The Boss

Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Prakash Biyani & Kamlesh Maheshwari
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Prabhat Prakashan
Author:
Prakash Biyani & Kamlesh Maheshwari
Language:
Hindi
Format:
Hardback

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Book Type

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276

सितारों की तरफ छलाँग लगाएँगे तो चाँद मिले या नहीं, उड़ना सीख जाएँगे। पेड़ की टहनी की ओर हाथ बढ़ाएँगे और गिरे तो धूल-धूसरित ही होंगे। सवा सौ करोड़ भारतीयों में से आज 5 0 फीसदी की औसत उम्र 25 वर्ष है। वे यदि उड़ना सीख जाएँ तो खुद भी अमीर हो सकते हैं और देश भी। यह पुस्तक आपको ऐसे 5 0 उद्यमियों से रूबरू करवा रही है, जिन्होंने एक उड़ान भरी और वे बन गए हैं खुद के बॉस।

महत्त्वपूर्ण यह नहीं है कि ये कब शिखर पर पहुँचेंगे, महत्त्वपूर्ण है इनसे मिलने वाला यह सबक—

‘‘ग्लोबल मार्केट का हिस्सा बन जाने के बाद हमारे देश में अमीर बनना आसान हो गया है, पर विरासत में मिली भरी पूँजी या किसी प्रतिष्‍ठित यूनिवर्सिटी की भारी-भरकम डिग्री, दोनों ही अमीर नहीं बनातीं। इसके लिए चाहिए बस एक नया सोच और उसे साकार करने का संकल्प, साहस व सूझबूझ!’’

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Description

सितारों की तरफ छलाँग लगाएँगे तो चाँद मिले या नहीं, उड़ना सीख जाएँगे। पेड़ की टहनी की ओर हाथ बढ़ाएँगे और गिरे तो धूल-धूसरित ही होंगे। सवा सौ करोड़ भारतीयों में से आज 5 0 फीसदी की औसत उम्र 25 वर्ष है। वे यदि उड़ना सीख जाएँ तो खुद भी अमीर हो सकते हैं और देश भी। यह पुस्तक आपको ऐसे 5 0 उद्यमियों से रूबरू करवा रही है, जिन्होंने एक उड़ान भरी और वे बन गए हैं खुद के बॉस।

महत्त्वपूर्ण यह नहीं है कि ये कब शिखर पर पहुँचेंगे, महत्त्वपूर्ण है इनसे मिलने वाला यह सबक—

‘‘ग्लोबल मार्केट का हिस्सा बन जाने के बाद हमारे देश में अमीर बनना आसान हो गया है, पर विरासत में मिली भरी पूँजी या किसी प्रतिष्‍ठित यूनिवर्सिटी की भारी-भरकम डिग्री, दोनों ही अमीर नहीं बनातीं। इसके लिए चाहिए बस एक नया सोच और उसे साकार करने का संकल्प, साहस व सूझबूझ!’’

About Author

प्रकाश बियानी—कॉरपोरेट इतिहासकार प्रकाश बियानी की यह ग्यारहवीं पुस्तक है। श्री बियानी की पूर्व प्रकाशित पुस्तकों में बहुपठित हैं—‘शून्य से शिखर’, ‘जी. वित्तमंत्री जी’, ‘इस्पात पुरुष लक्ष्मी मित्तल’, ‘इंडियन बिजनेस वुमेन’, ‘25 सुपर ब्रांड्स’ एवं ‘खदान से ख्वाबों तक संगमरमर’। बिजनेस वर्ल्ड पर हिंदी में पहली बार प्रकाशित इन पुस्तकों को प्रबुद्ध पाठकों, विशेषकर बी-स्कूल के छात्रों ने खूब सराहा है। उनकी पुस्तकों के गुजराती, मराठी संस्करण भी लोकप्रिय हुए हैं। ‌किशोर उम्र से लेखन कार्य कर रहे श्री बियानी ने 25 वर्ष (1968-93) भारतीय स्टेट बैंक में महत्वपूर्ण दायित्व सँभालने के बाद दस वर्ष (1994-2003) भास्कर समूह में कॉरपोरेट संपादक का दायित्व सँभाला है। उनके दो हजार से ज्यादा लेख, साक्षात्कार विभिन्‍न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। सन् 2003 से फ्रीलांस लेखक के रूप में कार्यरत श्री बियानी विभिन्‍न पत्र-पत्रिकाओं के निय‌िमत स्तंभ लेखक भी हैं। मो 9303223928 prakashbiyani@yahoo.co.in, www.prakashbiyani.com कमलेश माहेश्‍वरी—नई पीढ़ी के टेक्नोक्रेट जर्नलिस्ट हैं। दैनिक भास्कर पत्रकारिता अकादमी से प्रशिक्षित श्री माहेश्‍वरी पिछले 15 वर्षों से मीडिया वर्ल्ड में सक्रिय हैं। ‘दैनिक भास्‍कर’ के भोपाल संस्करण से अपना कॅरियर शुरू करने वाले श्री महेश्‍वरी के दो हजार से ज्यादा लेख-आलेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। भास्कर समूह की बहुचर्चित पत्रिका ‘आह. जिंदगी’ के संपादक मंडल में तीन वर्ष तक सक्रिय सदस्य रहे, वर्तमान में मुंबई स्थित देश के एक प्रतिष्‍ठ‌िति कॉरपोरेट हाउस में कार्यरत हैं। प्रकाश बियाणी की पुस्तकों के सहलेखक कमलेश माहेश्‍वरी का मानना है कि नॉलेज इकोनॉमी के वर्तमान युग में तकनीक आधारित ज्ञान से मीडिया वर्ल्ड में नए आयाम स्‍थापित किए जा सकते हैं

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