प्रश्नों का उत्तर देने का प्रयास करती है।

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Description

वर्तमान ऊर्जा-संकट का प्रभाव समाज के सभी वर्गों पर पड़ रहा है। कोयले और तेल की कमी से किसानों, कारख़ानों और घरेलू उपयोग के लिए बिजली का नियमित मिलना कठिन हो गया है। आज साधारण जन यह जानने के लिए उत्सुक है कि इस संकट का निवारण कब और कैसे होगा?
खनिज तेल की कमी और उसके मूल्यों में अत्यधिक वृद्धि के कारण हमें सौर-ऊर्जा, परमाणु-ऊर्जा, तप्तकुंड-ऊर्जा, ज्वार-भाटा तथा पवन-ऊर्जा की ओर ध्यान देना होगा, क्योंकि ऊर्जा के ये स्रोत सस्ते तथा न ख़त्म होनेवाली ऊर्जा हैं। बिजली हमारी मूलभूत आवश्यकता है, मगर जिस रफ़्तार से इसकी खपत हो रही है, उस हिसाब से भविष्य में हम इससे वंचित हो सकते हैं।
प्रसिद्ध विज्ञान-लेखक गुणाकर मुळे की यह पुस्तक ऊर्जा के विभिन्न स्रोतों की आधारभूत जानकारी देती है, और बताती है कि इस समय ऊर्जा उत्पादन और संरक्षण को लेकर भारत की क्या स्थिति है? ऊर्जा के नए स्रोत क्या हो सकते हैं? सूर्य, जल, वायु और परमाणु आदि स्रोतों से ऊर्जा प्राप्त करने की दिशा में क्या कोशिशें की जा रही हैं, यह पुस्तक ऐसे तमाम प्रश्नों का उत्तर देने का प्रयास करती है।

About Author

गुणाकर मुळे

जन्म : विदर्भ के अमरावती ज़िले के सिन्‍दी बुजरूक गाँव में 3 जनवरी, 1935 को। आरम्भिक पढ़ाई गाँव के मराठी माध्यम के स्कूल में। स्नातक और स्नातकोत्तर (गणित) अध्ययन इलाहाबाद विश्वविद्यालय में। आरम्‍भ से ही स्वतंत्र लेखन। विज्ञान, विज्ञान का इतिहास, पुरातत्‍त्‍व, पुरालिपिशास्त्र, मुद्राशास्त्र और भारतीय इतिहास व संस्कृति से सम्‍बन्धित विषयों पर क़रीब 35 मौलिक पुस्तकें और 3000 से ऊपर लेख हिन्‍दी में और लगभग 250 लेख अंग्रेज़ी में प्रकाशित। विज्ञान, इतिहास और दर्शन से सम्‍‍बन्धित दर्जन-भर ग्रन्‍थों का हिन्‍दी में अनुवाद।

सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केन्‍द्र (नई दिल्ली) द्वारा अध्यापकों के लिए आयोजित प्रशिक्षण-शिविरों में लगभग एक दशक तक वैज्ञानिक विषयों पर व्याख्यान देते रहे।

भारतीय इतिहास अनुसन्‍धान परिषद् (नई दिल्ली) द्वारा प्रदत्त सीनियर फ़ेलोशिप के अन्‍तर्गत 'भारतीय विज्ञान और टेक्नोलॉजी का इतिहास’ से सम्‍बन्धित साहित्य का अध्ययन-अनुशीलन। विज्ञान प्रसार (विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार) के दो साल फ़ेलो रहे।

प्रमुख कृतियाँ : ‘अंक-कथा’, ‘अक्षर-कथा’, ‘भारत : इतिहास और संस्कृति’, ‘आकाश-दर्शन’, ‘संसार के महान गणितज्ञ’, ‘तारों भरा आकाश’, ‘भारतीय इतिहास में विज्ञान’, ‘नक्षत्रलोक’, ‘अन्‍तरिक्ष-यात्रा’, ‘सौर-मंडल’, ‘ब्रह्मांड परिचय’, ‘एशिया के महान वैज्ञानिक’, ‘काल की वैज्ञानिक अवधारणा’, ‘रॉकेट की कहानी’, ‘सूरज चाँद सितारे’, ‘गणित से झलकती संस्‍कृति’, ‘ज्‍योतिष : विकास, प्रकार और ज्‍योतिर्विद्’, ‘सूर्य’, ‘महान वैज्ञानिक’, ‘आधुनिक भारत के महान वैज्ञानिक’, ‘प्राचीन भारत के महान वैज्ञानिक’, ‘अंकों की कहानी’, ‘अक्षरों की कहानी’, ‘ज्‍यामिति की कहानी’, ‘आर्यभट’, ‘अल्‍बर्ट आइंस्‍टाइन’, ‘पास्‍कल’, ‘केपलर’, ‘आर्किमिडीज़’, ‘भास्कराचार्य’, ‘मेंडेलीफ’, ‘महापंडित राहुल सांकृत्यायन’, ‘महाराष्ट्र के दुर्ग’, ‘गणितज्ञ-ज्योतिषी आर्यभट’, ‘भारतीय अंक-पद्धति की कहानी’, ‘भारतीय लिपियों की कहानी’, ‘भारतीय विज्ञान की कहानी’, ‘भारतीय सिक्कों का इतिहास’, ‘कंप्यूटर क्या है’, ‘कैसी होगी 21वीं सदी’, ‘खंडहर बोलते हैं’, ‘बीसवीं सदी में भौतिक विज्ञान’, ‘कृषि-कथा’, ‘महान वैज्ञानिक महिलाएँ’, ‘प्राचीन भारत में विज्ञान’, ‘भारत के प्रसिद्ध किले’, ‘हमारी प्रमुख राष्ट्रीय प्रयोगशालाएँ’, ‘गणित की पहेलियाँ’, ‘भारत : इतिहास, संस्कृति और विज्ञान’, ‘आपेक्षिकता-सिद्धान्‍त क्‍या है?’ (अनुवाद) आदि।

पुरस्कार-सम्मान : हिन्‍दी अकादमी (दिल्ली) का ‘साहित्य सम्मान’। केन्‍द्रीय हिन्‍दी संस्थान (आगरा) का ‘आत्माराम पुरस्कार’। बिहार सरकार के राजभाषा विभाग का ‘जननायक कर्पूरी ठाकुर पुरस्कार’। मराठी विज्ञान परिषद् (मुम्‍बई) द्वारा श्रेष्ठ विज्ञान-लेखन के लिए सम्मानित। 'आकाश-दर्शन’ व 'संसार के महान गणितज्ञ’ ग्रन्‍थों के लिए प्रथम ‘मेघनाद साहा पुरस्कार’। राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद् (NCSTC) का ‘राष्ट्रीय पुरस्कार’।

निधन : 16 अक्टूबर, 2009

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