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EK SHAM PARIVAR KE NAAM

Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Pt Vijay Shankar Mehta
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Prabhat Prakashan
Author:
Pt Vijay Shankar Mehta
Language:
Hindi
Format:
Hardback

188

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1-4 Days

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Book Type

ISBN:
Categories: ,
Page Extent:
128

आनेवाले 20 वर्षों में भारत दुनिया के विकसित देशों में होगा; लेकिन इसी के साथ चिंता भी होती है कि हमारे पास जब सबकुछ होगा तो कहीं हम परिवार से हाथ न ध्वनिधूपो बैठें। आज टूटन व बिखराव की ध्वनि परिवारों से निकलने लगी है। इसलिए यह आवश्यक है कि हम जानें कि परिवार कैसे बचाए जाएँ। लेखक ने अपनी कथाओं में इसी समस्या पर ध्यान केंद्रित किया है और यह पुस्तक भी इसी भाव को समर्पित है। ‘एक शाम परिवार के नाम’ लेखक का एक व्याख्यान है, जिसे खूब सुना जाता है। इस पुस्तक में उसी व्याख्यान के अंश समाहित हैं। हनुमानजी महाराज परिवार के देवता हैं, अतः जीवन उन्हीं के आसपास बीतता है। लेखक का कहना है कि मैं ‘हनुमान चालीसा’ ओढ़ता हूँ, बिछाता हूँ। परिवार में माधुर्य, पारस्परिकता, प्रेमभाव और एकात्मता जाग्रत् करनेवाली प्रेरक पुस्तक।.

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Description

आनेवाले 20 वर्षों में भारत दुनिया के विकसित देशों में होगा; लेकिन इसी के साथ चिंता भी होती है कि हमारे पास जब सबकुछ होगा तो कहीं हम परिवार से हाथ न ध्वनिधूपो बैठें। आज टूटन व बिखराव की ध्वनि परिवारों से निकलने लगी है। इसलिए यह आवश्यक है कि हम जानें कि परिवार कैसे बचाए जाएँ। लेखक ने अपनी कथाओं में इसी समस्या पर ध्यान केंद्रित किया है और यह पुस्तक भी इसी भाव को समर्पित है। ‘एक शाम परिवार के नाम’ लेखक का एक व्याख्यान है, जिसे खूब सुना जाता है। इस पुस्तक में उसी व्याख्यान के अंश समाहित हैं। हनुमानजी महाराज परिवार के देवता हैं, अतः जीवन उन्हीं के आसपास बीतता है। लेखक का कहना है कि मैं ‘हनुमान चालीसा’ ओढ़ता हूँ, बिछाता हूँ। परिवार में माधुर्य, पारस्परिकता, प्रेमभाव और एकात्मता जाग्रत् करनेवाली प्रेरक पुस्तक।.

About Author

नई दृष्टि और अद्भुत वाक्शैली के साथ धर्म व अध्यात्म पर व्याख्यान के लिए देश और दुनिया में जाने जाते हैं पं. विजयशंकर मेहता। वर्ष 2004 से अब तक 70 विषयों पर लगभग 2, 000 व्याख्यान दे चुके हैं। 20 वर्ष रंगकर्मपत्रकारिता में बिताने के बाद 11 वर्षों से आध्यात्मिक विषयों पर व्याख्यान का लोकप्रिय सिलसिला जीवन से जोड़ते हुए नई दृष्टि से श्रीमद्भागवत, श्रीरामकथा, शिवपुराण तथा हनुमतचरित्र पर कथा कह रहे हैं। युवाओं के बीच ‘मेरा प्रबंधक मैं’ जैसे विचार के लिए लगातार आमंत्रित। ‘दैनिक भास्कर’ के ‘जीने की राह’ कॉलम के लेखक के रूप में खूब पढ़े जा रहे हैं। प्रतिवर्ष देश के पाँच प्रमुख शहरों— रायपुर, इंदौर, जयपुर, डोंबिवली एवं राँची में श्री हनुमान चालीसा के सवा करोड़ जप के आयोजन में देशदुनिया के लोग सहभागिता करते हैं। जीवन प्रबंधन समूह के पाँच उद्देश्यों को लेकर हर वर्ग के बीच जा रहे हैं—1. हनुमान चालीसा मंत्र बने, 2. हनुमानजी माताओंबहनों के जीवन में उतरें, 3. हनुमानजी युवाओं के रोल मॉडल बनें, 4. पूजापाठ से पाखंड हटाना, 5. परिवार बचाओ अभियान।.

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